बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज स्पीकर पद का चुनाव हुआ। 51 साल बाद हुए स्पीकर पद के चुनाव में भाजपा के विधायक विजय सिन्हा को जीत मिली है। वहीं, चुनाव के दौरान विपक्ष ने सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति को लेकर हंगामा किया । विपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार विधायक नहीं हैं, इसलिए उन्हें सदन से बाहर भेजा जाए। यहां पढ़ें सदन की कार्यवाही से जुड़े लाइव अपडेट्स…
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भाजपा विधायक विजय सिन्हा स्पीकर चुने गए
बिहार विधानसभा के लिए भाजपा के विधायक विजय सिन्हा को स्पीकर चुना गया है। महागठबंधन के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को हार मिली है। विजय सिन्हा के पक्ष में 126 वोट पड़े। वहीं, महागठबंधन उम्मीदवार को 114 विधायकों का समर्थन रहा।
Patna: Bharatiya Janata Party MLA Vijay Sinha elected as the Speaker of Bihar Assembly pic.twitter.com/SMbhWaRHeM
— ANI (@ANI) November 25, 2020
मनोज झा ने भी नीतीश की मौजूदगी पर उठाया सवाल
राजद नेता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने भी नीतीश कुमार की मौजूदगी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा में लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। जनादेश का अपहरण किया जा रहा है। झा ने कहा, सदन में नीतीश कुमार क्यों मौजूद हैं, जबकि वह विधायक ही नहीं हैं। विपक्ष ने मांग की है कि नीतीश कुमार को सदन से बाहर किया जाए, क्योंकि वह विधायक नहीं हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सदन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई। इसके अलावा, अशोक चौधरी और मुकेश सहनी की भी उपस्थिति पर आपत्ति जताई गई। इस दौरान नारेबाजी भी की गई।
मांझी बोले, सीएम के नाते रहे सकते हैं मौजूद
हालांकि, प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए वह सदन में मौजूद रह सकते हैं। मांझी ने कहा, ‘नीतीश कुमार स्पीकर पद के लिए हो रहे चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन वह सदन में रहेंगे।’ बता दें कि नीतीश कुमार विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। वह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।
राबड़ी देवी सीएम थीं तब लालू मौजूद रहे थे
बिहार विस में इससे पहले भी स्पीकर के चुनाव के वक्त दूसरे सदन के सदस्य मौजूद रहे हैं। जब राबड़ी देवी बिहार की सीएम थीं, तब उनके पति लालू प्रसाद यादव सांसद होने के बावजूद सदन में मौजूद रहे थे।
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इसलिए है ऐतिहासिक चुनाव
बिहार विधानसभा के स्पीकर का चुनाव इस बार 51 साल बाद ऐतिहासिक इसलिए है, क्योंकि एक से अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं। आमतौर पर सत्तापक्ष के पास बहुमत होने से उसके प्रत्याशी को सर्वसम्मति से स्पीकर चुन लिया जाता है। इससे पहले 1969 में ऐसी स्थिति बनी थी। तब सत्ता पक्ष ने रामनारायण मंडल को प्रत्याशी बनाया था जबकि विपक्ष की ओर से रामदेव प्रसाद दावेदार थे। आखिरकार मंडल जीत गए थे।
प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी की मौजूदगी में मतदान कराया जा रहा है। पहले ध्वनिमत से फैसला होगा। लेकिन आपत्ति जताए जाने पर लॉबी में टिक मार्क लगाकर सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को चुनेंगे। महागठबंधन की तरफ से राजद विधायक अवध बिहारी को उम्मीदवार बनाया गया है। दूसरी तरफ, एनडीए की तरफ से भाजपा विधायक विजय सिन्हा को मैदान में उतारा गया है।