दुश्‍मन के लिए घातक है रूद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल, जानें कैसे करती है ये काम – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली को और अधिक घातक बना लिया है। इसके तहत रूद्रम मिसाइल इसकी एक और घातक मिसाइल बन गई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका एंटी रेडिएशन मिसाइल होना है। इसलिए ये दूसरी मिसाइल से अलग है। दरअसल, ये दुश्‍मन के क्षेत्र में लगे सुरक्षा उपकरणों को निष्‍कर्य करती है। इसमें उसके सर्विलांस राडार और दूसरे कम्‍यूनिकेशन सिस्‍टम शामिल होते हैं। इसकी दूसरी खासियत है कि इसको अलग अलग ऊंचाई से लॉन्‍च किया जा सकता है। इसको डीआरडीआ के साथ मिलकर भारत डायनामिक लिमिटेड और भारत इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड ने तैयार किया है।

फिलहाल इसका ट्रायल वायुसेना के लिए किया जा रहा है लेकिन आने वाले समय में ये तीनों सेनाओं के लिए सुनिश्चित की जा सकेगी। हवा से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल की रेंज 100-150 किमी है। फिलहाल इसका सफल ट्रायल सुखोई 30 एमकेआई से किया गया है लेकिन बाद में इसको मिराज 2000, जगुआर, तेजस से भी लॉन्‍च किया जा सकेगा। इस मिसाइल की तीन श्रेणी हैं जिनमें रूद्रम-1, रूद्रम-2 और रूद्रम 3 शामिल हैं।

आपको बता दें कि जब भी कोई देश किसी दूसरे देश की सीमा में फाइटर जेट के माध्‍यम से हमला करता है तो उस सूरत में दुश्‍मन देश के राडार की रेंज में आते ही उसकी सूचना ग्राउंड कंट्रोल को मिल जाती है और वहां से उस फाइटर जेट को निशाना बनाने के लिए जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल को दागा जाता है। इस पूरे सिस्‍टम को SAM सिस्‍टम कहा जाता है। एंटी रेडिएशन मिसाइल के तहत इसी SAM सिस्‍टम का माध्‍यम बनने वाले राडार को नष्‍ट करने के लिए लॉन्‍च किया जाता है। एक बार सिस्‍टम के नष्‍ट होने के बाद हमले की खबर के बाबत जानकारी को आगे नहीं भेजा जा सकेगा। पैसिव होमिंग हेड (passive homing head (PHH) के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है, जो 100 किमी की दूरी से राडार का पता लगा सकता है। साढ़े पांच मीटर (18 फीट) लंबी ये मिसाइल को लेकर काम अप्रैल 2012 में शुरू हुआ था। इससे पहले दिसंबर 2016, 2017, जनवरी 2018, अगस्‍त 2019में भी इसके विभिन्‍न चरणों में ट्रायल किए गए थे।

भारत के अलावा इस तरह की मिसाइल अमेरिका के पास भी है। अमेरिका की AGM-88 HARM एक जमीन से हवा में मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। इसी तरह की एंटी रेडिएशन मिसाइल ब्रिटेन के पास ALARM (Air Launched Anti-Radiation Missile) नाम से है। इस मिसाइल का उपयोग रॉयल सऊदी एयरफोर्स भी करती है। हालांकि ब्रिटेन ने इस मिसाइल को वर्ष 2013 के अंत में रिटायर कर दिया था। रूस ने इस तरह की मिसाइल को Kh-58 नाम दिया है। नाटो में इसका नाम किल्‍टर है। ईरान की हॉरमूज-2 को भी एंटी रेडिएशन मिसाइल कहा जाता है।

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