हाथरस LIVE: मायावती बोलीं- डीएम पर योगी सरकार की चुप्पी चिंताजनक, ऐसे कैसे होगी निष्पक्ष जांच? – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जाएंगे
  • अखिलेश यादव भी 11 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के गांव भेजेंगे, पहले अखिलेश के आने के थे कयास
  • शनिवार को राहुल और प्रियंका समेत कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी, डीजीपी भी गए थे

हाथरस
राष्ट्रीय जनता दल (आरएलडी) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी आज हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जाएंगे। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी हाथरस जाने के कयास थे लेकिन पार्टी ने साफ किया कि अखिलेश के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा। उधर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने डीएम पर कार्रवाई न होने पर निष्पक्ष जांच को लेकर आशंका जाहिर की है।

परिवार का बयान दर्ज कर रही एसआईटी
एसआईटी की टीम पीड़िता के घर पहुंच चुकी है। पीड़िता के परिवार का बयान दर्ज किया जा रहा है। इससे पहले एसआईटी की टीम शनिवार को पीड़िता के पिता का बयान दर्ज करने के लिए पहुंची थी। एसआईटी को पीड़िता के पिता का बयान लेना था, लेकिन पीड़िता के पिता बयान देने की हालत में नहीं थे। एसआईटी की ओर से कहा गया था, ‘हम रविवार को फिर आएंगे।

किस पर इशारा कर रहे हैं राजा भैया
बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने ट्वीट किया, ‘हम सभी सहमत हैं कि हाथरस काण्ड में स्थानीय प्रशासन ने असंवेदनशीलता बरती, पर आश्चर्य है कि CBI जाँच के निर्णय से कई लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। समय के साथ सच्चाई सामने आयेगी, सत्यमेव जयते।’

मायावती बोली- डीएम के रहते निष्पक्ष जांच कैसे होगी?
हाथरस मामले में डीएम पर कार्रवाई न होने पर मायावती ने सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने ट्वीट किया, ‘हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद और अति-चिंताजनक। हालांकि सरकार सीबीआई जांच हेतु राजी हुई है, लेकिन उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित।’

अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट क्या कहती है
हाथरस मामले में पुलिस ने गैंगरेप की बात से इनकार किया है लेकिन अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट इस बारे में कुछ और ही कह रही है। पीड़िता की मेडिको लीगल इंवेस्टिगेशन (एमएलसी) की रिपोर्ट ने मरीज के बयान के आधार पर ‘वैजाइना में पेनिट्रेशन’ और ‘ताकत के इस्तेमाल’ के बारे में लिखा है। बता दें कि पीड़िता दो हफ्ते तक अलीगढ़ में ही भर्ती थी।

एसपी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया, ‘पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को हाथरस के बूलगढ़ी गांव थाना चंदपा जाकर पीड़िता के परिवार से मिलकर घटना की जांच करेगा और संतप्त परिवार को सांत्वना देगा। एसपी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल हाथरस रवाना होगा।’ वहीं आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट कर बताया, ‘कल 11 बजे, भूलगढ़ी गांव, हाथरस पहुंचूंगा।’ जयंत इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।

राहुल प्रियंका ने की थी मुलाकात
इससे पहले शनिवार को राहुल और प्रियंका समेत 5 कांग्रेस नेताओं ने पीड़िता के गांव जाकर परिवार से मुलाकात की थी। सरकार की तरफ से 5 लोगों के परिवार से मिलने की इजाजत दी गई थी। इससे पहले डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भी परिवार से बात की थी।

सफाई कर्मचारी आयोग पांच को जाएगा हाथरस
हाथरस के दलित परिवार से मिलने राज्य सफाई कर्मचारी आयोग पांच अक्टूबर को हाथरस जाएगा। शनिवार को आयोग के सदस्यों ने सीएम से मिलकर परिवार को दी जाने वाली सहायता के संबंध में बात की।आयोग के सदस्य श्यामलाल वाल्मीकि ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र वाल्मीकि और सदस्य पांच अक्टूबर को पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे।

आरोपी के पिता बोले- बीजेपी सांसद ने बेटे को फंसाया

हाथरस कांड में एक आरोपी रामू के पिता राकेश ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को स्थानीय सांसद राजवीर दिलेर और उनकी बेटी मंजूर दिलेर ने फंसाया है। राकेश ने कहा कि केवल संदीप पर आरोप था। राजवीर दिलेर की बेटी मंजू दिलेर ने फेसबुक पर इस बारे में लिखा और 18 सितंबर को परिजनों से बात के आधार पर और नाम बताए। उसके बाद सांसद ने नाम बढ़वा दिए।












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मामले की सीबीआई जांच के सिफारिश
अब हाथरस केस की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के हवाले कर दी गई है। हालांकि एसआईटी ने कहा कि उनकी जांच जारी रहेगी। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने की सिफारिश की है।

परिवार नहीं चाहता सीबीआई जांच
हालांकि पीड़िता का परिवार सीबीआई जांच नहीं चाहता है। पीड़िता के भाई ने कहा, ‘हमने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी क्योंकि एसआईटी टीम इसकी जांच कर रही है।’

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