‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैक्स चोरी पर खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प 2016 में जब व्हाइट हाउस पहुंचे तो उस साल (वित्त वर्ष 2016-17) उन्होंने 750 डॉलर (करीब 55,000 रुपए) टैक्स दिया। इसी दौरान उनकी फर्म ने भारत में 1,45,400 डॉलर (करीब 1.07 करोड़ रुपए) टैक्स चुकाया। अब जब ट्रम्प दूसरी बार चुनावी मैदान में लड़ रहे हैं तो टैक्स भुगतान से जुड़ा मुद्दा उठा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 15 सालों में से 10 साल उन्होंने कोई टैक्स जमा नहीं किया। इस पर ट्रम्प की ओर से सफाई दी गई कि जितना उन्होंने कमाया, उससे कहीं ज्यादा घाटा हुआ।
ट्रम्प ने रिपोर्ट को फर्जी बताया
न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट को ट्रम्प ने सिरे से खारिज कर दिया। हर बार की तरह उन्होंने कहा कि यह फेक न्यूज है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए अपना निजी वित्तीय ब्योरा जारी करना जरूरी नहीं है, लेकिन रिचर्ड निक्सन (1969-74) से लेकर बराक ओबामा (2008-16) तक राष्ट्रपतियों ने निजी वित्तीय लेखा-जोखा जारी किया है। ट्रम्प ने इनकम टैक्स रिटर्न जारी करने से इनकार करते हुए इस परंपरा को तोड़ दिया। 2016 के चुनावों में भी ट्रम्प का टैक्स रिटर्न अहम मुद्दा था, उनके पूरे कार्यकाल के दौरान भी यह मुद्दा छाया रहा।
डिबेट से ठीक पहले आई है रिपोर्ट
NYT की यह रिपोर्ट राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली परंपरागत प्रेसिडेंशियल डिबेट से ऐन पहले आई है। पहली डिबेट 29 सितंबर को ओहियो में होनी है। दूसरी डिबेट 15 अक्टूबर और तीसरी 22 अक्टूबर को होगी। इस बीच डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के कैंपेन ने इस रिपोर्ट को लेकर ट्रम्प पर हमला बोला है।
Teachers paid $7,239
Firefighters paid $5,283
Nurses paid $10,216Donald Trump paid $750 pic.twitter.com/5YE1cbYsBN
— Team Joe (Text JOE to 30330) (@TeamJoe) September 28, 2020
डेमोक्रेट्स ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रम्प के इस बर्ताव की आलोचना की है। कहा कि 1970 के दशक के बाद से ट्रम्प पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपना टैक्स रिटर्न सार्वजनिक नहीं किया है। वैसे कानूनी तौर पर ऐसा करना जरूरी तो नहीं है, लेकिन ट्रम्प ने अमेरिका की परंपरा को तोड़ दिया।
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Source: DainikBhaskar.com