हाइलाइट्स:
- कृषि विधेयकों पर मचे सियासी घमासान के बीच राष्ट्रपति से मिला विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल
- विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बिलों को मंजूरी न देने और उन्हें वापस भेजे जाने की मांग की
- मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा- असंवैधानिक तरीके से बिलों को कराया गया पास
- उधर फार्म बिलों के खिलाफ संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने किया प्रदर्शन, लगाए शेम-शेम के नारे
नई दिल्ली
कृषि विधेयकों (agriculture bills) को राज्यसभा में पास कराए जाने के तरीके को लेकर विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उनसे इन बिलों को मंजूरी न देने की गुजारिश की। मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन में हुए हंगामे (Ruckus in Rajya Sabha over Farm Bills) के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि सरकार जिम्मेदार है। दूसरी तरफ, तमाम विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में ‘मोदी सरकार हाय-हाय’ और ‘शेम-शेम’ के नारे लगाए।
मीडिया से बातचीत में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा है कि बिलों को असंवैधानिक तरीके से पास कराया गया है। उनसे गुजारिश की गई है कि वह इन बिलों को मंजूरी न दें और वापस सरकार के पास भेजें।
आजाद ने कहा कि सरकार ने कृषि बिलों को सिलेक्ट कमिटी या स्टैंडिंग कमिटी को नहीं भेजा जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में उपसभापति ने बिलों पर वोटिंग कराने की हमारी गुजारिश को ठुकरा दिया। राज्यसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि मतविभाजन नहीं हुआ, वॉइस वोटिंग नहीं हुई। लोकतंत्र के मंदिर में संविधान को कमजोर किया गया। आजाद ने कहा कि हंगामे के लिए विपक्ष नहीं बल्कि सरकार दोषी है।
इससे पहले, एग्रीकल्चर बिल्स के खिलाफ बुधवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। बिल को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्षी सांसदों ने ‘मोदी सरकार हाय-हाय’, ‘शेम-शेम’ के नारे लगाए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने हाथों में कृषि बिल और किसान अध्यादेश के खिलाफ तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इससे पहले रविवार को कृषि बिल को लेकर राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था। विपक्ष के कुछ सांसदों ने रूल बुक फाड़ने के अलावा माइकें तोड़ डाली थी। कुछ सांसद तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के आसन के बिल्कुल करीब जाकर पेपर फाड़ा था और नारेबाजी की थी।
बाद में सभापति वैंकैया नायडू ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इसके खिलाफ निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में धरना भी दिया था।
बाद में सभी विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया, जबकि उस दौरान सरकार ने विपक्ष की गैरमौजूदगी में कई बिलों को पास करवाया। कोरोना वायरस की वजह से बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अब शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होगी।