PM Modi LIVE: टैक्सपेयर्स पर पीएम मोदी करेंगे बड़ी घोषणा, लाइव अपडेट – Navbharat Times

पीएम मोदी
हाइलाइट्स

  • पीएम मोदी देश के टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी घोषणा कर सकते हैं
  • वह कई मौकों पर ईमानदार टैक्सपेयर्स की तारीफ कर चुके हैं
  • इस बार वह ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा प्रोग्राम शुरू करने वाले हैं
  • इस नए प्रोग्राम का नाम है ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, जिसका मतलब है पारदर्शी टैक्स व्यवस्था

नई दिल्ली

पीएम मोदी अक्सर ही ईमानदार टैक्सपेयर्स की बात करते हैं और उनकी तारीफे भी करते हैं। इस बार तो उन्होंने ईमानदार टैक्सपेयर्स को उनकी ईमानदारी का अवॉर्ड तक देने की व्यवस्था (Transparent Taxation – Honoring The Honest) की है। पीएम मोदी ने आज एक टैक्स प्रोग्राम लॉन्च करने वाले हैं, जिसका नाम ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन है यानी पारदर्शी टैक्स व्यवस्था। इस प्रोग्राम को एक टैगलाइन भी दी गई है ईमानदारों को सम्मान। पीएम मोदी ने ये लॉन्चिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे। आइए जानते हैं इस लॉन्चिंग से जुड़े हर अपडेट।

-पीएम ने कहा कि देश में चल रहा आधारभूत बदलाव का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। Transparent Taxation – Honoring The Honest 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है। इस प्लेटफार्म में फेसलेस स्टेटमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर की योजना है। फेसलेस स्टेटमेंट और टैक्सपेयर्स की सुविधा आज से ही शुरू हो गई है। फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर से पूरे देश में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है। लेकिन टैक्सपेयर्स को फेयरनेस का विश्वास दिलाने वाला है।

-बीते 6 वर्ष में हमारा फोकस रहा है, आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है। ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार टैक्सपेयर्स राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बनता है, वह आगे बढ़ता है तो देश भी आगे बढ़ता है। आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं मिनिमम गर्वनेंट और मैक्सिम गर्वनेंस की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

-लोगों पर आधारित और उनके जरूरत के हिसाब से नियम बनाए जा रहे हैं। इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। आज हर किसी को यह अहसास हुआ है कि शार्टकार्ट ठीक नहीं है। गलत तौरतरीके अपनाना सही नहीं है। वो दौर अब पीछे चला गया है। अब देश में माहौल इस ओर आगे बढ़ रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए सारे काम होने चाहिए। सवाल ये है कि ये बदलाव आखिर कैसे आ रहा है। क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है, क्या सजा देने से आया है। जी नहीं, बिल्कुल नहीं। मोटे तौपर कहूं तो चार बड़े कारण है। पालिसी ड्रिवन सरकार- नीति जब स्पष्ट होती है तो ग्रे एरिया कम हो जाते हैं। दूसरा, सामान्य जन की ईमानदारी पर विश्वास, तीसरा-सरकारी सिस्टम में मानव के काम को कम करके तकनीक का बड़ा इस्तेमाल और चौथा- हमारी सरकारी मशीनरी ब्यूरोक्रसी में काम करने वाले लोगों को को पुरस्कृत किया जा रहा है।

-सोच और एप्रोच दोनों बदल गई है। हमारे लिए सुधार का मतलब है, यह नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो और एक सुधार दूसरे का आधार बने। ऐसा नहीं है कि एक बार सुधार करके रुक गए। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। बीते कुछ वर्षों में देश में 1500 से ज्यादा कानूनों को समाप्त किया गया है। ईज आफ डूइंग में भारत कुछ साल पहले 134वें नंबर पर था। आज भारत की रैंकिंग 63 है। इसके पीछे सुधार है।

-विदेशी निवेशकों का विश्वास भी भारत पर बढ़ रहा है। कोरोना संकट के दौरान भी भारत में बड़े पैमाने पर FDI का आना इसका सबूत है। सुधार की इसलिए जरूरत थी क्योंकि हमारा सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना। आजादी के बाद थोड़े बदलाव किए गए लेकिन उसका चाल-चलन नहीं बदला। परिणाम ये हुआ है कि जो टैक्सपेयर्स राष्ट्र के लिए बड़े पिलर थे उसे ही कटघरे में खड़ा किया जाने लगा। आयकर का नोटिस फरमान की तरह बन गया। देश के साथ छल करने वाले कुछ मुट्ठी भर लोगों को पहचान के लिए बहुत लोगों को अनावश्यक परेशानी से गुजरना पड़ा। इस विसंगति के बीच ब्लैक और वाइट का उद्योग भी फलता-फूलता गया। इस व्यवस्था ने ईमानदारी से व्यापार करने वालों को और देश की युवा शक्ति की आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करने के बजाय कुचलने का काम किया।

-कम से कम कानून हो और जो कानून हो वह बहुत साफ हो। इससे टैक्सपेयरर्स भी खुश होता है। बीते कुछ साल से ऐसे कदम उठाए जा रहा है। जीएसटी आया, रिटर्न व्यवस्था को आनलाइन किया गया। बेवजह के दस्तावेज जुटाने को मुक्ति मिल गई है। अब हाई कोर्ट में 1 करोड़ रुपये तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपये तक के केस की सीमा तय की गई है। विवाद से विश्वास जैसी योजना में कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं। बहुत कम समय में ही करीब 3 लाख मामलों की सुलझाया जा चुका है।

-देश में टैक्स भी कम किया गया है। 5 लाख आय पर टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब पर भी टैक्स कम हुआ है। कारपोरेट टैक्स के मामले में हम दुनिया में सबसे कम टैक्स लेने वाले हैं। सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस हो टैक्स।

-पीएम मोदी ने ‘पारदर्शी टैक्स व्यवस्था- ईमानदारों को सम्मान’ प्लेटफार्म का उद्घाटन किया।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम का मिशन ईमानदार टैक्सपेयर्स को पुरस्कार देना है। इससे चीजों में पारदर्शिता आएंगी। आयकर विभाग और टैक्सपेयर्स में तालमेल होगा। पिछले साल कारपोरेट टैक्स 30 से 20 फीसदी किया गया था। आयकर विभाग ने कई सारे टैक्स सुधार लागू किए हैं। करदाताओं को सम्मान देना पीएम की इच्छा।

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