अगले 10 दिन में चलाई जाएंगी 2600 ट्रेनें, रेल सफर के बारे में सब कुछ जान लें – Zee News Hindi

नई दिल्लीः रेल मंत्रालय 1 जून से पूरे देश में करीब 200 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू करने जा रहा है. इसके अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए 36 लाख लोगों को यात्रा कराई जाएगी, ताकि ये लोग अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें गई हैं.

यादव ने कहा कि श्रमिकों की पूरी मदद करने के लिए राज्य सरकारों से कहा गया है। वहीं सभी राज्य सरकारों के सहयोग से 2000 से अधिक ट्रेनें चल चुकी हैं, जिनसे 35 लाख से अधिक लोग अपने घर पहुंच चुके हैं.  

रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे ने प्रत्येक स्टेशन पर जिला प्रशासन के सहयोग से सामाजिक दूरी का पालन किया गया है.प्रवासी श्रमिकों को लेकर करीब 80 प्रतिशत ट्रेनें यूपी और बिहार गई हैं. अगले दस दिनों में 2600 ट्रेनों से 36 लाख यात्रियों को यात्रा करवाने की तैयारी हो चुकी है. एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई थी. इनमें जाने वाले सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है.

प्रवासी श्रमिकों के लिए जो ट्रेनें चलाई जा रही हैं वे राज्य सरकार के समन्वय के साथ  चलाई जा  रही हैं। अगर जरूरत पड़ी तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी.स्पेशल ट्रेनों को चलाने की लागत का 85 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन कर रह रही है और 15 प्रतिशत राज्य सरकारें किराए के रूप में वहन कर रही हैं. 

स्टेशनों पर खोले जाएंगे 1000 से अधिक काउंटर
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि टिकट के लिए 1000 काउंटर खोले गए हैं और आगे कई और काउंटर खोले जाएंगे. शिकायत थी कि श्रमिक भाई  बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं इसलिए टिकट काउंटर खोलने का भी फैसला किया गया. प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य सरकारों के समन्वय से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जरूरत पड़ी तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी.

पश्चिम बंगाल में ट्रेनें चलने में वक्त
पश्चिम बंगाल में तूफान की वजह से नुकसान हुआ है। चीफ सेक्रटरी ने कहा है कि जब रीस्टोरेशन का काम हो जाएगा तो जानकारी देंगे और इसके बाद ट्रेनें चलाई जाएंगी. 

कोविड केयर के लिए पांच हजार कोच
कोविड केयर सेंटर के लिए 5 हजार कोच तैयार किए गए हैं। इसमें लगभग 80 हजार बेड हैं। अभी 50 प्रतिशत ये कोच श्रमिक स्पेशल में इस्तेमाल हो रहे हैं. अगर किसी भी स्टेशन से ज्यादा संख्या में प्रवासी अपने घर जाना चाहेंगे तो उनके लिए भी ट्रेन सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी.

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