पैंगोंग इलाके में फिंगर 4 से 3 किमी की दूरी पर अब भी चीनी सेना मौजूद, सैटेलाइट इमेज से खुलासा – Navbharat Times

भारतीय और चीनी सेना
हाइलाइट्स

  • लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत के साथ डिप्लोमेटिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के दौरान चीन की नापाक चाल जारी
  • चीनी सेना अब भी पैंगोंग के फिंगर 4 से तीन किलोमीटर की दूरी पर जमी हुई है, सैटेलाइट इमेज से खुलासा
  • पहले यह दावा किया गया था कि चीनी सेना फिंगर 4 से फिंगर 5 तक वापस लौट गई है और कुछ चीनी सैनिक ही रिज लाइन पर मौजूद

पेइचिंग

लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत के साथ डिप्लोमेटिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के दौरान भी चीन अपनी नापाक चाल से बाज नहीं आ रहा है। शनिवार को ली गई सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि चीनी सेना अब भी पैंगोंग के फिंगर 4 से तीन किलोमीटर की दूरी पर जमी हुई है। हालांकि पहले यह दावा किया गया था कि चीनी सेना फिंगर 4 से फिंगर 5 तक वापस लौट गई है और कुछ चीनी सैनिक ही रिज लाइन पर मौजूद हैं।

सैटेलाइट तस्वीरों के हुआ खुलासा

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट Detresfa की सैटलाइट तस्वीर के अनुसार, फॉक्सहोल पॉइंट के पश्चिम में 3 किलोमीटर की दूरी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की उपस्थिति बनी हुई है। वहीं इस कैंप से कुछ किलोमीटर पीछे चीनी सेना के सपोर्ट कैंप भी मौजूद हैं। Detresfa की दूसरी सैटलाइट तस्वीरों के अनुसार, चीन ने लेह से 382 किलोमीटर दूर शिनजियांग प्रांत में होटान एयरबेस को भारत के खिलाफ रणनीतिक रूप से मजबूत कर दिया है। यहां फाइटर एयरक्राफ्ट के अलावा, अर्ली वार्निंग अवाक्स एयरक्राफ्ट और एयर डिफेंस यूनिट्स की तैनाती की गई है।

होटान एयरबेस पर इन हथियारों को चीन ने किया तैनात

इस एयरपोर्ट पर जिन एयरक्राफ्ट की तैनाती की गई है उनमें शेनयांग जे-8 इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट और शेयनांग की फाल्कर शामिल हैं। इसके अलावा जिस अवाक्स को यहां तैनात किया गया है वह शनाक्सी वाई-8जी और केजे-500 हैं। जिसमें शेनयांग जे-8 इंटरसेप्टर मूल रूप से रूस से चुराई गई डिजाइन पर आधारित है। सिंगल सीटर यह प्लेन तेजगति से अत्याधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है।

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मंगलवार को दोनों देशों के बीच चुशुल में 15 घंटे तक चली कोर कमांडर स्तर की चौथी बातचीत में भी कोई हल निकलता नहीं दिखा। चीनी सेना पैंगोंग त्सो और देपसांग में अब भी भारतीय सेना के काफी करीब जमी हुई है। चीन की इस चालबाजी से डिसइंगेंजमेंट और तनाव कम करने की प्रक्रिया उलझ गई है। वहीं, भारत ने दो टूक कह दिया है चीनी सैनिकों को इन इलाकों में भी पुरानी स्थिति में लौटना ही होगा।

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