8 जून के बाद होटल, रेस्टोरेंट, मॉल्स और धार्मिक स्थल खुलेंगे, सिर्फ कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन रहेगा

चर्चा लॉकडाउन-5 की थी, सामने आया अनलॉक-1 का फॉर्मूला। केंद्र सरकार ने शनिवार को नए नाम से लॉकडाउन के कायदे बताए। गृह मंत्रालय ने अपने सात पन्ने के आदेश में तीन बड़ी बातें कही हैं…

पहली– देश के सभी कंटेंनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बदस्तूर जारी रहेगा। अभी देश के 12 राज्यों के 30 शहरों में कंटेनमेंटजोन हैं।
दूसरी– अनलॉक करने की पहली किस्त में देश को तीन फेज में खोलने की तैयारी है। लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय SOP यानीतौर-तरीकेतय करेगा।
तीसरी– देशभर में रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। यानी रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कहीं भी आवाजाही पर रोक लगी रहेगी। हां, जरूरी सेवाओं को इसमें छूट मिलेगी।

अब सरकार के आदेश को इस नजर से देखते हैं…
क्या-क्या खुल रहा है, कब से खुल रहा है और किन शर्तों पर

पहला फेज: 8 जून के बाद ये जगहें खुल सकेंगी

  • धार्मिक स्थल/इबादत की जगहें।
  • होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी सर्विसेस।
  • शॉपिंग मॉल्स

शर्तें:स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा ताकि इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहेऔर यहां कोरोना न फैले।

कहां छूट नहीं दी गई, यानी वहां वैसा ही चलेगा जैसा 64 दिनों से चल रहा है

दूसरा फेज: स्कूल-कॉलेजों पर जुलाई में फैसला

  • स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टिट्यूट राज्य सरकारों से सलाह लेने के बाद ही खुल सकेंगे।
  • राज्य सरकारें बच्चों के माता-पिता और संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ बातचीत कर इस पर फैसला कर सकती हैं।
  • फीडबैक मिलने के बाद इन संस्थानों को खोलने पर जुलाई में फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा।

जिस बारे में अब भी कोई फैसला नहीं किया गया है

तीसरा फेज: इन सर्विसेस को शुरू करने का फैसला बाद में होगा

  • इंटरनेशनल फ्लाइट्स।
  • मेट्रो रेल।
  • सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहें।
  • सोशल, पॉलिटिकल, स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट, एकेडमिक, कल्चरल फंक्शंस, धार्मिक समारोह और बाकी बड़े जमावड़े।

कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन

  • कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून, 2020 तक लागू रहेगा।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी लेने के बाद जिला अधिकारियों द्वारा कंटेनमेंट जोन तय किया जाएगा।
  • कंटेनमेंट जोन में सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी।
  • मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेस और जरूरी सामान और सेवाओं की सप्लाई को छोड़कर इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी।
  • कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी। अन्य जरूरी मेडिकल कदम उठाए जाएंगे।

बड़ी राहत: लोगों के मूवमेंट पर अब रोक नहीं

  • राज्यों के बीच और राज्य के अंदर लोगों के मूवमेंट और सामान की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के मूवमेंट के लिए अलग से इजाजत लेने या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी।
  • हालांकि, यदि कोई राज्य पब्लिक हेल्थ और उसके असर के कारणों के आधार पर लोगों के मूवमेंट को कंट्रोल करने का प्रस्ताव रखता है तो उसे इस तरह के मूवमेंट से जुड़े प्रतिबंधों के बारे में पहले बड़े पैमाने पर प्रचार करना होगा और जरूरी प्रक्रियाओं को अमल में लाना होगा।

बड़ी बंदिश: पूरे देश में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच नाइट कर्फ्यू
रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी। इस पर सख्ती से पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों को लागू कर सकेंगे।

बफर जोन
राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान भी कर सकेंगी। ये ऐसे इलाके होंगे, जहां नए मामले आने का खतरा ज्यादा है। बफर जोन के अंदर भी प्रतिबंधों को जारी रखा जा सकता है।अपने क्षेत्रों में हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को बैन कर सकती हैं या जरूरी लगने पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती हैं।

ट्रेनों, उड़ानों से आवाजाही

  • यात्री ट्रेनों और श्रमिक ट्रेनों के जरिए आवाजाही; घरेलू हवाई यात्रा, देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों और विदेश जाने वाले लोगों की आवाजाही; विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने और भारतीय नाविकों का साइन-ऑन और साइन-ऑफ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के मुताबिक होगा।
  • कोई राज्य पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत क्रॉस लैंड बॉर्डर कारोबार के लिए किसी भी प्रकार के सामान/कार्गो की आवाजाही नहीं रोकेगा।

जोखिम वाले लोगों का बचाव
65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को जरूरी और मेडिकल जरूरतों को छोड़कर घर पर रहने की सलाह दी जाती है।

आरोग्य सेतु ऐप

  • गाइडलाइन के मुताबिक, दफ्तरों और कामकाज की जगहों पर सुरक्षा के लिए इम्प्लॉयर की यह ‘श्रेष्ठ कोशिशें’ रहनी चाहिए कि सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल हो।
  • लोगों को इस पर अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट करना होगा। इससे उन लोगों को फौरन मदद मिल सकेगी, जिन्हें संक्रमण होने का खतरा है।
  • जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करने की सलाह देगा।

गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा

  • राज्य और केंद्र शासित सरकारें गाइडलाइन में किसी भी स्थिति में ढील नहीं देंगी, क्योंकि ये डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत जारी की गई है। सभी जिला मजिस्ट्रेट गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराएंगे।
  • अगर कोई केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पब्लिक और वर्क प्लेस से जुड़ी कॉमन गाइडलाइन
1. यात्रा के दौरान या किसी पब्लिक प्लेस पर मास्क लगाना जरूरी होगा।
2. पब्लिक प्लेस पर दो लोगों के बीच छह फीट (दो गज) की दूरी जरूरी होगी।
3. बड़ी संख्या में भीड़ इकट्‌ठा होने पर मनाही रहेगी। शादी समारोह में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोग ही जुट सकेंगे।
4. पब्लिक प्लेस पर थूकने पर जुर्माना लगेगा।
5. जितना ज्यादा संभव हो सके, वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दी जाए।
6. कॉमन एरिया में सभी एंट्री और एग्जिट प्वांइट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी। सैनिटाइजर और हैंड वॉश उपलब्ध कराना होगा।
7. ह्यूमन टच में आने वाली सभी जगहों जैसे दरवाजों के हैंडल को लगातार सैनिटाइज करते रहना होगा।
8. वर्क प्लेस पर सभी इम्प्लॉइज को सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी।

कैसे रहे लॉकडाउन के चार फेज?

  • पहला फेज: 25 मार्च से 14 अप्रैल तक। यह 21 दिन का रहा। इस दौरान सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई।
  • दूसरा फेज: 15 अप्रैल से 3 मई। यह 19 दिन का रहा। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई।
  • तीसरा फेज: 4 मई से 17 मई। यह 12 दिन का था। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई। प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेनें और बस चलाई गईं। नई दिल्ली से स्पेशल ट्रेनों की भी शुरुआत हुई। वंदे भारत और समुद्र सेतु मिशन के जरिए दूसरे देशों में फंसे भारतीयों की वापसी हुई।
  • चौथा फेज: 18 मई से 31 मई तक के इस फेज में सरकार ने राज्यों को कोरोना संक्रमण के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करने की छूट दी। बसें चलाने की इजाजत दी गई। शॉपिंग मॉल्स के अलावा सभी दुकानें खोलने की परमिशन दी गई। बाद में अलग से घोषणा कर 25 मई से घरेलू उड़ानें भी शुरू कर दी गईं।

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Source: DainikBhaskar.com

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