Nepal : राष्‍ट्रपति से मिले पीएम ओली, मंत्रियों के साथ बैठक की, कहा- कुछ भी संभव, तैयार रहें – दैनिक जागरण

Publish Date:Sat, 04 Jul 2020 09:37 PM (IST)

काठमांडु, एजेंसियां। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य का फैसला करने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए टल जरूर गई है लेकिन सरकार पर संकट बरकरार है। पड़ोसी देश में सियासी सरगर्मी तेज है। पीएम केपी शर्मा ओली ने शनिवार शाम को शीतल निवास पहुंचकर राष्‍ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की और उसके बाद मंत्रियों के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद पीएम ओली ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में पार्टी की एकता दांव पर है और कुछ भी हो सकता है… तैयार रहें…!

प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि मेरे और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। इसे देखते हुए मुझको जबरदस्ती फैसले लेने पड़ सकते हैं। आप सभी को अब अपना रुख साफ करने और तैयार रहने की जरूरत है। उधर, ओली के भविष्य का फैसला करने के लिए एनसीपी की स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए टल गई है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी की एकता को बनाए रखने को विचार विमर्श करने के लिए और समय की जरूरत है जिसे देखते हुए बैठक टाल दी गई है। 

ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के प्रेस सलाहकार बिष्णु सप्कोटा ने यह जानकारी दी। दरअसल, ओली और दहल के बीच शुक्रवार को तीन घंटे तक हुई वार्ता विफल हो गई थी। दहल ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं, वहीं ओली ने त्यागपत्र देने से यह कहकर इन्कार कर दिया कि वह किसी भी मुद्दे पर वार्ता को तैयार हैं। दोनों ने स्थायी समिति की बैठक से पहले शनिवार सुबह फिर वार्ता पर सहमति व्यक्त की थी। शनिवार सुबह हुई संक्षिप्त बातचीत में भी दोनों के बीच गतिरोध बना रहा लिहाजा सुबह 11 बजे होने वाली स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के स्थगित कर दी गई।

दरअसल, एनसीपी में विभाजन का खतरा पैदा हो गया है क्योंकि ओली और दहल गुट अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। वरिष्ठ नेता माधव नेपाल और झालानाथ खनल समेत दहल गुट के नेता ओली से प्रधानमंत्री पद के साथ पार्टी अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। 45 सदस्यीय स्थायी समिति के अधिकांश सदस्य भी दहल गुट का समर्थन कर रहे हैं। दहल के हवाले से एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ओली द्वारा भारत और अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाना सही नहीं था।

Posted By: Krishna Bihari Singh

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