CM Yogi Adityanath takes out Vijay Julus on Vijayadashami as Gorakshapeethadheeshwar of Gorakhnath Math in Gorakhpur – दैनिक जागरण

गोरखपुर [डॉ. राकेश राय]। विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से गोरखपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभायात्रा रविवार की शाम श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से निकली। गाजे-बाजे की गूंज के बीच निकली शोभा यात्रा का लोगों ने भव्य स्वागत किया। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंद गाड़ी में सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए। गाड़ी के अंदर से ही सड़क के दोनों किनारे पर श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।

विजयादशमी के अवसर पर परंपरागत विजय शोभायात्रा की अगुवाई कर मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम का राजतिलक करने के बाद उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप की याद दिलाई और कहा कि उसी मर्यादा का पालन करके हम कोविड से जंग जीत सकते हैं और अपने सामान्य जन-जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 पर विजय पाने के लिए हमें ‘दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी’ का पालन करना ही होगा क्योंकि हमें जान भी बचाना है और जहान भी। मानसरोवर रामलीला मैदान में रामलीला के मंचन की 100 वर्ष से चली परंपरा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माध्यम से हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सुरक्षित रहने में सफल हो सके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की कि वह रामलीला के मंच को केवल वर्ष में एक बार होने वाली रामलीला तक न सिमटने दें, राष्ट्रीय पर्वों और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी इन मंचों से आयोजन का सिलसिला जारी रखें। मुख्यमंत्री ने रामलीला मंचों से भजनों की शृंखला शुरू करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि रामलीला के मंच से वर्ष में कम से कम चार से छह कार्यक्रम अवश्य होने चाहिए। 

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान जैसे स्थलों को सुरक्षित और संरक्षित करने की चर्चा भी छेड़ी। कहा कि आध्यात्मिक विरासतों को सुरक्षित करने का कार्य निरंतर चल रहा है। ऐसे में अब किसी ऐसे स्थल पर कब्जा करना संभव नहीं हो सकेगा। आध्यात्मिक विरासतें बुरी नजरों से बची रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कोविड को देखते हुए दुर्गा पूजा को घरों के दायरे में रहकर मनाने को लेकर लोगों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके हम पर्व की दिव्यता और भव्यता को भी कायम रखते हुए कोविड प्रोटोकाल का पालन भी कर सके हैं। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि हम त्योहारों को ऐसे समय में मना रहे हैं जब दुनिया कोरोना महामारी के दौरा से गुजर रही है। कोरोना वायरस ने जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया है। जन और धन दोनों का व्यापक नुकसान हुआ है। इसने त्योहारों और कार्यक्रमों को भी प्रभावित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान अयोध्या में जन्मभूमि पर हो रहे भव्य राममंदिर निर्माण की चर्चा भी छेड़ी। कहा कि  492 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भव्य मंदिर का निर्माण संभव हो सका है और अयोध्या के माध्यम से देश की यश व कीर्ति पूरे विश्व में फैली है। इस चर्चा में उन्होंने राम मंदिर के लिए पीढ़ियों के संघर्ष को याद किया। साथ ही ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ की महती भूमिका की भी चर्चा की।

इससे पहले विजय शोभायात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी के पीछे एक रथ पर संत व पुजारी मौजूद रहे, जो काफिले को भव्यता प्रदान की। गोरखनाथ मंदिर से लेकर गंतव्य स्थान मानसरोवर मंदिर तक छतों पर खड़े लोग काफिले पर पुष्प वर्षा कर अपने काफिले का स्वागत किया। अनवरत गूंज रहे जयकारे के बीच धीरे-धीरे बढ़ती योगी की विजय शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंची, जहां उन्होंने पहले मंदिर में मौजूद देव-विग्रहों की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना किया और उसके बाद भगवान राम का राजतिलक किया।

गोरखनाथ मंदिर से निकली योगी आदित्‍यनाथ की शोभायात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी रही। गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर तक रास्ते में पड़ने वाले हर छत पर सिपाही तैनात रहे। पुलिस अधिकारियों ने शोभायात्रा की सुरक्षा तीन जोन में बांट गया था। शोभायात्रा से एक घंटा पहले ड्रोन से रास्ते और छतों की निगरानी शुरू की गई। रथ के साथ एटीएस के कमांडो भी तैनात रहे। दोपहर दो बजे से शोभायात्रा समाप्त होने तक गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर पोखरा व रामलीला मैदान की तरफ भारी वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

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