न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 16 Jul 2020 09:02 PM IST
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सार
भारतीय अधिकारी पाकिस्तान में मौत की सजा प्राप्त कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे। इस मुलाकात के पूरा होने के बाद विदेश मंत्रालय ने बताया है कि राजनयिक अधिकारियों को कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के लिए कुलभूषण जाधव की लिखित सहमति हासिल नहीं करने दी गई। मंत्रालय ने बताया कि पाक के इस रुख पर भारतीय अधिकारी विरोध जताने के बाद वहां से लौट गए।
विस्तार
मंत्रालय ने कहा कि मुलाकात के स्थान पर लगे दिख रहे कैमरे से भी यह स्पष्ट होता है कि जाधव और भारतीय अधिकारियों के साथ हो रही बातचीत को रिकॉर्ड किया जा रहा था। कुलभूषण जाधव स्पष्ट तौर पर तनाव में थे और उन्होंने इस बात के भारतीय अधिकारियों को स्पष्ट संकेत दिए थे। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई व्यवस्थाओं ने एक मुक्त संवाद की अनुमति नहीं दी।
It was also evident from a camera that was visible that the conversation with Jadhav was being recorded. He was visibly under stress & indicated that clearly to the Consular Officers. The arrangements did not permit a free conversation between them: MEA https://t.co/NkmsBAHIrd
— ANI (@ANI) July 16, 2020
‘पाक की पेशकश न सार्थक रही न ही विश्वसनीय’
मंत्रालय ने बताया कि ऐसी स्थितियों में भारतीय राजनयिक अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराई गई राजनयिक पहुंच न तो सार्थक थी और न ही विश्वसनीय थी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय अधिकारी पाकिस्तान के इस रुख पर विरोध जताने के बाद वहां से चले गए।
मंत्रालय ने कहा कि यह साफ है कि इस मामले में पाकिस्तान का रुख समस्या पैदा करने वाला और असंवेदनशील है। पाकिस्तान ने न केवल अपनी ही बात से पलटा है बल्कि उसने इस मामले में साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले का पूरी तरह पालन करने के आश्वासन का भी उल्लंघन किया है।
पाक ने दूसरी बार दी राजनयिक पहुंच की मंजूरी
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने गुरुवार को दूसरी बार राजनयिक पहुंच की मंजूरी दी। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वो बिना किसी शर्त के जेल में कैद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव से बातचीत करने का मौका दे। यह जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई थी। इससे पहले भारत ने कहा था कि वो इस मामले में कानूनी विकल्पों को टटोल रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। हालांकि भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान पलट गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की इजाजत दे दी है।
अप्रैल 2017 में जाधव को सुनाई थी मौत की सजा
बता दें कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी 50 वर्षीय जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने मौत की सजा को चुनौती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था । हेग स्थित आईसीजे ने कहा था कि पाक को जाधव की सजा जाधव को दोषी ठहराने और सजा की प्रभावी समीक्षा करनी चाहिए और बिना देरी भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।