जिद पर अड़े सचिन पायलट, CM गहलोत के साथ काम करने से किया साफ इनकार: सूत्र – Zee News Hindi

जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान में गहलोत सरकार पर संकट बरकरार है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह और मात का खेल जारी है. इसमें न तो गहलोत और न ही पायलट पीछे हटने को तैयार हो रहे हैं. थोड़ी देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है. बैठक से ही तय होगा कि गहलोत के साथ कितने विधायक हैं. पायलट को मनाने की कोशिश हो रही है. कोशिश प्रियंका गांधी भी कर रही हैं लेकिन सचिन पायलट अपनी जिद पर अड़े हैं. सचिन ने गहलोत को बहुमत साबित करने की चुनौती देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. पायलट ने अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके साथ काम करने से फिलहाल इनकार कर दिया है.    

सत्रों के मुताबिक, अब तक सचिन पायलट से राहुल गांधी ने एक बार, प्रियंका गांधी ने 4 बार, चिदंबरम ने 6 बार, अहमद पटेल ने 15 बार और के सी वेणुगोपाल ने 3 बार बात की है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने 3 बार सचिन पायलट को फोन किया. पायलट ने जवाब नहीं दिया. प्रियंका गांधी के फोन का विधायक भंवरलाल शर्मा जवाब देते हैं. सचिन पायलट अपने रुख पर कायम हैं. 

केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे पायलट और गहलोत के बीच जारी विरोध को संवाद से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पायलट समर्थित विधायक आज भी बैठक से दूरी बनाए हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट बैठक में नहीं आएंगे. आज पायलट के बैठक में नहीं आने पर पार्टी अहम निर्णय ले सकती है. सचिन पायलट से बात करने की कोशिशें भी लगातार जारी हैं.

आरपार की लड़ाई शुरू 
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच वीडियो वार भी शुरू हो गया है. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मानेसर के होटल में ठहरे हुए हैं. सचिन पायलट गुट ने कल शाम एक वीडियो भी जारी किया था. सचिन पायलट के साथ 11 विधायक हैं जो वीडियो में नजर आए. इनमें विश्वेंद्र सिंह, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, सुरेश मोदी, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, वेद प्रकाश सोलंकी, बृजेंद्र ओला और दीपेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. 

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट गुट 13 निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क में हैं. हालांकि 13 में से 3 को पहले ही अशोक गहलोत ने निकाल दिया है. इसके साथ-साथ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, NSUI के अध्यक्ष और प्रदेश सेवा दल के अध्यक्ष सब गहलोत से नाराज हैं और राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में नहीं हैं.

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