लोगों ने कहा- हमें तो हादसे की आवाज भी नहीं सुनाई दी, छत पर गए तो बस धुआं दिखाई दे रहा था

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का यात्री विमान एक घनी आबादी वाले इलाके मॉडल कॉलोनी में क्रैश हो गया। पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज के मुताबिक, पीआईए की फ्लाइट पीके 803 लाहौर से कराची जा रही थी और इसमें 8 क्रू मेंबर्स समेत 98 लोग सवार थे। हादसे वाली जगह से अब तक 37 शव निकाले जा चुके हैं। इनमें एक 5 साल का बच्चा भी है।

जब प्लेन मॉडल कॉलोनी में क्रैश हुआ, उस वक्त लोगों को लगा कि ये सामान्य पीएमटी धमाका है, जो एयरपोर्ट के नजदीक बसी इस कॉलोनी के लिए आम बात है। यहां रहने वाली सीमा ने कहा कि उन्हें तो इस क्रैश की आवाज भी नहीं सुनाई दी। इसकी वजह यह हो सकती है कि इंजन से आवाज नहीं आ रही थी। उन्हें इस हादसे की खबर फोन पर बहन के जरिए मिली।

सीमा ने बताया कि जब वे बाहर देखने के लिए निकलीं तो हर जगह धुआं था। जल्द ही एम्बुलेंस आ गई। ऐसा लग रहा था, जैसे प्लेन दो इमारतों के बीच फंस गया था। थोड़ी ही देर बाद पावर कट हो गया। इसके बाद रेंजर्स ने रेस्क्यू वाले इलाके में लोगों और मीडिया के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी।

क्रैश साइट के करीब मेमन गोथ इलाके में रहने वाली फैजा ने कहा- हादसे की जगह हमारे घर से 7 किलोमीटर दूर है। हम लोग खुशकिस्मत हैं कि उस जगह से दूर थे। लेकिन, जब हम छत पर चढ़े तो हम वहां से धुआं उठता देख रहे थे। यहीं रहने वाली सलमा ने बताया कि मेरे बेटे के साथ पढ़ने वाला एक बच्चा मॉडल कॉलोनी में रहता है। शुक्र है कि वो और उसका परिवार हादसे के वक्त घर पर नहीं था। हम लोग इस हादसे से हिल गए हैं।

बिजली भी बंद
घटना स्थल से दो गली छोड़कर रहने वाली फारिया कहती हैं, “यह दिन भी किसी आमदिन की तरह था। बाहर तेज तपिश है। लिहाजा, हम घर में ही थे। मैं वॉटर पम्प का ऑयल चेंज कर रही थी। अचानक तेज धमाका हुआ। मुझे लगा कि कोई बम धमाका हुआ। बिजली भी बंद हो गई। ऊपर जाकर देखा तो प्लेन क्रैश हुआ था। कुछ ही देर में इलाका आग से घिर गया।”

लोगों ने मदद की
फारिया आगे कहती हैं, “लोग मदद कर रहे थे। आग लगी थी इसलिए, बहुत आगे जाना खतरनाक था। रमजान की वजह से लोग अफ्तारी भी बांट रहे थे। अब तक बिजली नहीं आई है। सैनिक लाशें निकाल रहे हैं। मैं अब भी सदमे में हूं कि कैसे अचानक कई लोगों के लिए यह दिन मनहूस बन गया। वो भी ईद से ठीक पहले।”

नेटवर्क भी बंद
मुनीर भी इसी इलाके में रहते हैं। वो कहते हैं, “जहां हादसा हुआ। उसके करीब ही मेरे दोस्त का घर है। मैंने उसे फोन करने की कोशिश की लेकिन, नेटवर्क की दिक्कत आ गई है। मैंने उसके घर जाने की कोशिश की। लेकिन, इलाका आग और धुएं में घिरा था। एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड मौजूद हैं। लोग वीडियो बना रहे हैं। यहां अब भी क्रेन है। जो मलबा और लाशें हटा रही है।”

हादसे में बाल-बाल बचे बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसीडेंट

बैंक ऑफ पंजाब के प्रेसीडेंट जफर मसूद पीआईए के उसी विमान में सवार थे, जो क्रैश हुआ। खुशकिस्मती से वह इस हादसे से बच गए। उनके चाचा मुमताज आलम ने कहा कि मसूद को मॉडल कॉलोनी के लोगों ने मलबे से निकाला। इसके बाद बचाव कर्मियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। आलम कहते हैं- यह करिश्मा ही है कि मसूद बच गए। अब उनका परिवार अस्पताल में साथ है। मसूद ने अपनी मां को बताया कि वो सुरक्षित हैं। उनका फोन भी ठीक से काम कर रहा है।

सोशल मीडिया पर पैसेंजर लिस्ट सर्कुलेट होने पर नाराजगी
हादसे के बाद मीडिया और सोशल मीडिया में विमान में सवार यात्रियों की लिस्ट जारी की गई। आमतौर पर सिविल एविएशन अथॉरिटी यह लिस्ट जारी करती है। डिजिटल राइट्स फाउंडेशन नाम का एनजीओ चलाने वाली निगात दाद कहती हैं कि यह निंदनीय काम है, क्योंकि इससे पैसेंजर्स की प्राइवेसी खत्म होती है। जरा उस परिवार के बारे में सोचिए जिसे इन जरियों से विमान में बैठे अपने करीबियों के बारे में पता चला होगा। जरा सोचिए कि वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड हुई ऐसी किसी लिस्ट में कोई शख्स लगातार किसी अपने का नाम खोज रहा होगा।निगत ने कहा- केवल क्लिक्स और रेटिंग के लिए कई मीडिया हाउस उसूलों को ताक पर रख देते हैं। मुझे लगता है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों को प्रमाणिकता का भी ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि जब वे ट्विटर पर कोई सूचना शेयर करते हैं तो उनका यह कदम लोगों की भलाई की भलाई के काम नहीं आ रहा होता है। इसके उलट ये कदम कई लोगों को मुश्किल में डाल देता है। ऐसे कानून होने चाहिए कि इस तरह के हालात में लोगों की निजता का सम्मान किया जाए, ना कि चंद पलों की शोहरत के लिए ऐसी हरकत की जाए।

इस तरह यात्रियों की लिस्ट का सर्कुलेट होना चिंताजनक- एक्टिविस्ट

एक्टिविस्ट और वरिष्ठ पत्रकार आफिया सलाम ने कहा- इस तरह से लिस्ट का सर्कुलेट होना चिंताजनक है। जब मुख्यधारा का मीडिया इस तरह से जानकारियां शेयर करता है, तो उसे इतनी आसानी ने नहीं बख्शा जाना चाहिए। उन्हें तो इसे रोकने वालों की भूमिका में होना चाहिए था। चैनलों पर इस तरह से यात्रियों का नाम लिया जाना बेहद असंवेदनशील है। मुझे लगता है कि इसमें नियामक संस्थाओं को दखल देना चाहिए। पाकिस्तान ने अतीत में भी ऐसी त्रासदियों को देखा है। हर बार मीडिया इसी तरह के अपमानजनक काम करता है। इन्हें उसूलों, लोगों की निजता का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन लगता है कि अतीत की घटनाओं से इन्होंने कोई सबक नहीं लिया है।

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यह फोटो पाकिस्तान के कराची में एयरपोर्ट के पास रिहायशी इलाके की है। शुक्रवार को यहां एक यात्री प्लेन क्रैश हो गया। इस घटना में 15 घरों को नुकसान पहुंचा। मौके पर आग बुझाने की कोशिश करते फायर ब्रिगेड स्टाफ के कर्मचारी।

Source: DainikBhaskar.com

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