राज्यपाल ने उद्धव को चिट्ठी लिखी, सीएम ने भी जवाब दिया; शरद पवार ने मोदी को चिट्ठी में लिखा- राज्यपाल की भाषा राजनेता जैसी

महाराष्ट्र में कोरोना के कारण पिछले 6 महीने से बंद मंदिरों को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने-सामने आ गए। सबसे पहले कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। अपनी चिट्ठी में राज्यपाल ने कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्त्रां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गए। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए।

शाम को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और कहा कि राज्यपाल की भाषा पर हैरानी जाहिर की। कहा कि भाषा किसी राजनीतिक दल के नेता जैसी है।

उद्धव ने राज्यपाल को दिया जवाब

राज्यपाल के इस पत्र पर उद्धव ने भी पलटवार किया। उन्होंने लिखा- जैसे तुरंत लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं था, वैसे ही तुरंत ही इसे हटाना ठीक नहीं है। और हां, मैं हिंदुत्व को मानता हूं। मुझे आपसे हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

राज्यपाल का पत्र

सीएम ठाकरे का पलटवार

उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के इस जवाब में लिखा है कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों का भी ध्यान रखना चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) से करते हैं, उनका स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता। सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा?

उद्धव का राज्यपाल को लिखा जवाबी पत्र। उद्धव ने यह पत्र मराठी में लिखा है।

शरद पवार ने कहा- राज्यपाल की भाषा पर हैरान हूं

चिट्ठियों के सिलसिले में मंगलवार शाम एक और चिट्ठी जुड़ गई। वो है राकांपा चीफ शरद पवार की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी इस चिट्ठी में महाराष्ट्र के राज्यपाल की भाषा पर हैरानी जताई है। उन्होंने लिखा कि राज्यपाल की चिट्ठी किसी राजनीतिक दल के नेता द्वारा लिखी गई चिट्ठी लग रही है।

‘हिंदुत्व हमारी आत्मा, कभी नहीं छोड़ेंगे’

मंदिर मुद्दे पर उद्धव से मातोश्री पर मिलने पहुंचे शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ‘शिवसेना ने न कभी हिंदुत्व को नकारा है और न ही कभी भुलाया। हिंदुत्व शिवसेना के प्राण और आत्मा है। शिवसेना इसे कभी नहीं छोड़ सकती। जो लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें आत्मनिर्भर होकर आत्ममंथन करना चाहिए। क्या वे लोग हिंदुत्व का पालन कर रहे हैं? उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में यह जो सरकार है, संविधान का पालन करके चल रही है। अगर हम संविधान का पालन कर रहे हैं तो यह किसी को अच्छा नहीं लग रहा। अगर आप मंदिर की तुलना बार खोले जाने से कर रहे हैं, तो ये गलत है।’

भाजपा का प्रदर्शन

राज्यभर के मंदिरों को खोलने के फैसले में सरकार द्वारा की जा रही देरी को लेकर महाराष्ट्र भर के धार्मिक नेता और श्रद्धालुओं ने शिवसेना की अगुवाई वाली महाविकास समिति (MVA) सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ घंटों के लिए आज उपवास रखने का निर्णय लिया है।

मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे भाजपा नेता प्रसाद लाड ने कहा, ‘हम मांग कर रहे हैं कि हमें सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश करने दिया जाए। अगर वे हमें प्रवेश नहीं करने देते, तो हम मंदिर में घुसने का अपना रास्ता बनाएंगे। यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में हो रहा है, क्योंकि हम चाहते हैं कि राज्य के सभी मंदिरों को फिर से खोल दिया जाए।’

कई भाजपा नेता हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे।

भाजपा की तरफ से यह भी कहा गया, ‘उद्धव सरकार ने बार और रेस्त्रां को शुरू करने की अनुमति दी है, लेकिन मंदिरों को फिर से खोलने का निर्णय नहीं ले रही है। जबकि लाखों लोग चाहते हैं कि मंदिर खुलें। हमारे कार्यकर्ता मंदिरों को खुलवाने के लिए उपवास करेंगे।’

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Uddhav Thackeray | Maharashtra BJP Protest Against Uddhav Thackeray Govt Demanding Reopening Of Temples

Source: DainikBhaskar.com

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