4 दिन से प्रदर्शन: उपद्रवी पहाड़ियों पर जमे हैं, हाईवे पर पत्थर बिखराए, कॉलोनी में खड़ा वाहन फूंका; 3300 के खिलाफ केस

राजस्थान में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को एसटी उम्मीदवारों से भरने की मांग को लेकर चौथे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। उदयपुर के खेरवाड़ा में प्रदर्शनकारियों ने पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया है। वे यहां से सारी गतिविधियों पर नजर रखे हैं। वहीं, आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ अफसरों ने बैठक की। शनिवार देर रात तक जयपुर से आए राज्य के बड़े अफसर स्थिति काबू करने में जुटे रहे। वहीं, खेरवाड़ा में हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत की सूचना है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 3300 लोगों पर केस दर्ज हो चुका है।

प्रदर्शनकारियों ने अभी भी उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे को बहाल नहीं होने दिया है। डूंगरपुर के पास दोवड़ा में तड़के 4 बजे कॉलोनी में खड़े एक पिकअप वाहन में आग लगा दी। इससे पहले देर रात कुछ उपद्रवी हाईवे के पास बनी श्रीनाथ कॉलोनी में घुसे और जमकर तोड़फोड़ की। कई घरों के शीशे तोड़ दिए गए। कार और बाइक को आग के हवाले कर दिया, जिससे रातभर लोगों में खौफ बना रहा। फिलहाल, यहां हथियारबंद 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।

सीएम ने बैठक की, कहा- हिंसा छोड़ें प्रदर्शनकारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा, सीएस राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव (गृह) अभय कुमार, डीजी अपराध एमएल लाठर समेत अफसरों के साथ बैठक की। गहलोत ने कहा- सरकार किसी भी वर्ग की न्यायोचित मांगों पर विचार करने और चर्चा के लिए हर समय तैयार हैं। स्टूडेंट्स और नौजवानों से अपील है कि हिंसा छोड़ें और अपनी बात रखने के लिए आगे आएं।

उदयपुर में धारा-144, खेरवाड़ा के बाद ऋषभदेव में भी इंटरनेट बंद
खेरवाड़ा और डूंगरपुर में इंटरनेट सेवा पहले से बंद है। शनिवार को ऋषभदेव में भी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। उदयपुर जिले में धारा-144 भी लगा दी गई है। उधर, हिंसा को देखते हुए उदयपुर की गोगुंदा और सराड़ा पंचायत में 28 और 29 सितंबर को होने वाले पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।

उपद्रवियों ने हाईवे से गुजर रहे टैंकरों को आग के हवाले कर दिया गया।

3300 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
तोड़फोड़, नेशनल हाईवे को बाधित करने, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे 16 केसों में कुल 3300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस और प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार कर गया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के 10 किमी तक के इलाके को कब्जे में ले लिया। दो दिन में करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली। अब तक कई होटल और दुकानों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की गई। डूंगरपुर में भी कई बाइकों को आग के हवाले कर दिया।

गुस्सा क्यों भड़का?
कैंडिडेट 7 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बातचीत कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड महामारी के नियम तोड़ने और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसको लेकर कैंडिडेट का गुरुवार से गुस्सा भड़क उठा।

हाईवे पर जगह-जगह पत्थर डालकर रास्ता रोका गया।

क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी, यहां समझें पूरा विवाद?
प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। गुरुवार से ज्यादा बवाल शुरू हुआ। 12 अप्रैल 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकली थी। एसटी को 45%, एससी को 5% और सामान्य वर्ग को 50% आरक्षण है। इस तरह सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक के लिए (REET) में 60% से ज्यादा अंक वाले सामान्य वर्ग के 965 उम्मीदवार सिलेक्ट हुए। इन्हीं पदों पर REET में 60% से ज्यादा अंक वाले एसटी के 589 उम्मीदवारों का चयन हुआ। इस तरह सामान्य वर्ग से कुल 1554 पद भरे और 1167 पद खाली रह गए। प्रदर्शनकारी इन्हीं खाली पदों पर एसटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

आग के हवाले हुए वाहनों को हाइवे से हटाया गया।
हाईवे पर हथियारबंद पुलिसबल तैनात किया गया।
पहाड़ियों पर बैठे प्रदर्शनकारी।
प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ्तार किया गया।

फोटो- ताराचंद गवारिया

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उदयपुर के खेरवाड़ा में पुलिस हाईवे पर गश्त कर रही है। उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर उपद्रवियों ने 20 किमी इलाके में पत्थर बिछा दिए हैं। यह हाईवे 60 घंटे से ज्यादा वक्त से जाम है। इसी बीच, दो बार झड़प के बाद पुलिसबल को भी जान बचाकर भागना पड़ा।

Source: DainikBhaskar.com

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