यूपी राज्यसभा चुनाव: बीएसपी कैंडिडेट का पर्चा वैध, एसपी कैंडिडेट का निरस्त, जानें पूरा समीकरण – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • यूपी राज्यसभा चुनाव में आया बड़ा ट्विस्ट, बीएसपी प्रत्याशी का पर्चा वैध, एसपी समर्थित कैंडिडेट का पर्चा निरस्त
  • बीएसपी प्रत्याशी रामजीलाल गौतम का पर्चा वैध पाया गया है, निर्दलीय कैंडिडेट प्रकाश बजाज का पर्चा अवैध, फिर निरस्त
  • अब 10 सीटों पर 10 उम्मीदवार रह गए हैं, इसकी वजह से इन सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना बढ़ी

लखनऊ
राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election Latest News) के लिए उत्तर प्रदेश से 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रत्याशी का नामांकन बुधवार को जांच में वैध पाया गया और समाजवादी पार्टी (एसपी) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार का पर्चा निरस्त हो गया। राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक नामांकन पत्रों की जांच में बीएसपी प्रत्याशी रामजी लाल गौतम का पर्चा वैध पाया गया। वहीं, एसपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का नामांकन अवैध पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक अब 10 सीटों पर 10 ही उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं और उन सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना प्रबल हो गई है। उधर, गौतम के नामांकन में प्रस्तावक रहे चार बीएसपी विधायकों असलम राइनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी और हाकिम लाल बिंद ने बुधवार को ही निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए शपथपत्र में कहा था कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीएसपी प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किए गए उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं। उस वक्त ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीएसपी प्रत्याशी गौतम का पर्चा खारिज हो सकता है।

‘सभी हस्ताक्षर असली हैं’
विधानसभा में बीएसपी के नेता लालजी वर्मा ने फर्जी हस्ताक्षर के आरोपों को गलत बताते हुए कहा, ‘हमने तीन सेट नामांकन दाखिल किए थे। उनमें से दो पर आपत्ति हुई है। हमारा एक नामांकन पत्र वैध है। जहां तक हस्ताक्षर का सवाल है तो सभी असली हैं। नामांकन के समय के फोटोग्राफ भी मौजूद हैं, इसलिए इस बारे में कोई सवाल नहीं उठता कि ये विधायक नामांकन के वक्त मौजूद नहीं थे।’

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अब साफ हो गया है चुनाव
10 सीटों के लिए होने वाले इस चुनाव में बीजेपी ने आठ प्रत्याशी उतारकर एक तरह से बीएसपी की मदद की थी। माना भी जा रहा था कि अगर प्रकाश बजाज का नामांकन नहीं होता तो एसपी और बीएसपी के एक-एक प्रत्याशी के साथ बीजेपी के आठ प्रत्याशियों के बीच चुनाव ही नहीं होता और सभी 10 प्रत्याशी जीत जाते। 11वें उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने के बाद यह गणित एकदम स्पष्ट हो चुका है।

क्या है विधायकों की स्थिति?
वर्तमान विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से देखें तो बीजेपी के पास 304 विधायक हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। यानी 296 विधायकों के बल पर बीजेपी के आठ प्रत्याशियों की जीत तय है। आठ सीटें जिताने के बाद बीजेपी के पास अपने आठ विधायक बच रहे हैं। जबकि, नौ विधायक बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास हैं।












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