चीन से तनाव: पहले कश्मीर फिर लद्दाख, आर्मी चीफ मुकुंद नरवणे के दौरे में छिपा है संकेत – Navbharat Times

आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स

  • आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख का किया दौर
  • लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच बढ़ा है तनाव
  • भारत ने लद्दाख में अतिरिक्स सुरक्षाबल तैनात कर दिया है
  • पाकिस्तान भी POK में कर रहा है भारत के खिलाफ साजिश

नई दिल्ली

पड़ोसी चीन के लद्दाख में बढ़ती गतिविधियों से भारत सतर्क हो गया है। आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे (Army Chief Manoj Mukund Naravane) पिछले कुछ समय में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख तक का दौरा कर सीमा पर स्थिति का जायजा लिया है। दरअसल, भारत इसलिए भी ज्यादा चौकन्ना है क्योंकि पाकिस्तान भी POK में नई दिल्ली के खिलाफ साजिश कर रहा है। आर्मी चीफ का दौरा यह संकेत देता है कि भारत इसबार हर मोर्चे पर सतर्क रहना चाहता है और पड़ोसी देश कोई दुस्साहस नहीं कर पाए इसके लिए तैयारी भी पूरी हो।

लद्दाख में भारत में बढ़ाई सेना

चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच सिक्किम सीमा और लद्दाख में कुछ दिन पहले झड़प हुई थी। इसमें दोनों पक्षों को चोटों आई थीं। इसके बाद चीन ने लद्दाख के पैंगोंग सो झील (Pangong Tso Lake) में पेट्रोलिंग बोटों की संख्या बढ़ा दी। यह असामान्य घटना थी। इसके बाद भारत ने भी इस इलाके में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी।

नरवणे के लद्दाख दौरे से क्या संकेत

आर्मी चीफ नरवणे उत्तरी कमांड चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी के साथ लद्दाख का दौरा किया। सेना आर्मी चीफ के इस दौरे पर कोई जानकारी तो नहीं दी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत चीनी हरकतों पर करीबी नजर रखे हुए है।

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चीन, पाकिस्तान की एकसाथ हरकतें, क्या इशारा

बता दें कि लद्दाख में जहां चीन भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई में शामिल है वहीं, उसका सदाबहार मित्र पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी और POK में भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। माना जा रहा है कि दोनों देश जानबूझकर भारत के खिलाफ साजिश में शामिल हैं। पूर्व डेप्युटी नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर एस. डी. प्रधान ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘चीन-पाकिस्तान का गठजोड़ पीओके और अक्साई चिन को फिर से हासिल करने की भारतीय कोशिशों से चिंचित है। ये दोनों ही क्षेत्र सीपीईसी (चीन पाक आर्थिक गलियारा) के लिए तो अहम है ही, ‘अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को सीमित’ करने के लिहाज से भी अहम हैं। लिहाजा चीन और पाकिस्तान इन (पीओके और अक्साई चिन) पर अपने नियंत्रण को और मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। इससे वे अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को भी सीमित कर पाएंगे।’

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नरवणे कर चुके हैं कश्मीर का भी दौरा

आर्मी चीफ नरवणे ने कश्मीर में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं और सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी को देखते हुए पिछले महीने वहां का दौरा किया था। कश्मीर दौरे के बाद सेना चीफ ने कहा था कि पाकिस्तान को हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा।

डोकलाम के बाद फिर भारत-चीन में तनाव

डोकलाम में 70 दिन से ज्यादा चले तनाव के बाद फिर दोनों देशों के बीच तनाव है। अभी चीनी सेनाओं की संख्या लद्दाख सीमा के करीब बढ़ी है। हालांकि भारत की नजर पेइचिंग की हर सामरिक गतिविधियों पर है। भारत और चीन की सीमाएं तीन सेक्टर में बंटी हुई हैं। वेस्टर्न सेक्टर लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबी समा है दोनों देशों के बीच। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच मिडिल सेक्टर में 545 किलोमीटर लंबी सीमा और ईस्टर्न सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के बीच 1,346 किलोमीटर लंबी सीमा पड़ती है। वेस्टर्न सेक्टर में दोनों देशों के बीच सबसे ज्यादा विवाद होता है।

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क्या अचानक बढ़ा तनाव?

तो क्या दोनों देशों के बीच अचानक तनाव बढ़ा है? अगर हालिया घटनाओं को देखें तो ऐसा नहीं कहा जा सकता है। सिक्किम सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प, पैंगोंग झील पर तनाव और हाल में नेपाल की बॉर्डर मैप पर प्रतिक्रिया ने भारत को नाराज किया है। आर्मी चीफ नरवणे की नेपाल की प्रतिक्रिया पर यह बयान कि इसमें किसी तीसरी ताकत का हाथ है, सबकुछ साफ कर देता है।

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