GST Council Meeting: सीतारमण का ऐलान, राज्यों में बंटेंगे 20 हजार करोड़ रुपये – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • राज्यों को आज रात मिलेंगे 20 हजार करोड़ रुपये
  • बैठक में जीएसटी मुआवजा का मुद्दा सुलझ नहीं पाया
  • 12 अक्टूबर की बैठक में फिर अनसुलझे मुद्दों पर बात होगी
  • साल 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा कम्पनसेशन सेस

नई दिल्ली
जीएसटी परिषद की आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा। यह रकम उन्हें आज रात मिल जाएगी। जीएसटी परिषद ने साथ ही जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया है। जीएसटी काउंसिल की 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी जिसमें राज्यों को क्षतिपूर्ति के मामले में चर्चा की जाएगी।

बैठक में राज्यों को मुआवजे की भरवाई के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पाई। सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र द्वारा सुझाए गए विकल्पों को चुना। लेकिन कुछ राज्यों ने कोई विकल्प नहीं चुना। एक तरह से बैठक में जीएसटी मुआवजा का मुद्दा सुलझ नहीं पाया है। इसलिए इस मुद्दे पर और चर्चा करने का फैसला किया गया। काउंसिल की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी।

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मुआवजे से इनकार नहीं
सीतारमण ने कहा कि हम राज्‍यों को मुआवजे की राशि से इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। ऐसी स्थिति की पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी। मौजूदा हालात इस तरह के नहीं हैं कि केंद्र सरकार फंड पर कब्‍जा करके बैठी है, और देने से इनकार कर रही है। हमें फंड हर हाल में उधार लेना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के वित्‍त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया है कि उधार लेने के विकल्‍प पर सभी को फिर से मिलकर बात करनी चाहिए। इसलिए 12 अक्‍टूबर को फिर मिलेंगे और इस समस्या पर बातचीत होगी।

सीतारमण ने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये का आईजीएसईटी उन राज्यों को दिया जाएगा जिन्हें पहले कम मिला था। इसे अगले हफ्ते जारी कर दिया जाएगा।वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि जिन टैक्सपेयर्स का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें जनवरी से मासिक रिटर्न यानी जीएसटीआर 3बी और जीएसटीआर1 भरने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें केवल तिमाही रिटर्न फाइल करना होगा। जीएसटी परिषद ने साथ ही छोटे करदाताओं पर बोझ को आसान बनाने समेत इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का निर्णय किया है।

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2022 के बाद भी जारी रहेगा कम्पनसेशन सेस
वहीं बैठक में यह तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यानी कार, सिगरेट जैसे प्रोडक्ट पर कम्पनसेशन सेस आगे भी लगता रहेगा, राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था। पहले जीएसटी उपकर लगाये जाने की समयसीमा जून 2022 थी।

राज्यों को विकल्प
केंद्र ने राज्यों को जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई के लिए बाजार से या फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का विकल्प दिया है। केंद्र के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है। केंद्र के आकलन के अनुसार करीब 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन के कारण है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की वजह कोविड-19 है। इस महामारी के कारण राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है। केंद्र ने इस कमी को पूरा करने राज्यों को दो विकल्प दिए हैं। इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से लेने का विकल्प दिया गया है।

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