हाइलाइट्स:
- TRP स्कैम के बाद रिपब्लिक टीवी के CFO और अन्य अधिकारी को CIU के सामने पेश होने को कहा गया था
- इसके बाद उन्होंने जवाब दिया कि चैनल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, 1 सप्ताह में होगी सुनवाई
- सीआईयू ने शनिवार रात रिपब्लिक चैनल के चार टॉप के अधिकारियों को नए समन भेज दिए
मुंबई
रिपब्लिक टीवी और मुंबई क्राइम ब्रांच के बीच आरपार की लड़ाई शुरू हो गई है। शनिवार को रिपब्लिक टीवी के CFO शिव सुब्रमण्यम सुंदरम व एक अन्य अधिकारी को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के सामने पेश होने को कहा गया था, लेकिन दोनों अधिकारी नहीं पहुंचे। उन्होंने CIU को उनके समन के जवाब में लिखा कि चैनल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले में एक सप्ताह में सुनवाई होगी। इसी वजह से CIU उनका बयान तब तक दर्ज न करे।
सीआईयू ने शनिवार रात रिपब्लिक चैनल के चार टॉप के अधिकारियों को नए समन भेज दिए और उनसे रविवार सुबह 9 बजे जांच टीम के सामने पेश होने को कहा। रिपब्लिक के जिन नए लोगों को समन भेजे गए हैं, उनमें CEO विकास खनचंदानी, COO हर्ष भंडारी, COO प्रिया मुखर्जी और डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह के नाम प्रमुख हैं। CIU ने हंसा कंपनी के भी CEO व एक अन्य अधिकारी को समन भेजा है।
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‘…सिर्फ उन्हें ही दिए जाएं विज्ञापन’
CIU ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है और इस संबंध में EOW, जीएसटी व इनकम टैक्स विभाग की मदद मांगी है। CIU ने शनिवार को दो विज्ञापन कंपनियों के मालिकों से लंबी पूछताछ की। उन्हें दोबारा बुलाया गया है और उनसे पिछले दो साल में अपने सभी ग्राहकों की लिस्ट सौंपने को कहा है। जांच टीम यह पता करना चाहती है कि क्या इन कंपनियों पर कुछ खास चैनलों की तरफ से दबाव डाला या डलवाया गया था कि सिर्फ उन्हें ही विज्ञापन दिए जाएं।
‘यह रकम आखिरकार किसने दी थी’
सीआईयू ने इस केस में अब तक जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें हंसा कंपनी के दो कर्मचारी विशाल भंडारी और बोमपेली राव मिस्त्री भी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मिस्त्री के बैंक अकाउंट्स की जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि पिछले 11 महीने में 5 से 6 बार उसके अकाउंट्स में 20-20 लाख रुपये करके करीब एक करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए। बाकी जिसने रकम ट्रांसफर की, उसकी तलाश चल रही है। जब यह वॉन्टेड आरोपी पकड़ा जाएगा, तब पता चलेगा कि उसे यह रकम किसी खास चैनल या चैनलों की तरफ से किसने दी थी।
‘TRP को मेन्युपुलेट किया जा सके‘
दूसरे आरोपी विशाल भंडारी के बारे में पता चला है कि उसने खुद के घर में बैरोमीटर लगाकर रखा था, जबकि हंसा कंपनी के दिशा निर्देशों के मुताबिक, कंपनी का कोई भी कर्मचारी अपने यहां बैरोमीटर नहीं लगा सकता। जांच में यह बात भी सामने आई कि बोमपेली राव मिस्त्री हर महीने विजय भंडारी को 20 हजार रुपये इस बात के लिए देता था कि वह टीआरपी को मेन्युपुलेट करे।