- राजस्थान में सियासी घमासान के बीच कोर्ट पहुंचा मामला
- सचिन पायलट खेमे की संशोधित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
- याचिका में संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दिए गए नोटिस काे चुनौती दी गई है
- पायलट खेमे के वकील हरीश साल्वे ने स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाए
जयपुर
राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट गुट की ओर से दायर संशोधित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। पायलट खेमे ने विधानसभा से अयोग्य करार देने की कांग्रेस की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से भेजे गए नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान पायलट खेमे की ओर से हरीश साल्वे अपनी दलील रखी है। उन्होंने कहा कि पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है, ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। इस बीच हाईकोर्ट की डिविजन बेंच-1 में सुनवाई लंच के लिए रोकी गई। 45 मिनट बाद अभिषेक मनु सिंघवी दूसरे पक्ष की ओर से दलील पेश करेंगे। पहले दौर की सुनवाई में सचिन पायलट गुट की ओर से पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने करीब डेढ़ घंटे दलील पेश की।
साल्वे ने स्पीकर के आदेश पर उठाए सवाल
सचिन पायलट खेमे की संशोधित याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहन्ती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हो रही है। याचिका में संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दिए गए नोटिस काे चुनौती दी गई है। पायलट खेमे के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में अपनी दलील में स्पीकर के आदेश पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सचिन पायलट गुट का पक्ष रखते हुए कहा है कि इस मामले में दसवीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने स्पीकर से कोर्ट में बुलाने की मांग की। साल्वे ने कहा कि कहा कि पायलट गुट ने दल बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
साल्वे की दलील- पार्टी को जगाना बगावत नहीं
हरीश साल्वे ने सचिन पायलट के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि पार्टी को जगाना बगावत नहीं है। विधानसभा के बाहर दल-बदल कानून का प्रावधान लागू नहीं होता है। ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे ने दलील में ये भी कहा कि पार्टी ग्रुप ने कोई विद्रोह नहीं किया है, वह सिर्फ अपनी बात रखने के लिए गए थे। साल्वे ने कहा है कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत बोलने की आजादी के अधिकार के खिलाफ है उन्हें नोटिस थमाया गया है। सचिन पायलट और अन्य विधायक दिल्ली में अपना पक्ष रखने के लिए गए थे, जबकि सरकार ने स्पीकर के जरिए अनुच्छेद 10 के तहत नोटिस थमा दिया। अब अभिषेक मनु सिंघवी विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दलील पेश करेंगे।
पायलट खेमे की याचिका पर सुनवाई
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों को मिले नोटिस का जवाब देने का शुक्रवार को अंतिम दिन है। इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंचे पायलट खेमे की याचिका पर दिन में करीब तीन बजे जज सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, पायलट खेमे की ओर से शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। शाम करीब पांच बजे असंतुष्ट खेमे ने संशोधित याचिका दाखिल की और कोर्ट ने इसे दो जजों की पीठ की नियुक्ति के लिए मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती को भेज दिया।