33 दिन बाद सचिन पायलट जयपुर लौटे, कहा- जो लफ्ज मुझे कहे गए, उनसे दुख हुआ; गहलोत बोले- दिल जीतने की कोशिश करूंगा

राजस्थान की सियासी उठापटक 32 दिन बाद खत्म हो गई। 33 दिन बाद मंगलवार को दिल्ली से सचिन पायलट जयपुर लौट आए हैं। वह शाम को जयपुर स्थित अपने आवास पहुंचे। घर के बाहर मीडिया से बातचीत में सचिन ने कहा, ‘राजद्रोह के मामले में मुझे एक नोटिस मिला था। उस आपत्ति को और पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली गया था। इसके बाद लगातार बहुत सी ऐसी हुईं, जो सकारात्मक नहीं थी। हमारा एक भी एक्शन पार्टी के खिलाफ नहीं रहा। हम पर तमाम आरोप लगे। अफवाहें फैलाई गईं। मेरे बारे में ऐसी बातें बोली गईं जिन्हें सुनकर दुख और आश्चर्य हुआ। इसके बावजूद मैं घूंट पीकर रह गया।’

पायलट बोले- मुझे लगता है कि जो कहा गया, उसे भूल जाना चाहिए। राजनीति में निजी बैर की जगह नहीं होनी चाहिए। काम केवल मुद्दों और पॉलिसी के आधार पर होना चाहिए।

सचिन पायलट मंगलवार शाम को दिल्ली से जयपुर स्थित अपने आवास पहुंचे।

उधर, पायलट की कांग्रेस में वापसी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मीडिया से बात की। गहलोत ने कहा कि सीएम होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि अगर मेरे विधायक मुझसे खफा हैं तो मैं उनका दिल जीतूं। मैं कोशिश करूंगा कि यह पता लगा सकूं कि उनसे क्या वादे किए गए थे और वो क्यों शिकायत कर रहे हैं।

इनकम टैक्स और सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा- गहलोत

गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि इनकम टैक्स और सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी, अगला चुनाव भी जीतेगी। उन्होंने कहा है कि पार्टी में भाईचारा बरकरार है। तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो सभी विवादों को सुलझाएगी। भाजपा की ओर से सरकार गिराने की कोशिश की गईं, लेकिन हमारे विधायक एक साथ हैं और एक भी व्यक्ति हमें छोड़कर नहीं गया।

पायलट खेमे के तीन विधायकों ने सीएम से की मुलाकात

सचिन पायलट के साथ बागी विधायक भी जयपुर लौटे आए हैं। पायलट खेमे के विधायक करीब एक महीने से मानेसर और गुड़गांव के रिजॉर्ट में ठहरे हैं। पायलट गुट के तीन विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक और खुशबीर सुबह ही जयपुर पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके आवास पर मुलाकात की। इससे पहले बागी विधायक भंवरलाल शर्मा ने सोमवार रात को सीएम से मुलाकात की थी।

पायलट खेमे के तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इनमें (बाएं से दाएं) विधायक ओम प्रकाश डुड़ला, विधायक सुरेश टांक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधायक खुशबीर।

अपडेट्स

  • मुख्यमंत्री गहलोत आज मंत्री शांति धारीवाल और विधायक संयम लोढ़ा के साथ जैसलमेर जा सकते हैं। यहां वे सभी विधायकों से चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि कल सभी विधायक जयपुर रवाना होंगे। इनके लिए विमान की भी व्यवस्था की गई है।
  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि हमने आज होने वाली विधायक दल की बैठक को टाल दिया है। क्योंकि कुछ विधायक गुजरात में हैं और वे आज नहीं पहुंच सकते। जन्माष्टमी कल है। इसलिए सभी ने कहा कि बैठक जन्माष्टमी के बाद की जाए।
  • कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि घर वापसी सुनिश्चित हुई।

अब तक ऐसे चला पूरा घटनाक्रम…

पहली बाड़ाबंदी- 11 जून से 19 जून

राज्यसभा चुनाव की घोषणा के बाद मुख्य सचेतक ने एसीबी को लिखा- हमारे विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं
9 जून को मुख्य सचेतक महेश जोशी ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक, एसीबी को शिकायती पत्र लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि कर्नाटक, मध्यप्रदेश और गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों को भारी प्रलोभन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 10 जून को अपने निवास पर कांग्रेस के विधायकों समेत आरएलडी के 1 और 13 निर्दलीय विधायकों को बुलाया। 11 जून को सरकार ने राज्य से बाहर आने-जाने पर पास सिस्टम लागू किया। 11 जून को ही विधायकों की होटल शिव विलास में बाड़ाबंदी हुई। 15 जून को चिट्ठी बम फूटा। राज्यसभा चुनाव की वोटिंग से पहले राजस्थान कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक की चिट्ठी से सियासी पारा अचानक चढ़ गया। पूर्व मंत्री और विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को चिट्ठी लिखकर राज्यसभा प्रत्याशी के चयन पर सवाल उठाया।

दूसरी बाड़ाबंदी- 13 जुलाई से 1 अगस्त

एसओजी ने 10 जुलाई को केस दर्ज किया, इसी दिन पायलट गुट बागी हो गया
10 जुलाई को मुख्य सचेतक की शिकायत पर एसओजी में हॉर्स ट्रेडिंग का केस दर्ज किया। राजद्रोह की धाराएं लगाईं। सीएम-डिप्टी सीएम, विधायकों को नोटिस दिए। 11 जुलाई को सरकार ने समर्थन दे रहे 3 निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक और खुशवीर सिंह को कांग्रेस की एसोसिएट की सदस्यता से हटा दिया। 12 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह नहीं आए। 13 जुलाई को सचिन पायलट ने ट्वीट किया- गहलोत सरकार अल्पमत में है। 30 विधायक हमारे संपर्क में हैं। 13 जुलाई को ही सीएमआर में विधायक दल की बैठक हुई, यहीं से सब फेयर मोंट होटल चले गए। 14 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाकर राजस्थान मंत्रिमंडल से सचिन पायलट और रमेश मीणा व विश्वेंद्र सिंह को बर्खास्त कर दिया। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।

तीसरी बाड़ाबंदी- 1 अगस्त से लगातार…

14 जुलाई से अब तक जांच एजेंसियों, अदालतों, विधानसभा और राजभवन से मामला दिल्ली जाकर सुलझा
23 जुलाई को विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव के साथ गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले। 24 जुलाई को राज्यपाल ने आपत्ति जताते हुए सरकार को फाइल लौटा दी। 24 जुलाई को गहलोत समर्थक विधायक राजभवन पहुंच गए और करीब 3 घंटे तक धरना-नारेबाजी की। 25 जुलाई को सरकार ने फिर से प्रस्ताव राजभवन भेजा। 26 जुलाई को राज्यपाल ने फिर प्रस्ताव लौटा दिया। 28 जुलाई को सरकार ने फिर से प्रस्ताव भेजा 29 जुलाई को राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस के साथ सत्र बुलाने की सशर्त अनुमति दे दी। यानी सत्र 14 अगस्त से। 1 अगस्त को बाड़ाबंदी जयपुर फेयरमोंट होटल से जैसलमेर के सूर्यागढ़ में शिफ्ट कर दी गई। 9 अगस्त को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने एकमत होकर कहा- पायलट और अन्य बागी विधायकों की पार्टी में वापसी नहीं होनी चाहिए। 10 अगस्त को राहुल-प्रियंका से मिलने के बाद संकट टल गया।

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा है कि पार्टी में भाईचारा बरकरार है। तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो सभी विवादों को सुलझाएगी। – फाइल फोटो

Source: DainikBhaskar.com

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