राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, निर्धारित समय से आठ दिन पहले ही मानसून सत्र समाप्त – BBC हिंदी

निर्धारित समय से आठ दिन पहले ही बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई.

गृह राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार सुबह ही इस बात की सूचना दे दी थी कि सरकार ने कोरोना महामारी के कारण निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का फ़ैसला लिया है.

आखिरी दिन तीन श्रम विधेयक पारित

लेकिन बुधवार को स्थगन से पहले भी विपक्षी दल के सांसदों की ग़ैर-मौजूदगी में राज्यसभा में श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयक ध्वनिमत से पास कर दिए गए.

दस दिनों तक चले इस सत्र में राज्यसभा में 25 विधेयक पारित किए गए. सभापति वेंकैया नायडू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “सदन के लिए 18 बैठकें निर्धारित की गई थीं लेकिन 10 ही हो सकी और इस दौरान 25 विधेयक पारित किए गए.”

श्रमिकों और मज़दूरों से जुड़े विधेयक को सदन के पटल पर रखते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “जब देश के 50 करोड़ मज़दूरों के हित के लिए विधेयक लाया जा रहा है तब विपक्ष सदन से अनुपस्थित है क्योंकि वे जनता से दूर हैं. आज़ादी के 73 सालों बाद श्रमिकों को अधिकार मिल रहा है जिसके लिए वे लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे. इन विधेयकों में उनकी तनख्वाह, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा निहित है.”

जावड़ेकर ने बिल के समर्थन में कहा, “मज़दूर जिस न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे वो अब मिल रहा है. वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा तीनों की गारंटी देने वाला ये बिल है: उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020.”

प्रवासी मज़ूदरों के बारे में जावड़ेकर ने कहा, “प्रवासी मज़दूर को साल में एक बार घर जाने के लिए प्रवास भत्ता मिलेगा. प्रवासी मज़दूरों को मालिकों द्वारा दिया जाएगा.”

इस बीच विपक्षी दल के सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बुधवार को भी उन्होंने सदर की कार्यवाही का बायकॉट किया और संसद परिसर में गांधी मूर्ति से लेकर आंबेडकर मूर्ति तक मार्च किया. उनके हाथों में किसान बचाओ के प्लेकार्ड भी थे.

राज्यसभा

सत्र के दौरान आठ सांसदों को निलंबित किया गया

इससे पहले राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन के आठ सदस्यों को उनकी अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया था.

राज्यसभा के ये सदस्य हैं- डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), संजय सिंह (आप), राजू सातव (कांग्रेस), केके रागेश (सीपीएम), रिपुन बोरा(कांग्रेस), डोला सेन (टीएमसी), सैय्यद नासिर हुसैन(कांग्रेस) और इलामारन करीम (सीपीएम).

वेंकैया नायडू के अनुसार रविवार को कृषि बिल पास करने के दौरान इन सांसदों ने उपसभापति हरिवंश को डराने की कोशिश की, उन्हें अपना काम करने से रोकने की कोशिश की.

लेकिन निलंबित हुए सांसदों का कहना था कि उपसभापति ने बिल को ध्वनिमत से पास घोषित कर दिया जबकि विपक्ष इस पर मत विभाजन कराने की माँग कर रहा था.

विपक्षी दल के सांसद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व में बुधवार शाम पाँच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात करेंगे.

इस दौरान विपक्षी दल के सांसद राष्ट्रपति से कृषि बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील करेंगे.

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