लालू के हनुमान ने जेल जाकर की मुलाकात, उम्मीदवारों की लिस्ट पर लगवाई मुहर, जल्द हो सकता है ऐलान – Jansatta

आरजेडी ने सीपीआईएमएल को 13 सीपीआई को 6 और सीपीएम को 4 चार सीटों का ऑफर दिया है। कांग्रेस को 60 और एक लोकसभा सीट का ऑफर दिया गया है।

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव। (पीटीआई)

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के प्रमुख दल आरजेडी ने अपने स्तर पर सीट बंटवारे का फॉर्म्युला तैयार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए वाम दलों ने भी अपनी सहमति दे दी है। पार्टी ने पहले चरण में मतदान के लिए अपनी सीटों और उम्मीदवारों की लिस्ट भी तैयार कर ली है।

ये लिस्ट आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के हनुमान माने जाने वाले पार्टी नेता भोला यादव ने उन्हें दिखाई है। लालू यादव और भोला यादव की मंगलवार को रांची में मुलाकात हुई। खबरों के मुताबिक आरजेडी प्रमुख के छोटे बेटे तेजस्वी यादव अब जल्द ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकते हैं। लिस्ट जारी करने से पहले तेजस्वी दिल्ली में कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरजेडी ने सीपीआईएमएल को 13 सीपीआई को 6 और सीपीएम को 4 चार सीटों का ऑफर दिया है। कांग्रेस को 60 और एक लोकसभा सीट का ऑफर दिया गया है। हालांकि कांग्रेस 70 विधानसभा सीटों से कम पर तैयार नही है। वाम दलों में सीपीआईएमएल भी 17 सीटों की मांग पर अड़ी है। सीटों के अपने फॉर्म्युले के अनुसार आरजेडी, कांग्रेस सहित महागठबंधन के अन्‍य घटक दलों से बातचीत जारी रखे हुए है।

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इधर कांग्रेस मनमानी सीटें मिलने के बाद भी नाराज है। दरअसल 10 अर्बन सीटों को लेकर भी मामला फंसा हुआ है और कांग्रेस को ये मंजूर नहीं। कांग्रेस को लगता है कि इन शहरी सीटों पर मैदान में उतरना फायदे का सौदा नहीं रहेगा। इन 10 सीटों पर कैडर उस तरह से तैयार नहीं हैं और अगर ऐसे में पार्टी यहां चुनाव लड़ने में हामी भरती है तो उसके अनुसार नुकसान होगा।

दूसरी तरफ एनडीए में सीट बंटवारे लेकर पेच फंसा हुआ है। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) इस बात पर विचार-विमर्श कर रही है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पेशकश को स्वीकार किया जाए या फिर 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी योजना पर आगे बढ़ा जाए।

एलजेपी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता लगातार दबाव बना रहे हैं कि चुनावी मैदान में अकेले ही उतरा जाए। हालांकि चिराग पासवान द्वारा जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना के बाद भी एलजेपी के गठबंधन में बने रहने की संभावना बनी हुई है।

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