कैबिनेट के बड़े फैसले : किसान कहीं भी बेच सकेंगे फसल, कोलकाता पोर्ट का नाम अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी होगा – दैनिक जागरण

Publish Date:Wed, 03 Jun 2020 05:42 PM (IST)

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के लिए कई महत्‍वपूर्ण फैसले किए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी है। इससे किसान एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से अब आजाद हो गया है। उन्‍होंने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए तीन बड़े फैसले हुए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट करने को भी अपनी मंजूरी दे दी है। 

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट के आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन करके किसान को अब कहीं भी और ज्यादा कीमत देने वाले को अपना उत्‍पाद बेचने के लिए आजादी दे दी है। उन्‍होंने कहा कि आवश्यक वस्तु कानून की तलवार ने निवेश में भी बाधा पैदा किया था। आज अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू जैसे कृषि उत्‍पाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर किए गए हैं। अब किसान इनका योजना के अनुसार भंडारण कर सकता है। इनकी बिक्री कर सकता है। इस फैसले से किसानों को बहुत फायदा होगा।

जावड़ेकर ने कहा कि किसान 50 वर्षों से इन बदलावों की मांग कर रहे थे। उन्‍होंने यह भी बताया कि सरकार वन नेशन, वन मार्केट की दिशा में आगे बढ़ेगी और इसके लिए भी कानून बनेगा। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ज्यादा कीमतों की गारंटी के मसले पर भी एक फैसला हुआ है। यदि कोई निर्यातक, कोई प्रोसेसर या कोई उत्पादक है तो उसको कृषि उपज को आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दे दी गई है। इस फैसले से एक आपूर्ति चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा फैसला किया गया है।

वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इसेंसियल कॉमोडिटी एक्‍ट में संशोधन कृषि उत्पाद के क्षेत्र में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक्‍ट में बदलाव से किसान कहीं भी सीधे अपनी फसलें बेच सकेंगे। अब देश में किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा। 

संशोधन के मुताबिक, व्यापारी और किसान के बीच कोई विवाद की स्थिति बनेगी तो इसे कोर्ट से बाहर रखा जाएगा। पहली शिकायत एसडीएम के पास जाएगी जिसमें 30 दिन में फैसला देना होगा। एसडीएम के फैसले से संतुष्ट नहीं होने पर कलेक्टर के पास अपील की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने फार्माकोपिया कमीशन की स्थापना का भी निर्णय लिया है। आयुष मंत्रालय की गाजियाबाद की दो प्रयोगशालाओं का भी इसमें मर्जर हो रहा है। यह फैसला दूसरी ड्रग्स के स्टैंडर्डाइजेशन को सुनिश्चित करेगा। 

केंद्रीय कैबिनेट की एक हफ्ते में यह दूसरी बैठक थी। इससे पहले सोमवार को भी बैठक हुई थी जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे साल की पहली बैठक थी। इसमें MSME सेक्टर और किसानों को लेकर कुछ बड़े फैसले लिए गए थे। अर्थव्‍यवस्‍था पर कोरोना का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इसमें एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी गई थी। साथ ही खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला भी हुआ था। अब दूसरी बैठक में एकबार फ‍िर किसानों को मजबूती देने के बारे में बड़ा फैसला लिया गया है।

Posted By: Krishna Bihari Singh

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