BJP और JDU में डील फाइनल! जानिए किस फॉर्म्युले पर बनी है बात – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बनी बात
  • जेडीयू 122 और बीजेपी 122 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
  • हम(सेक्युलर) को जेडीयू और वीआईपी को बीजेपी अपने हिस्से से देगी सीट
  • एलजेपी से गठबंधन को लेकर अब कोई बात नहीं होगी

पटना
दिल्ली से पटना तक माथापच्ची के बाद बीजेपी और जेडीयू में बात बन गई है। सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद बीजेपी के सभी दिग्गज नेता पटना पहुंच गए हैं। मंगलवार को दोनों दल के दिग्गज नेता साथ आकर सीटों की घोषणा करेंगे। बताया जा रहा है कि दोनों दलों फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्म्युले पर बात बनी है। जेडीयू 122 और बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों आज औपचारिक रूप से इसकी घोषणा कर देंगे। वहीं, चिराग के एनडीए से अलग होने के बाद तेजी से बिहार में राजनीतिक परिस्थिति बदली है। जानकारी के अनुसार हाल ही में महागठबंधन से अलग हुए मुकेश सहनी की एंट्री एनडीए में हो सकती है। मुकेश सहनी को बीजेपी अपने हिस्से से सीट देगी।

….तो इस ‘डर’ से तेजस्वी को बिहार पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार? समझिए INSIDE STORY

मुकेश सहनी मुंबई में बिजनेस करते हैं, बिहार में उनकी विकासशील इंसान पार्टी है। वह इसके जरिए निषाद और मल्लाहों की राजनीति करते हैं। सहनी दावा करते हैं कि बिहार में अत्यंत पिछड़ी जातियां उनके साथ है। जिनकी राज्य की गंगा, कोसी, गंडक, बुढ़ी गंडक और नदी क्षेत्रों में उनकी पकड़ मजबूत है।
इसके साथ ही एनडीए में एक और छोटी पार्टी की एंट्री हुई है। इस पार्टी के मुखिया पूर्व सीएम जीतनराम मांझी हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को जेडीयू ने अपने हिस्से की 7 सीटें दी हैं। जीतनराम मांझी ने उम्मीदवारों की सूची जारी भी कर दी है। मांझी खुद महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में मुसहर जाति की आबादी सबसे ज्यादा गया, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में है।












Bihar Election: पालीगंज विधानसभा में राजद में बगावत, सुनील यादव ने दाखिल किया निर्दलीय नामांकन

चर्चाओं के अनुसार जेडीयू और बीजेपी अपने हिस्से की सात-सात सीटें हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और वीआईपी को चुनाव लड़ने के लिए देगी। इसके बाद जेडीयू के पास 115 और बीजेपी के पास 114 सीटें बच जाएंगी। बीजेपी ने नीतीश को थोड़ी अधिक सीटें देने पर सहमति जताई है। वहीं, सदन में अभी बीजेपी से अधिक जेडीयू के पास विधायक हैं।

Bihar Chunav: कभी सुना है ‘यादव लैंड’ के बारे में… नहीं, तो यहां जानिए बिहार के ‘मथुरा’ का समीकरण

वहीं, एनडीए के साथ 2 जाति आधारित पार्टियों की गठबंधन के बाद यह तो साफ हो गया है कि अब ऐसे दलों की स्वीकार्यता बढ़ रही है। सब कुछ फाइनल होने के बाद बीजेपी केंद्रीय नेता बिहार लौट आए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने अपने 5-6 सीटिंग विधायकों को टिकट न देने का फैसला किया है। इसके साथ ही वह किसी भी मौजूदा विधाय, सांसद और मंत्री के परिजनों को भी चुनावी मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है। सूत्र बताते हैं कि राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने परिजनों और बच्चों के लिए पैरवी की थी। जिनकी उम्मीदवारी को पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में केंद्रीय चुनाव समिति ने खारिज कर दिया है।

Bihar Election Live Updates: जेडीयू के वरिष्ठ नेता विश्वमोहन मंडल आरजेडी में शामिल, तेजस्वी ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

बीजेपी के साथ ही जेडीयू भी उम्मीदवारों के चयन में नई रणनीति अपना रही है। खासकर उन क्षेत्रों के लिए जहां एलजेपी की स्थिति मजबूत है। बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़णवीस और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हुई है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि एलजेपी के साथ समझौते की अब कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन कुछ दिनों में आश्चर्य से इनकार नहीं करेंगे।

Bihar Chunav: तेजस्वी का एक और दांव, बेरोजगारों को लुभाने के लिए नया वादा

बिहार में बीजेपी के खिलाफ एलजेपी के उम्मीदवार नहीं उतराने के एकतरफा फैसले के मद्देनजर जेडीयू भी अलग प्लानिंग कर रही है। जेडीयू की कोशिश है कि पार्टी उम्मीदवारों के लिए पीएम मोदी और नीतीश कुमार की संयुक्त रैली का आयोजन करें।

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही एनडीए चाहती है कि एलजेपी के अलग होने के बाद किसी में कोई भम्र नहीं रहे। साथ ही यह संदेश जाए कि बीजेपी और जेडीयू में मजबूत गठबंधन है। क्योंकि चिराग पासवान ने यह घोषणा की है कि बीजेपी के साथ उसके संबंध जारी रहेंगे और वह राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए का हिस्सा रहेगा।

Related posts