“मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है.”
बिहार पुलिस के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने ये बयान फ़ेसबुक पर जारी किया है. इसके पहले जेडीयू ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, इसमें गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था.
इस लिस्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय और मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा का नाम शामिल है.
बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने बीते महीने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उसके बाद वो बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे.
राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पुलिस बल से रिटायर होकर वो राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते हैं. माना जा रहा था कि वो चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार बन सकते हैं.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बयानों से देश भर में चर्चा का केंद्र बने गुप्तेश्वर पांडेय का नाम जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में नहीं आया तो इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हुई. बाद में पांडेय ने फ़ेसबुक पर बयान जारी किया.
इन चर्चित नामों को मिला टिकट
जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में जो चर्चित नाम शामिल हैं उनमें लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय का नाम भी शामिल है.
चंद्रिका राय इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल में रह चुके हैं. वो आरजेडी से मंत्री भी रहे थे.
चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या की शादी तेज प्रताप से हुई थी. बाद में इस रिश्ते में विवाद शुरू हो गया. चंद्रिका राय ने अपनी बेटी के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी और बेटे पर मामला भी दर्ज कराया था. इसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था और जेडीयू में शामिल हो गए थे.
भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जेडीयू ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा को भी उम्मीदवार बनाया है.
बालिका गृह मामले में मंजू को मंत्री पद गंवाना पड़ा था. अब इन्हें चेरियाबरियारपुर से फिर टिकट मिला है.