न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Tue, 22 Sep 2020 02:24 PM IST
उद्धव ठाकरे-शरद पवार (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
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जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग की तरफ से इस नोटिस के जरिए पिछले कुछ चुनावों में दाखिल किए गए हलफनामे की जानकारी मांगी गई है। नोटिस मिलने को लेकर जब पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो लोग (नोटिस भेजने वाले) कुछ लोगों को ज्यादा चाहते हैं।
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बता दें कि पिछले काफी समय से भाजपा और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी चल रही है। इसी बीच आयकर विभाग ने नेताओं को नोटिस भेजा है। इतना ही नहीं शरद पवार और शिवसेना ने लगातार कृषि विधेयकों का विरोध किया है। वहीं एनसीपी प्रमुख ने निलंबित राज्यसभा सांसदों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एक दिन का उपवास रखने की घोषणा की है।
I will also take part in their (eight suspended Rajya Sabha MPs) movement. I will fast for a day to show support: Sharad Pawar, NCP (File Photo) pic.twitter.com/bawRVcxwxJ
— ANI (@ANI) September 22, 2020
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे, शरद पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ झूठा हलफनामा देने के आरोप की जांच करने का आग्रह किया है।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने ये शिकायतें एक माह पहले ही सीबीडीटी को सौंपी थी और हाल ही में उसकी दोबारा याद दिलाई है। आयोग ने चुनावी हलफनामे में संपत्तियों और देनदारियों की सत्यता की जांच करने का आग्रह किया है।
जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए के तहत यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में झूठी जानकारी देने का दोषी पाया गया, तो उसे छह महीने की जेल, जुर्माना या दोनों ही सजा हो सकती हैं।