Hathras Case: ‘ऑनर किलिंग’ या सजा से बचने का दांव…आरोपियों की चिट्ठी से हाथरस केस में आया नया मोड़! – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • हाथरस गैंगरेप और मौत मामले में आए दिन नए दावों से मामले में नया मोड़ आता जा रहा है
  • जेल में बंद आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताते हुए ‘ऑनर किलिंग’ का सनसनीखेज दावा किया
  • आरोपियों का कहना है कि पीड़िता को मां और भाई ने मारा, पीड़ित पक्ष ने इसे उनका दांव बताया

हाथरस
हाथरस पीड़िता के साथ गैंगरेप और मौत को लेकर देश का गुस्सा कम नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे भयानक बताते हुए योगी सरकार से सवाल पूछे हैं। विपक्ष लगातार हमलावर है। इस बीच इस केस में आए दिन नए दावों से मामले में नया मोड़ आता जा रहा है। आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच कॉल डीटेल रेकॉर्ड सामने आने के बाद अब जेल में बंद चारों आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताते हुए ‘ऑनर किलिंग’ का सनसनीखेज दावा किया है। आरोपियों का कहना है कि पीड़िता को उसकी मां और भाई ने मारा है। वहीं पीड़िता के परिजनों चिट्ठी पर कहा कि आरोपी सजा से बचने के लिए यह दांव चल रहे हैं।

हाथरस कांड में जेल में बंद चार आरोपी संदीप, रवि, लवकुश और रामू की तरफ से एसपी को एक चिट्ठी भेजी गई है। इस चिट्ठी में आरोपियों ने दावा किया है उनपर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं और उन्हें गलत ढंग से जेल में बंद किया गया है। मुख्य आरोपी संदीप ने दावा किया है कि उसकी पीड़िता से दोस्ती थी लेकिन पीड़िता के परिवार को यह दोस्ती पसंद नहीं थी।

पढ़ें: हाथरस कांड के आरोपियों ने जेल से लिखा पत्र, बोले- ‘हम निर्दोष, पीड़िता को उसके भाई और मां ने मारा’



आरोपियों की चिट्ठी

आरोपियों ने चिट्ठी में क्या लिखा?
आरोपी संदीप ने लिखा है, ‘घटना वाले दिन खेत में पीड़िता से मुलाकात हुई थी। उसके मां और भाई भी थे। उसके (पीड़िता) के कहने पर मैं तुरंत घर चला गया और वहां अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा।’

मुझे कुछ देर बाद गांववालों से पता चला कि मेरी, पीड़िता से दोस्ती थी इसलिए उसके भाई और मां ने उसे मारा-पीटा है। पिटाई के कारण उसे गंभीर चोटें आईं, बाद में वह मर गई। मैंने कभी भी पीड़िता तो मारा नहीं और न ही कोई गलत काम किया।

मुझे कुछ देर बाद गांववालों से पता चला कि मेरी, पीड़िता से दोस्ती थी इसलिए उसके भाई और मां ने उसे मारा-पीटा है। पिटाई के कारण उसे गंभीर चोटें आईं, बाद में वह मर गई। मैंने कभी भी पीड़िता तो मारा नहीं और न ही कोई गलत काम किया।
मुख्य आरोपी संदीप की चिट्ठी

‘न ही पीड़िता को मारा, न कोई गलत काम किया’
आरोपी का कहना है, ‘मुझे कुछ देर बाद गांववालों से पता चला कि मेरी, पीड़िता से दोस्ती थी इसलिए उसके भाई और मां ने उसे मारा-पीटा है। पिटाई के कारण उसे गंभीर चोटें आईं, बाद में वह मर गई। मैंने कभी भी पीड़िता तो मारा नहीं और न ही कोई गलत काम किया।’

मुख्य आरोपी संदीप के पिता ने यह कहा
दो दिन पहले एक न्यूज चैनल से बातचीत में आरोपी संदीप के पिता ने बताया कि उनके बेटे और पीड़िता के बीच फोन पर बातें होती थी। उन्होंने कहा था, ‘मैं बाप हूं साहब, और कौन बच्चा अपने बाप को ये बातें बताता है। लेकिन जब मुझसे लड़की के घरवालों ने शिकायत की तो मैंने अपने बेटे की पिटाई कर दी, लेकिन फिर भी न मेरा लड़का माना और न ही उनकी लड़की मानी। इसी वजह से उन लोगों ने अपनी लड़की की हत्या की है।’

मैं बाप हूं साहब, और कौन बच्चा अपने बाप को ये बातें बताता है। लेकिन जब मुझसे लड़की के घरवालों ने शिकायत की तो मैंने अपने बेटे की पिटाई कर दी, लेकिन फिर भी न मेरा लड़का माना और न ही उनकी लड़की मानी। इसी वजह से उन लोगों ने अपनी लड़की की हत्या की है।
संदीप के पिता ने एक न्यूज चैनल से कहा

आरोपी के पिता ने लगाए बीजेपी सांसद पर आरोप
हाथरस केस एक अन्य आरोपी रामू के पिता राकेश ने मीडिया में कहा था कि उनके बेटे को इस मामले में बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर और उनकी बेटी मंजू दिलेर ने फंसवाया है। इसकी वजह यह है कि दूसरा पक्ष वाल्मीकि जाति का है और सांसद भी इसी बिरादरी के हैं जबकि वे लोग ठाकुर हैं। उन्होंने कहा था, ‘अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे सरेआम गोली मार दी जाए।’

पढ़ें:
गैंगरेप पीड़िता का भाई बोला, ‘पुलिस मेरी बहन का चरित्र हनन करने पर तुली है’

पीड़िता के भाई का पुलिस पर आरोप
इससे पहले कॉल डीटेल रेकॉर्ड (CDR) से मामले में ट्विस्ट आया था। पुलिस जांच में सामने आया था कि मुख्य आरोपी संदीप और पीड़िता के परिवार के बीच 5 महीने में 100 कॉल हुई थीं। इस पर पीड़िता के परिवार का कहना है कि वे लोग आरोपी के संपर्क में नहीं थे। परिवार ने कथित कॉल डीटेल रेकॉर्ड की सत्यता पर भी सवाल खड़े कर दिए। पीड़िता के बड़े भाई ने कहा कि पुलिस मेरी बहन का चरित्र हनन करने में जुटी हुई है। यूपी पुलिस हमें फंसाने की कोशिश कर रही है क्योंकि हम गरीब हैं।

पुलिस मेरी बहन का चरित्र हनन करने में जुटी हुई है। यूपी पुलिस हमें फंसाने की कोशिश कर रही है क्योंकि हम गरीब हैं। हमारी कभी आरोपी से बातचीत नहीं हुई।
पीड़िता का भाई

हाथरस की जानिए ग्राउंड रिपोर्ट, क्या कह रहे हैं गांववाले
हमारी सहयोगी टाइम्स नाउ ने जब ग्राउंड रिपोर्ट का जायजा लिया तो गांववालों ने बताया कि किसी भी जाति में तनाव वाली कोई बात नहीं है। सभी मिलकर काम धंधा करते हैं और कोई मतभेद नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इसपर केवल राजनीति हो रही है। गांववालों ने कहा कि गरीब लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। गांववालों ने बताया कि अभी तक गांव में कभी ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें जाति को मतभेद के लिए इस्तेमाल किया गया हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले नेता लोगों में गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

दोनों पक्षों में 23 साल पुरानी दुश्मनी
खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के परिजन और एक आरोपी परिवार की करीब 23 साल पुरानी दुश्‍मनी है। पीड़‍िता के पिता ने एक आरोपी संदीप के पिता पर तब एससी/एसटी ऐक्‍ट और मारपीट की एफआईआर लिखाई थी।

Related posts