59 चीनी ऐप्स बैन होने से बौखलाया चीन, कहा- दोनों देशों के बीच बढ़ेगा तनाव – आज तक

  • भारत ने सोमवार को 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था
  • चीन- वैश्विकरण को धीमा करने की दिशा में यह कदम
  • ‘फैसले से भारत के हजारों IT प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा असर’

चीन के साथ सीमा पर बने तनावपूर्ण माहौल के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुरक्षा और निजता का हवाला देते हुए एक दिन पहले चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत के इस कदम पर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चेताया कि इस पाबंदी से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नुकसान होगा, साथ ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा.

चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत और चीन के बीच पिछले दिनों हुए गतिरोध ने दुनियाभर में सुर्खियां बनीं, खासकर तब जब यह हिंसक हो गया और दोनों तरफ से दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं हुईं.

अखबार लिखता है कि हालांकि, दोनों तरफ से शांत दिमाग के साथ तनावपूर्ण स्थिति को कम करने की कोशिश होनी चाहिए थी, लेकिन हमने भारतीय मीडिया के एक हिस्से की बहुत अलग प्रवृत्ति देखी. मुख्यधारा की मीडिया की ओर से राष्ट्रवादी माहौल बनाया जा रहा है जो राष्ट्रवादी उन्माद में बदलने की क्षमता रखता है.

इसे भी पढ़ें — Chinese Apps Ban: TikTok, Shareit समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन, पढ़ें पूरी लिस्ट

अखबार के मुताबिक, हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बॉर्डर पर हुई हैं, लेकिन युद्धोत्तेजक लोगों के लिए यह अवसर में नहीं बदल जाना चाहिए.

करोड़ों उपयोगकर्ता होंगे प्रभावितः ग्लोबल टाइम्स

अखबार ने कहा कि भारत सरकार ने सुरक्षा और लोगों की निजता का हवाला देते हुए सोमवार को चीन के 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था.

अखबार ने कहा कि चूंकि प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. एप्पल और एंड्रायड स्टोर्स तय नहीं कर पा रहे कि इसकी व्याख्या कैसे करें और इसे किस तरह से निष्पादित करें क्योंकि ऐप्स की वैरायटी बहुत वाइड है और करोड़ों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करता है. यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं का भारत के स्मार्टफोन बाजार पर 80 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है.

इसे भी पढ़ें — चीन पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप बैन

‘Xiaomi, Oppo और Vivo भारत में ये सभी घरेलू नाम हैं. इन मोबाइल ब्रांडों ने भारत में प्रोत्साहन नीतियों के माध्यम से नहीं बल्कि जोरदार प्रतिस्पर्धा के माध्यम से और उपयोगकर्ताओं को न्यूनतम लागत पर सर्वोत्तम उत्पाद प्रदान करके प्रवेश किया है.’

‘अब नंबर्स पर एक नजर डालते हैं जो काफी असाधारण हैं. डिजिटल रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के एक विश्लेषक तरुण पाठक कहते हैं कि यह आदेश भारत में हर तीन स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं में से एक को प्रभावित करेगा. शीर्ष रिसर्च फर्म के अनुसार, टिकटॉक, क्लब फैक्ट्री, यूसी ब्राउजर और अन्य ऐप्स के मई 2020 में 50 करोड़ से अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स थे. कुछ अन्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन 59 ऐप्स के एक्टिव यूजर्स की कुल संख्या 80 करोड़ से ज्यादा हो सकती है.’

इसे भी पढ़ें — Camscanner ऐप भारत में बैन, आपके पास इन ऐप्स का है विकल्प

चीनी अखबार कहता है कि भारत एक संप्रभु राज्य के रूप में अपने नागरिकों की डाटा गोपनीयता सुनिश्चित करने का अधिकार रखता है, लेकिन ऐसा करने के कई अन्य तरीके हैं. उदाहरण के रूप में टिक टॉक को लें. यदि भारत के पास कंपनी के डेटा हैंडलिंग के बारे में कोई वैध चिंता थी, तो वह टिक टॉक और अन्य ऐप्स कंपनियों को अपने भारतीय सर्वर को भारतीय अधिकारियों के नियमों के तहत लाने के लिए भारत में अपने डेटा सर्वर को स्थानांतरित करने के लिए कह सकता था.

यह सही कदम नहीं: ग्लोबल टाइम्स

अखबार में लिखा है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के युग में दुनियाभर में लॉकडाउन के दौर में मोबाइल ऐप्स एक लग्जरी चीज की जगह यूजर कमोडिटी के रूप में स्थापित हो चुका है. टिक टॉक और शेयर इट जैसे वैश्विक ऐप्स को बैन करने से न केवल इन कंपनियों पर बल्कि इन कंपनियों के लिए काम करने वाले हजारों भारतीय आईटी कर्मचारियों पर भी असर पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें — Xiaomi स्मार्टफोन्स में मिलने वाले ये चाइनीज ऐप्स कर दिए गए बैन

अखबार कहता है कि यह उस वैश्विकरण को धीमा करने की दिशा में भी उठाया गया एक कदम है, जो इन दोनों एशियाई देशों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ था. यह निश्चित रूप से सही दिशा में कदम नहीं है और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और संबंधों के सामान्यीकरण के प्रयास करने के लिए हुए समझौते के साथ मदद नहीं करता है.

Related posts