मास्क पहनना- सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी; लॉकडाउन तोड़ा तो पहले की तरह 2 साल की सजा, थूकने पर जुर्माना

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली सालगिरह पर शनिवार को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 5.0 की बजाय अनलॉक के तीन चरणोंकी घोषणा की।इसमें सबसे बड़ी बात यही है किदेश के सभी कंटेंनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन तय नियमों के हिसाब से जारी रहेगा।

अनलॉक करने की पहली किस्त में देश को तीन फेज में खोलने की तैयारी है। पहला फेज 8 जून सेजबकि दूसरा फेज जुलाई में शुरू होगा।तीसरे अनलॉक फेज के बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है।

आपदा प्रबंधन कानून के तहत लगने वालादंड और जुर्माना

गृह मंत्रालय की ओर जारी 7 पेज की गाइड लाइन में 5,6 और 7वें पेज परबढ़ाए गए लॉकडाउन को तोड़ने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। इनमेंआपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।इसमेंदूसरे चरण की घोषणाओं को दोहराते हुएस्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना जरूरी होगा। पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा।

गाइडलाइन में कानून तोड़ने वालों और अन्य लोगों के लिए जान-माल का खतरा पैदा करने की स्थिति मेंआपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 9 धाराओं के अनुसार एक्शन होगा।सरकारी कर्मचारियों पर आदेश न मानने की स्थिति में आईपीसी की धारा 188 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

धारा 51 के तहत : कर्मचारियों के काम मेंबाधा डालनेआदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता या बाधा डालता हैया केंद्र/राज्य सरकारों या सक्षम एजेंसीद्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है तो उसे इस धारा के तहत सजा दी जा जाएगी।

उदाहरण के लिए, इस धारा के तहत, दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन, जिसमें पूजास्थल पर जाना, सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना आदि शामिल हैं, सभी को इस धारा के तहत अपराध माना जाएगा। इस धारा के तहत, 1 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, यदि दोषीव्यक्ति के किसी कामसे जानमाल का नुकसान होता हैतो 2 साल तक की कैद औरजुर्माना हो सकता है।

धारा 53के तहत :धन/सामग्री का दुरुपयोग करने आदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति राहत कार्यों/प्रयासों के लिए किसी भी पैसे या सामग्री का दुरुपयोग, अपने स्वयं के उपयोग के लिए करता हैया उन्हें ब्लैक में बेचता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत 2 साल तक की सजा एवं जुर्माना हो सकता है।

धारा 54के तहत: झूठी चेतावनी के लिए

यदि कोई व्यक्ति एक झूठा अलार्म या आपदा के बारे में चेतावनी देता है, या इसकी गंभीरता के बारे में झूठी चेतावनी देता है, जिससे घबराहट फैलती हैतो इसके तहतएक वर्ष तक कीसजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 55के तहत: सरकारी विभागों के अपराध के लिए

इसके तहत यदि कोई अपराध सरकार के किसी विभाग द्वारा किया गया है तो वहां का विभाग प्रमुख दोषीमाना जाएगा और जब तक कि वह यह साबित नहीं कर देता कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था, अपने विरुद्ध कार्रवाई किएजाने और दंड का भागी होगा।

धारा 56के तहत: अधिकारी के कर्त्तव्य पालन न करने पर

यदि कोईसरकारी अधिकारी, जिसे लॉकडाउन से संबंधित कुछ कर्तव्यों को करने का निर्देश दिया गया है, और वह उन्हें करने से मना कर देता है, या बिना अनुमति के अपने कर्तव्यों को पूरा करने से पीछे हट जाता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत1 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 57 के तहत: अपेक्षित आदेशका उल्लंघन होने पर

यदि कोई व्यक्ति इस तरह के अपेक्षित आदेश (धारा 65 के अधीन) का पालन करने में विफल रहता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत1 साल तक की सजा औरजुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।

अधिनियम की अन्य धाराएं(धारा58, 59 और 60)

इस अधिनियम की धारा 58, कंपनियों के अपराध से सम्बंधित है। इसके अलावा, धारा 59 अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी (धारा 55 और धारा 56 के मामलों में) से सम्बंधित है, वहींधारा 60 न्यायालयों द्वारा अपराधों के संज्ञान से सम्बंधित है।

सरकारी कर्मचारियों परधारा 188 के अनुसार एक्शन

इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर ये धारा लगाई जा सकती है। यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो।

सजा और जुर्माने के दोप्रावधान हैं:

पहला – सरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैंया आपसे कानून व्यवस्था में लगे व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों।

दूसरा – आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों। दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें

If the lockdown is broken, then it will be punishable with imprisonment of 2 years and fine, 9 sections of disaster management law and section 188 of IPC.

Source: DainikBhaskar.com

Related posts