नई दिल्ली, प्रेट्र। रेल मंत्रालय ने आज श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। रेल मंत्रालय की ताजा गाइडलाइन के मुताबिक अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1200 यात्रियों की जगह ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों में लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय के मुताबिक अब ट्रेन अपने गंतव्य स्थान से तीन स्टेशनों पर रुकेगी।
रेलवे की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार रेलवे जोन को राज्य सरकारों के अनुरोध पर अंतिम पड़ाव के अलावा गंतव्य राज्य में तीन स्टॉप उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है। साथ ही यह भी कहा कि ट्रेन की क्षमता ट्रेन में स्लीपर बर्थ की संख्या के बराबर होनी चाहिए।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कुल 24 कोच होते हैं, जिनमें से प्रत्येक कोच में 72 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है।वर्तमान में यह ट्रेन, प्रत्येक कोच में 54 यात्रियों के साथ चलती है, जो शारीरिक दूरी के मानदंडों के कारण है।
अब तक, भारतीय रेलवे ने 1 मई से 5 लाख से अधिक यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाया है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझाते हुए कहा कि रेलवे में प्रति दिन 300 ट्रेन चलाने की क्षमता है और हम इसे अधिकतम करना चाहते हैं। हम अगले कुछ दिनों में अधिक से अधिक प्रवासियों को घर ले जाना चाहते हैं और राज्यों से अपील की है वे ऐसा करने में हमारी मदद करें।
इस बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आज सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा। इस पत्र में राज्यों को श्रमिक स्पेशन ट्रेन चलाने में सहयोग करने की अपील की है और दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों के आवागमन के लिए सुविधा की मांग की है।
कई श्रमिक स्पेशन ट्रेनों और बसों के चलने के बावजूद प्रवासी श्रमिकों के अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल चलने का सहारा लेने की खबरें देश भर से आती रहती हैं। ऐसे में राज्यों को केंद्र की मदद कर मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद करनी चाहिए।
Posted By: Shashank Pandey
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