पंजाब में बाजार बंद, किसानों ने रेलवे ट्रैक पर किया कब्जा, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया, पश्चिमी यूपी में फिलहाल बंद का असर नहीं

हाल ही में सदन से पास हुए किसान बिल को लेकर देशभर में आज विरोध प्रदर्शन हो रहा है। किसान सड़कों पर निकले हैं, वे रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं, जगह-जगह चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भास्कर की टीम किसान आंदोलन को कवर करने के लिए पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ग्राउंड पर मौजूद हैं। पंजाब से राहुल कोटियाल, पश्चिमी यूपी से पूनम कौशल और दिल्ली बॉर्डर से विकास कुमार की लाइव रिपोर्ट…

पंजाब के मानसा में किसानों के आंदोलन का असर साफ दिखता है। आज पूरे शहर का बाज़ार बंद है सिर्फ केमिस्ट की कुछ दुकानें ही खुली हैं।

पंजाब से लाइव रिपोर्ट…

पंजाब के मानसा शहर में भारत बंद का असर साफ नजर आ रहा है। सिर्फ सड़कें ही नहीं रेल की पटरियां तक किसानों के आक्रोश की गवाही दे रही हैं। पंजाब के अलग-अलग 31 किसान संगठनों ने आज बंद का आह्वान किया है। इसमें सबसे प्रमुख भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) जो इस आंदोलन का यहां नेतृत्व कर रही है।

किसानों ने कल से ही रेलवे ट्रैक पर कब्जा किया हुआ है। सारी ट्रेन बंद कर दी गई हैं।

पंजाब के कई लोक कलाकारों ने भी किसानों का समर्थन किया है। जहां दलजीत दोसांज जैसे बड़े गायकों ने किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है वहीं, सिद्धू मूसेवाला जैसे गायक किसानों के समर्थन में सड़क तक उतर आए हैं।

किसानों को सिर्फ लेफ्ट पार्टियों का ही नहीं बल्कि अकाली दल जैसी राइट विंग पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है। पंजाब में भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है। पंजाब बिजली बोर्ड के कर्मचारी भी किसानों के समर्थन में आंदोलन में शामिल हुए हैं।

पंजाब-सिरसा हाईवे पूरी तरह से जाम है। हजारों की संख्या में किसान यहां इक्ट्ठा हुए हैं। इन किसानों को पंजाबी लोक कलाकारों का भी समर्थन मिल रहा है। अभी-अभी पंजाबी कलाकार सिद्धू मूसेवाला यहां किसानों के समर्थन के लिए आए हुए हैं। वे किसानों को संबोधित कर रहे हैं।

दिल्ली बॉर्डर से लाइव रिपोर्ट…

दिल्ली यूपी सीमा बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस की सरगर्मी देखी गई। कृषि बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की तरफ से यहां प्रदर्शन बुलाया गया है। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर नोएडा गेट के आगे दोनों सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हैं। वे लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर किसानों ने सड़क जाम कर दिया है। वे नारेबाजी कर रहे हैं।

पश्चिमी यूपी से लाइव…

किसानों के भारत बंद में भारतीय किसान यूनियन भी शामिल है। लेकिन सुबह 12 बजे तक मुजफ्फरनगर जिले में बंद का असर नजर नहीं आ रहा है। सड़कों पर ट्रैफिक पहले की तरह चल रहा है। बाजार खुले हुए हैं। लोगों में चहल पहल है। लेकिन प्रदर्शन करते किसान नजर नहीं आ रहे हैं। किसान यूनियन के नेताओं ने हमें बताया था कि आज कम से कम 25 जगह प्रदर्शन होना है। मुझे अभी वो प्रदर्शन नहीं दिखा है। उत्तर प्रदेश के इस इलाके में किसानों में ऐसा रोष भी नहीं है जैसा हरियाणा और पंजाब के किसानों में हैं।

अब दोपहर 12 बजे के बाद धीरे-धीरे यहां भी किसान आंदोलन के लिए इकट्ठे हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता बिल के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन का असर हरियाणा और पंजाब जैसा नहीं दिख रहा है, इसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष और महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत कहते हैं, ‘जिस तरह हरियाणा और पंजाब में किसान मंडियों पर निर्भर है उस तरह यहां किसान मंडियों पर निर्भर नहीं है क्योंकि इस इलाके में अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते हैं। उन्होंने कहा लेकिन यहां के किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ है और किसानों के भारत बंद में हिस्सा ले रहे हैं।’

टिकैत जगह जगह घूम कर किसानों को संबोधित कर रहे हैं और उन्हें केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे विधायकों के बारे में बता रहे हैं। उनका कहना है कि इन विधायकों के क़ानून बनने के बाद मंडी व्यवस्था कमज़ोर हो जाएगी और ये किसानों के हित में नहीं होगा।

भारतीय किसान यूनियन ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नेता माइक से किसानों को संबोधित कर रहे हैं।

किसानों से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं…

1. पहली रिपोर्ट- किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के घर से…:गुरनाम कहते हैं- ‘मोदी सरकार या तो कानून वापस ले या किसानों को सीधे गोली मार दे’

2. दूसरी रिपोर्ट – किसानों ने कहा, अभी तो हम सिर्फ अपने घरों से निकले हैं और दिल्ली कांपने लगी है, ये कानून वापस नहीं हुए तो दिल्ली कूच होगी

3. तीसरी रिपोर्ट – किसान आंदोलन की जन्मभूमि में हरियाणा-पंजाब जैसा आक्रोश नहीं, लोग कहते हैं- अब यहां किसानों की नहीं, धर्म और सांप्रदायिकता की राजनीति होती है’

4. सरकार ने रबी की फसलों पर MSP बढ़ाया / किसान बिलों पर हंगामे के बीच गेहूं के समर्थन मूल्य में 50 रुपए, चना और सरसों में 225 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा

5. एमएसपी क्या है, जिसके लिए किसान सड़कों पर हैं और सरकार के नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं? क्या महत्व है किसानों के लिए एमएसपी का?

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Bharat Bandh, Farmers Protest Today Live News Updates: Police personnel in adequate strength are deployed across Punjab and Haryana

Source: DainikBhaskar.com

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