एलएसी पर भारत की पैनी नजर, सेना हाई अलर्ट, लद्दाख पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ और सेना प्रमुख – अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 17 Jul 2020 08:30 AM IST

लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
– फोटो : ANI

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200

ख़बर सुनें

चीन के तमाम वादों के बावजूद भारत लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पूरे इलाके पर पैनी नजर रख रहा है। साथ ही किसी भी हिमाकत का माकूल जवाब देने के लिए सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। 

विज्ञापन

इसी कड़ी में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार सुबह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवणे के साथ लद्दाख पहुंचे। लद्दाख दौरे के दौरान रक्षामंत्री सैन्य तैयारियों और हालात का जायजा लेंगे। 

 

सूत्रों ने बताया कि रक्षामंत्री सेनाध्यक्ष, उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ सुरक्षा के हालात की विस्तृत समीक्षा करेंगे। इससे पहले बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेशमंत्री एस जयशंकर, सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख के हालात की समीक्षा की थी।

एलएसी को लेकर भारत अपने रुख पर कायम : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं है। हम नियंत्रण रेखा का पूरी तरह सम्मान करते हैं और एलएसी पर यथास्थिति में कोई बदलाव मंजूर नहीं होगा। दोनों पक्ष इस पर सहमत हैं कि पहले से बनी चौकियों पर सैनिकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव समाप्त करने के लिए सेनाओं को पीछे हटाने की प्रक्रिया जारी है। यह जटिल प्रक्रिया है और इस मामले में तथ्यहीन खबरों से बचना चाहिए।  

दक्षिण चीन सागर में भारत मुक्त आवाजाही का पक्षधर

भारत ने कहा, दक्षिण चीन सागर पूरे विश्व का हिस्सा है और वह इस क्षेत्र में मुक्त आवाजाही का पक्षधर है। साथ ही कहा, भारत इस इलाके में शांति व स्थिरता चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत चाहता है कि इस अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग के इस्तेमाल की आजादी सभी को मिले। उन्होंने अमेरिका द्वारा दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्से पर चीन के दावे को खारिज करने के सवाल पर यह बात कही। उन्होंने कहा, दक्षिण चीन सागर पर भारत पहले भी कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुका है।

Related posts