बड़ा खुलासा: मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान भीड़ ने नहीं पुलिस ने की थी फायरिंग, लिपि सिंह पर लटकी कार्रवाई की तलवार – News18 इंडिया

आरोप लग रहा है कि मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज का आदेश एसपी लिपि सिंह ने दिया था.

Munger Violence: CISF की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है. चुनाव आयोग के निर्देश पर मुंगेर में नए एसपी और कलेक्‍टर की नियुक्ति भी हो चुकी है.

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  • Last Updated:
    October 30, 2020, 7:58 AM IST
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पटना. मूर्ति विसर्जन के दौरान बिहार के मुंगेर में हुई हिंसा (Munger Violence) के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सीआइएसएफ (CISF) की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस मामले में पुलिस से भारी चूक हुई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने ही गोली चलाई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसी रिपोर्ट के आधार पर मुंगेर के पूर्व एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. दरअसल, घटना के बाद उन्होंने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की फायरिंग से युवक की मौत हुई थी.

CISF की रिपोर्ट के अनुसार, 26 अक्तूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर CISF के 20 जवानों की टुकड़ी को मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजा गया था. राज्य पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो टुकड़ी में बांट दिया. इनमें से एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया था.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 26 अक्टूबर की रात को करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ. इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मामला बढ़ने के बाद पुलिस की ओर से स्थिति को काबू में करने के लिए सबसे पहले हवाई फायरिंग की गई. इसके कारण ही श्रद्धालु भड़क गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया पर इंसास राइफल से 5.56 एमएम की 13 गोलियां हवा में फायर करने का आरोप लगाया गया है. कहा जा रहा है कि इसी की वजह से भीड़ बेकाबू हो गई थी. इसके बाद पुलिस के जवान अपने-अपने कैंप में सुरक्षित लौट सके.

मुंगेर हिंसा मामले में CISF की रिपोर्ट से खुलासा

बता दें कि मुंगेर में हिंसक घटनाओं (Violent incidents) को देखते हुए चुनाव आयोग ने 3 नवंबर को मुंगेर जिला से सटे सभी जिलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. आयोग ने कहा है कि सभी जिलों में (जो मुंगेर के जिले से सटे हैं) अतिरिक्‍त चौकसी बरती जाए और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए.

चुनाव आयोग ने इसके साथ ही इन जिलों में विशेष पुलिस फोर्स की तैनाती करने और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. मुंगेर में चुनाव कराने गए सभी जवानों को वहां तत्काल रोकने का निर्देश दिया गया है. प्रमुख निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मुंगेर की स्थिति सुधर गई है और बिल्कुल नियंत्रण में है. अधिकारी वहां काम कर रहे हैं. नए डीएम और एसपी ने ज्वाइन कर लिया है और अधिकारियों को कैंप करने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर मुंगेर में हुए हुए बवाल के बाद गुरुवार को शहर में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे. इसको देखते हुए चुनाव आयोग ने मुंगेर की एसपी लिपि सिंह (Lipi Singh) और जिलाधिकारी राजेश मीणा (Rajesh Meena) को हटा दिया. अब इसके बाद जिले में नए अफसरों को नियुक्त कर दिया है.

आईपीएस अफसर मानवजीत सिंह ढिल्लो को मुंगेर का नया एसपी बनाया गया है. वहीं आईएएस रचना पाटिल को मुंगेर जिले का नया जिलाधिकारी बनाया गया है. बता दें कि बीते 26 अक्टूबर को मुंगेर में हिंसा भड़कने के बाद गुरुवार को चुनाव आयोग ने वहां के एसपी और डीएम को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था.

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