नीतीश के मंत्री का दावा- दिल्ली सरकार ने मजदूरों के टिकट का मांगा पैसा – आज तक

  • दिल्ली सरकार ने मजदूरों को पहुंचाने के लिए मांगा पैसा
  • बिहार के मंत्री का दावा- दिल्ली सरकार ने भेजा पत्र

दिल्ली में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों के रेल के टिकट को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार और नीतीश सरकार के बीच में जुबानी खींचतान जारी है. बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मजदूरों को मुजफ्फरपुर पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार, नीतीश सरकार से पैसा मांग चुकी है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में संजय कुमार झा ने कहा, ‘मैंने दिल्ली सरकार के एक मंत्री का ट्वीट देखा जिसमें उनका दावा है कि मुजफ्फरपुर जाने वाले 1200 मजदूरों के ट्रेन टिकट का खर्च उनकी सरकार ने उठाया है. लेकिन मेरे पास एक पत्र है जो बिहार सरकार से पैसा मांगने के लिए दिल्ली सरकार ने भेजा है.’

संजय झा ने कहा, ‘एक तरफ यह कहकर श्रेय ले रहे हैं कि आपने मजदूरों को अपने पैसे से उनके घर भेजा, वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार से आप पैसा भी मांग रहे हैं.’

दिल्ली सरकार का पत्र

मजदूरों से पैसा लेना उचित नहीं

वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि प्रवासी मजदूरों से पैसा लेना उचित नहीं है, वे पिछले दो महीनों से आश्रय गृहों में रह रहे हैं. टिकट के भुगतान के लिए उन्हें पैसे कहां से मिलेंगे. इसलिए दिल्ली सरकार ने इसके लिए भुगतान किया है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

क्या है मामला

असल में दिल्ली में फंसे 1200 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को स्पेशल ट्रेन से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो गए. प्रवासी मजदूरों के रेल के टिकट को लेकर अब आम आदमी पार्टी और जेडीयू के बीच में जबरदस्त जुबानी जंग चल रही है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दावा किया कि बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूर के रेल का किराया देने से इनकार कर दिया है.

आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए मुजफ्फरपुर रवाना हुई ट्रेन का वीडियो पोस्ट करने के साथ लिखा कि बिहार सरकार ने 1200 प्रवासी मजदूरों के रेल का किराया देने से इनकार कर दिया है और अब पूरा खर्च अरविंद केजरीवाल सरकार वहन करेगी. इस वीडियो में दावा किया गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार कोविड-19 महामारी काल में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के साथ खड़ी है.

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आम आदमी पार्टी की तरफ से इस वीडियो को जारी करने के तुरंत बाद बिहार में जेडीयू अरविंद केजरीवाल सरकार के दावों को लेकर आगबबूला हो गई. आम आदमी पार्टी सरकार के दावों की हवा निकालते हुए जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने उस चिट्ठी को ट्वीट किया जो 6 मई को दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को लिखी थी.

इस चिट्ठी में नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने लिखा है कि 1200 प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से मुजफ्फरपुर यात्रा के लिए खर्चा जो तकरीबन 6.5 लाख होगा वह तत्काल दिल्ली सरकार वहन करेगी और बाद में इस रकम का भुगतान बिहार सरकार दिल्ली सरकार को करेगी.

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गौरतलब है कि प्रवासी मजदूरों के बिहार लौटने को लेकर नीतीश कुमार सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जो भी प्रवासी मजदूर बिहार लौटेंगे, उन्हें 21 दिन के लिए क्वारनटीन में जाना होगा. 21 दिनों के बाद बिहार सरकार इन प्रवासी मजदूरों को बिहार आने का जो भी रेल का किराया लगा होगा और उसके ऊपर से 500 रुपये अलग अदा करेगी.

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ऐसे में आम आदमी पार्टी का यह दावा है कि बिहार सरकार ने 1200 प्रवासी मजदूरों के बिहार आने के लिए रेल का किराया देने से इनकार कर दिया, वह अब सवालों के घेरे में है. खासकर, दिल्ली सरकार के द्वारा लिखे पत्र से यह साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने बिहार सरकार से 6.5 लाख अदायगी करने के लिए कहा था मगर प्रचार-प्रसार कर रही है कि केजरीवाल सरकार इन मजदूरों के रेल का किराया खुद वहन कर रही है.

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