मध्यप्रदेश उपचुनाव: भाजपा के लिए सरकार के साथ साख बचाने का भी सवाल – अमर उजाला

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।

Updated Wed, 30 Sep 2020 03:50 AM IST

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : twitter.com/ChouhanShivraj

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

सार

  • जरा सी चूक से हाथ से निकल जाएगी सत्ता
  • राज्य में नौ विधानसभा सीटें जीतना जरूरी

विस्तार

विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के लिए अग्नि परीक्षा की घड़ी आ गई है। 3 नवंबर को राज्य की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सरकार बचाने के लिए भाजपा को हर हाल में कम से कम नौ सीटें जीतनी ही होंगी। वहीं 14 मंत्रियों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर हाल में मैदान मारना होगा।

विज्ञापन

उपचुनाव राज्य में भाजपा की सरकार के स्थायित्व के साथ-साथ पार्टी की साख का भी सवाल है। नौ सीटें जीतने पर सरकार तो बच जाएगी, लेकिन पार्टी की साख पर सवाल उठेंगे। दरअसल जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों की हैं।

वही बागी जिन्होंने इसी साल मार्च में इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार की विदाई करवाई थी। बाकी सीटें भाजपा विधायकों के निधन से खाली हुई हैं। जाहिर तौर पर भाजपा को अपनी साख बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी।

निगाहें उन 14 मंत्रियों की सीटों पर भी होंगी, जिन्हें कांग्रेस से बगावत के इनाम के रूप में मंत्री पद मिले हैं। इन नौ कैबिनेट और 5 राज्य मंत्रियों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनावी जंग जीतनी होगी।

इसी हफ्ते उम्मीदवार घोषित करेगी भाजपा
उपचुनाव के लिए भाजपा इसी हफ्ते उम्मीदवार घोषित करेगी। इसमें कांग्रेस के सभी 25 बागी विधायकों को टिकट मिलेगा। पार्टी की योजना बिहार के पहले दो चरण के साथ इन सीटों पर एक साथ उम्मीदवार घोषित करने की है। कांग्रेस ने अब तक 24 तो बसपा ने 8 उम्मीदवारों की घोषणा की है।

राज्य का समीकरण
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य विधानसभा में 230 सदस्य हो जाएंगे। ऐसे में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास इस समय 107, कांग्रेस के पास 88, बसपा, सपा, निर्दलीय के पास क्रमश: 2, 1, 4 विधायक हैं।

Related posts