अभी रायगढ़-पुणे में निसर्ग का असर, हादसों में दो लोगों की मौत; 6 घंटे में हवा की रफ्तार करीब 60 किमी तक कम हुई

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान निसर्ग अब रायगढ़ और पुणे से गुजर रहा है। दोपहर 12.30 बजे यह अलीबाग के तट से टकराया था। तब हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी। मुंबई में इसके असर के चलते बारिश हुई, पेड़ उखड़े और मकानों की छतें उड़ गईं। उतना नुकसान नहीं हुआ, जिसकी आशंका जाहिर की कई थी। 6.30 बजे यह रायगण और पुणे पहुंचा। इस समय तक हवा की रफ्तार में करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक की कमी आ गई थी। अगले कुछ घंटों में तूफान के और कमजोर पड़ने के आसार हैं।

रायगढ़ में बिजली का खंभा गिरने और पुणे में दीवार गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। 5 लोग घायल हैं। तूफान के चलते मुंबई एयरपोर्ट पर एक विमान की लैंडिंग में भी दिक्कत आई थी, इसके बाद शाम 7 बजे तक वहां विमानों का ऑपरेशन रोका गया था।

अपडेट्स…

  • तूफान सेदक्षिणमुंबई की एक रिहायशी बिल्डिंग का शेड उड़ा। मरीन ड्राइव के पास सीबीआई लेन पर पेड़ गिर गए, जिससे एक टैक्सी बुरी तरह क्षतिग्रस्त गई है।
  • मौसम विभाग (कुबालाब) के डिप्टी डायरेक्टर कुष्णानंद होसालीकर ने बताया कि अलीबाग में तूफान टकराते समय यहां 125 किमी की रफ्तार से हवाएं चलनी शुरू हो गईं। यह तूफान रायगढ़ कोपार कर मुंबई और ठाणे की और बढ़ रहा है। तूफान का असर करीब 3 घंटे तक रहने वाला है।
  • महाराष्ट्र के 21 और गुजरात के 16 जिलों में तूफान का असर है। दोनों राज्यों मेंएनडीआरएफ ने एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानोंपर पहुंचाया है।इस बीच, मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई।
  • गुजरातके द्वारका में समुद्र में ऊंचा ज्वार उठा। पहले यह तूफान गुजरात के तट से भी टकराने वाला था, लेकिन मौसम विभाग ने बाद में यह अनुमान वापस ले लिया।
  • निसर्गतूफान मेंएक जहाज फंस गया और रत्नागिरी के भाटीमिर्या समुद्र तट परपहुंच गया।
  • तूफान से पहलेमुंबई के ससून डॉक परिसर इलाके में समुद्र बहुत अशांत नजर आया। चूंकि यह मछुआरों का इलाका है। लिहाजा यहां पुलिस लगातार बाइक से गश्त कर रही है और लोगों को तट से दूर रहने की हिदायत दे रही है।
  • बृहन्नमुंबई महानगरपालिका ने लोगों को सलाह दी है कि भारी बारिश के दौरान बेवजह घर सेन निकलें। कार से निकलें तो उसमें हथौड़ी या कोई भारी औजर रखें, ताकि पानी में फंसकर कार का सेंट्रल लॉक जाम हो जाए तो कांच तोड़कर बाहर निकला जा सके।
  • तूफान से पहलेमहाराष्ट्र केपालघर जिले में सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया।
  • तूफान को देखते हुएपश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया। नौसेना ने 5 बाढ़ टीम और 3 गोताखोरों टीमों को मुंबई में तैयार रखा है।

सवाल-जवाब में समझें निसर्ग तूफान को

तूफान कहां उठा?
1 जून को अरब सागर के मध्य-पश्चिम तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना, जो चक्रवात में बदल गया। तब यह कम दबाव का क्षेत्र मुंबई से 630 किमी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में था।

महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के अलीबाग से तूफान गुजरने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है।

यह कहां और कब टकराया?
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग इलाके में बुधवारदोपहर 1 बजे टकराना शुरू हुआ। यहां से इसे गुजरने में 3 घंटे लगे।

तूफान के असर के चलते रायगढ़ में बिजली व्यवस्था पर असर पड़ा।

इसका असर क्या हो रहा?
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठीं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की गई। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नगर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी बारिश हो सकती है।

तेज हवाओं के चलते रायगढ़ में कई पेड़ उखड़ गए। घरों को भी नुकसान पहुंचा।

महाराष्ट्र में तूफान कितने साल बाद आया?
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।

मुंबई की एक झुग्गी बस्ती से एक व्यक्ति अपने परिवार और सामान के साथ बाइक से जाता हुआ। तूफान से पहले यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

दो हफ्ते में यह दूसरा तूफान कैसे?
21 मई को अम्फान तूफान आया था। इसनेओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाई थी। इसके दो हफ्ते बाद ही अब निसर्ग तूफान आया।

यह तस्वीर दमन की है। तूफान से पहले यहां एक मछुआरा अपने जाल समेटता हुआ। मछुआरों को 4 जून तक समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है।

तूफान कोनिसर्गनाम किसने दिया?
इस तूफान का निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की थी। इसमें निसर्ग, अर्णब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। पिछली लिस्ट का आखिरी नाम अम्फान था। यह नाम थाईलैंड ने दिया था। (पूरी खबर यहां पढ़ें)

केंद्र और राज्यों की क्या तैयारी रही?
महाराष्ट्र में 21 और गुजरात 22 टीमें एनडीआरएफ कीतैनात की गईं। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात कीं। दोनों राज्यों में एक लाख से अधिकलोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।

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तूफान तट से टकराया तब 125 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इससे दक्षिण मुंबई की एक रिहायशी बिल्डिंग का शेड उड़ गया।

Source: DainikBhaskar.com

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