‘राम नाम सत्य’ का अल्टिमेटम, लव जिहाद पर योगी आदित्यनाथ को क्यों होना पड़ा सख्त? – Navbharat Times

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad in Uttar Pradesh) के ढेरों मामलों ने प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया था। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जौनपुर में इन मामलों में सख्ती दिखाते हुए अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की बात कही है। योगी ने कहा कि छद्म भेष में, नाम छिपाकर जो लोग बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्हें मैं चेतावनी देता हूं कि उनकी राम-नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है। अब जरा एक नजर में उन मामलों को भी देख लेते हैं जिनकी वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पारा बढ़ा।












लव जिहाद पर कानून लाएंगे योगी, ‘राम नाम सत्य’ की चेतावनी

16 नवंबर को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र में रहने वाली 13 वर्षीय नाबालिग छात्रा के पिता का निधन हो चुका है। नाबालिग 7वीं में पढ़ती है और मां के साथ रहती है। वहीं, आरोपी युवक मोहम्मद ओवैस उर्फ बाबू बाबूपुरवा कोतवाली क्षेत्र के अजीतगंज का रहने वाला है। वह मजदूरी का काम करता है। आरोप है कि वह नाबालिग को नमाज पढ़ने के तौर-तरीके सिखा रहा था। छात्रा की मां ने युवक पर लव जिहाद का आरोप लगाया है। उन्‍होंने बताया कि एक महीने पहले घर के बगल में खाली प्‍लॉट में निर्माण कार्य चल रहा था। आरोपी युवक वहां पर मजदूरी करने आया था। युवक अक्सर उनके घर पर ठंडा पानी लेने के लिए आया करता था। उसने अपना नाम बाबू बताया था। पूछने के बाद बावजूद भी उसने अपनी धार्मिक पहचान छिपाई थी। इसी दौरान उसने बेटी को प्रेमजाल में फांस लिया। बाबू उर्फ मोहम्‍मद ओवैस और उसकी बहन माही हयात फोन पर बेटी से बातचीत करते थे। भाई-बहन मिलकर बेटी का ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे।

‘…तब जाकर बताई पहचान’
गोविंद नगर थाना क्षेत्र स्थित गुजैनी में रहने वाली युवती के पिता प्राइवेट नौकरी करते है। पीड़ित परिवार ने बताया कि बेटी 10 सितंबर की शाम 5 बजे जरूरी काम बताकर घर से निकली थी। इसके बाद वह लौटकर नहीं आई। बेटी का मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा था। परिवार ने रात भर बेटी की तलाश की लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। रमन नाम बताकर युवती से दोस्ती करने वाला अफजल अंसारी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक अफजल सऊदी अरब में नौकरी करता है। अफजल और युवती की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। अफजल ने अपना नाम रमन बताया था। युवती को अपने प्रेम जाल में फांसने के बाद उसने अपनी धार्मिक पहचान बताई।

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कई लड़कियों ने बदला धर्म
कानपुर की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों जैसे लाल कॉलोनी, सफेद कॉलोनी, मछरिया,जाजमऊ, सैयद नगर, छावनी जैसे इलाकों में कथित गैंग सक्रिय बताया जाता है। शालिनी यादव से फिजा फातिमा बनी युवती की भी दोस्ती फैसल से फेसबुक के जरिए हुई थी। अब शालिनी ने धर्म परिवर्तन कर फैसल से निकाह कर लिया है। शालिनी यादव समेत कई लड़कियों के धर्म परिवर्तन कर निकाह करने के मामले सामने आए हैं।

‘आत्महत्या करने की धमकी’
अयोध्‍या में लव जिहाद का मामला सामने आया है। एक युवती ने मुस्लिम युवक पर धर्म परिवर्तन करा निकाह करने का आरोप लगाया है। दोनों का एक बेटा भी है। कुछ समय के बाद उसके पति का किसी दूसरी लड़की से प्रेम-प्रसंग हो गया और वह उसे लेकर फरार हो गया। पति अब पत्‍नी पर तलाक देने का दबाव बना रहा है। पीड़ित युवती न्याय के लिए प्रयागराज से लेकर अयोध्या तक दर-दर भटक रही है। उसका कहना है कि पति पहले भी एक लड़की को भगाने के आरोप में जेल जा चुका है। पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी है। युवती का कहना है कि यदि उसे न्याय न मिला तो आत्महत्या कर लेगी।

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‘इश्क फंसाया, फिर की हत्या’
मेरठ के थाना परतापुर के भूड बराल में रहने वाले शमशाद के घर से प्रिया और उसकी बेटी कशिश के शव शमशाद के घर से बरामद हुए थे। इन दोनों को शमशाद ने मार कर अपने ही घर में गाड़ दिया था। इसकी सूचना प्रिया की दोस्त चंचल ने पुलिस थाने में दी थी, जिसके बाद इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ। शमशाद उर्फ अमित गुर्जर ने अपना नाम धर्म बदलकर 4 साल पहले गाजियाबाद निवासी प्रिया से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती की और अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसको लेकर थाना परतापुर के भूड बराल इलाके में रहने लगा।

जानें, कोर्ट ने क्या कहा है
एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टिप्पणी की। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित मैजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। याची ने परिवारवालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में दखल देने पर रोक लगाने की हाई कोर्ट से मांग की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन और अन्य की याचिका पर दिया है।

योगी आदित्यनाथ का पारा क्यों चढ़ा

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