सुशांत सिंह राजपूत और विकास सिंह.
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परिवार के वकील (Lawyer) विकास सिंह (Vikas Singh) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कई सवाल उठाए हैं.
- News18Hindi
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Last Updated:
September 25, 2020, 9:38 PM IST
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विकास सिंह का कहना है कि सीबीआई और एनसीबी इस मामले में ढिलाई बरत रही है. इससे हम चिंतित हैं. वहीं उन्होंने ये भी कह डाला है कि जिस तरह मुंबई पुलिस परेड करवा रही थी उसी तरह सीबीआई और एनसीबी भी परेड करवा रही है. जो सुशांत का मुद्दा था उसे लेकर सही प्रयास नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘अगर हमें आज के बाद भी लगेगा कि इस केस को सही दिशा नहीं मिल रही है तो हम कोर्ट में भी जाएंगे और इस पर सही जांच की बात करेंगे’.
AIIMS की टीम से क्यों नहीं मिली सीबीआई?
उन्होंने सुशांत के शरीर पर मिले निशानों को लेकर कहा-‘सुशांत के लगता है कि सीबीआई ने अचानक इस केस में जांच की रफ्तार धीमी कर दी है. परिवार को ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि इतने लंबे से जांच करने वाली सीबीआई को अभी तक AIIMS की टीम से मिलने का मौका नहीं मिला है. AIIMS के एक डॉक्टर को मैंने सुशांत की फोटो दिखाई थी उन्होंने सुशांत के शरीर पर चोट के निशान देखकर कहा था कि ये 200 परसेंट मर्डर ही है’. उन्होंने कहा- ‘मैं नहीं कह रहा हूं कि ये मर्डर है लेकिन अगर ये वाकई मर्डर है और सीबीआई AIIMS की टीम से बात करती तो शायद इनवेस्टिगेशन की दिशा ही बदल जाती’.पूरे बॉलीवुड को बुलाने का क्या मतलब है?
उन्होंने नसीबी जांच पर कहा- ‘केस था कि क्या किसी मात्रा में ड्रग्स की रिकवरी हो सकी है? जिससे सजा की अवधि के बारे में आगे की कार्रवाई हो सके, जो 1 साल से लेकर 10 साल तक हो सकती है. लेकिन नारकोटिक्स सीजर का कुछ पता नहीं लेकिन कई लोगों को बुलाया जा रहा है. इस ड्रग्स मामले में खरीद या इसे बेचने का केस है तो ये सिर्फ रिया और उनके भाई पर हो सकता है. ऐसे में पूरे बॉलीवुड को बुलाने का क्या मतलब है? परिवार को लगता है कि केसा का पूरा अटेंशन कहीं और ही चला गया है’.
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जब सिद्धार्थ पीठानी ने बदला लिया ट्रैक
सुशांत केस में पहले आत्महत्या और फिर मर्डर का एंगल आने के मामले पर विकास सिंह ने कहा- ‘पहले इस केस में सुशांत के परिवार को लगा कि सिद्धार्थ पीठानी सुशांत के दोस्त हैं और उन्होंने ही कमरे का दरवाजा खोला है. वो परिवार के साथ काफी सहयोग दे रहे हैं तो हमें उनक पर शक नहीं हुआ लेकिन जैसे ही हमने रिया पर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें पीठानी नहीं था. तो पीठानी ने अचानक रूख बदल लिया और वो रिया को सपोर्ट करने लगे. उन्होंने रिया को भेजा हुआ मेल भी सुप्रीमकोर्ट में दिखाया. इसके बाद से परिवार को लगा कि अगर पीठानी ट्रैक बदल सकते हैं तो सुशांत के साथ कुछ भी हुआ हो सकता है’.
मर्डर की ओर इशारा करती कई बातें
उन्होंने बताया कि ‘इसके अलावा सुशांत के शरीर और गले पर निशान, पैरों का टूटना और कमरे की चाबी का गुम होना जैसे कई और बातें सामने आई जिनसे शक गहराता गया’. उन्होंने कहा कि इस मामले परिवार ने सीबीआई को बयान दे दिया है कि उन्हें लगता है कि ये मर्डर भी हो सकता है.
ड्रग्स एंगल पर उठाए सवाल
इसके अलावा सुशांत केस में आए नारकोटिक्स मामले पर विकास सिंह ने कहा- ‘मुझे लगता है कि इस केस में नारकोटिक्स का ये एंगल आ सकता है कि सुशांत को बिना उनकी मर्जी के ड्रग्स दिया जा रहा था. उनकी जानकारी के बिना पानी या कॉफी में किसी तरह से डाल कर. अगर इस तरह का ड्रग उनको दिया जा रहा था या वो स्वेच्छा से भी ड्रग्स ले रहे तो क्या जब रिया उन्हें डॉक्टर्स के पास ले गईं तो उन्होंने डॉक्टर्स को ड्रग्स के बारे में बताया? ड्रग्स लेने के बारे में जाने बिना कोई डॉक्टर कैसे इलाज कर सकता है?’