बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है पीएम मोदी का नया ऐलान – आज तक

  • बिहार में साल के अंत में होने हैं विधानसभा चुनाव
  • बिहार में छठ पूजा धूम धाम के साथ मनाई जाती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर के आखिरी तक कर दिया है. छठ बिहार का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. पीएम मोदी के गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार का ऐलान बिहार में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव का समीकरण साधने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. आरजेडी इसे बिहार चुनाव से जोड़कर देख रही है.

कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 30 लाख श्रमिक बिहार वापस लौटे हैं. इस बार के चुनाव में श्रमिक काफी अहम रोल निभाने वाले हैं. बिहार में सियासी जीत-हार का रास्ता इनके समर्थन या विरोध पर काफी निर्भर करेगा. बिहार में 8.71 करोड़ गरीब परिवार हैं, जिन्हें सरकार तीन महीने का राशन उपलब्ध करा चुकी है. इसके अलावा अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों व गैर राशनकार्डधारी 86 लाख 40 हजार लोगों को सरकार ने राशन उपलब्ध कराया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ लोगों को तीन महीने का राशन मुफ्त दिया गया है. इसके अतिरिक्त प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो दाल भी दी गई. एक तरह से देखें तो अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को, और यूरोपीय यूनियन की आबादी से दोगुने से ज्यादा लोगों को सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है.

पीएम ने कहा कि इसी से जुड़ी मैं महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं. वर्षा ऋतु के बाद कृषि क्षेत्र में ज्यादा काम होता है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनता है. सावन शुरू हो रहा है, रक्षाबंधन आएगा, कृष्ण जन्माष्मी और फिर दिवाली और छठ आएगा. त्योहारों के समय खर्च भी बढ़ाता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाएगा.

पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा. इस योजना के विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे. अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है. यानी एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड. इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर कहीं और जाते हैं.

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बिहार में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से मोदी सरकार ने मुफ्त में पांच महीने अनाज उपलब्ध कराने का दांव चलकर सियासी समीकरण साधने की कवायद की है. बिहार में छठ एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. ऐसे में पीएम ने छठ तक के लिए अनाज मुफ्त देने का ऐलान कर गरीबों का साधने की कोशिश की है. वहीं, पीएम ने इससे पहले गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत भी बिहार से ही की है. इसके जरिए देश के अलग-अलग शहरों से बिहार वापस लौटे श्रमिकों को 25 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अलोक मेहता ने कहा कि पीएम ने गरीब आदमी के लिए जिस तरह से अनाज मुफ्त देने की घोषणा की है, इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के लिए हमेशा अनाज का संकट होता है और उसे हर हाल में अनाज की चिंता लगी रहती है. ऐसे में कोरोना संकट काल में पीएम मोदी ने पांच महीने के लिए मुफ्त अनाज देकर बड़ी राहत देने का काम किया है.

वहीं, पीएम मोदी के बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जब लोग मर रहे हैं तो इन्हें चुनाव प्रचार की फिक्र लगी हुई है. बिहार की हालत काफी खराब है. पीएम एक दिन बिहार आएं तो सही तरीके से पता चलेगा. नीतीश कुमार तो पिछले 90 दिनों से घर से निकले ही नहीं और एक दिन निकले तो पर्दा लगाकर निकले.

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