Coronavirus: 5 मेट्रो शहरों में मरीजों की रिकवरी रेट कम, बढ़ गई केंद्र सरकार की चिंता – Navbharat Times

महानगरों ने बढ़ाई टेंशन
हाइलाइट्स

  • मुंबई, जयपुर, इंदौर समेत देश के 5 महानगरों में कोरोना मरीजों की ठीक होने की दर बहुत कम है
  • इन मेट्रो शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले और वायरस से मरने वालों की संख्‍या बढ़ती जा रही है
  • इस मामले में देश की राजधानी दिल्‍ली का हाल अच्‍छा है, यहां रिकवरी रेट 28 पर्सेंट तक है
  • राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर 19 पर्सेंट से भी ज्‍यादा है

अमन शर्मा, नई दिल्ली

मुंबई, इंदौर और जयपुर जैसे देश के 5 महानगरों (Metro cities) में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर कम और मरने की दर अधिक है, जो केंद्र सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। इन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले और वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

इन महानगरों ने वायरस की रोकथाम के लिए पिछले 10 दिनों में कंटेनमेंट जोन (Containment Zone)की संख्या लगभग दोगुनी कर युद्धस्तर पर टेस्टिंग शुरू कर दी है। हालांकि कई जगहों पर टेस्ट करने की पर्याप्त सुविधा नहीं है।

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राष्ट्रीय रिकवरी रेट 19 पर्सेंट से ज्‍यादा

केंद्र सरकार के डेटा के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी रेट (Recovery rate) 19 पर्सेंट से अधिक है, लेकिन मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर और जयपुर में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर कम है। जयपुर और इंदौर में रिकवरी रेट 8 पर्सेंट से कम है जबकि अहमदाबाद 10 पर्सेंट है। वहीं, मुंबई में रिकवरी रेट 13 पर्सेंट है जहां संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं और यह महानगर वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या के मामले में भी सबसे आगे है। इस मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन दिल्ली का है जहां रिकवरी रेट 28 पर्सेंट है। पुणे, इंदौर, अहमदाबाद और मुंबई में मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

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कंटेनमेंट जोन पर ध्‍यान देने का निर्देश

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘किसी शहर में मृत्युदर अधिक और ठीक होने की दर कम होने का मतलब हो सकता है कि वहां संक्रमित मरीजों का पता देर से लग रहा है। इससे संक्रमण गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। इसका नतीजा होता है कि मरीज को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है या उसकी मौत हो जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे कंटेनमेंट जोन पर अधिक ध्यान दें और रैपिड एंटी-बॉडी टेस्ट के लिए लोगों की आक्रामक ढंग से टेस्टिंग कर संक्रमित मरीजों की जल्द पहचान करें। इससे वायरस का प्रकोप कम करने में मदद मिलेगी।’

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पूरा पुणे कंटेनमेंट जोन घोषित

इंदौर ने पिछले दस दिनों में कंटेनमेंट जोन की संख्या दोगुना कर 170 से अधिक तक पहुंचा दिया है। जयपुर ने सबसे अधिक प्रभावित रामगंज क्षेत्र में कंटेनमेंट के लिए 30 क्लस्टर्स की पहचान की है जहां से जयपुर के कुल 723 मामलों में से 497 आए हैं। अहमदाबाद ने ऐसे 130 क्लस्टर्स की पहचान की है। पूरे पुणे शहर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। वहीं 21 अप्रैल तक दिल्ली में ऐसे जोन की संख्या बढ़कर 87 हो गई जो 12 अप्रैल तक 43 तक सीमित थे।

कोविड-19: भारत की रिकवरी दर 19.33, मौत का आंकड़ा 650 के पार
कोविड-19: भारत की रिकवरी दर 19.33, मौत का आंकड़ा 650 के पारभारत में कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 20000 का आंकड़ा पार कर गई है। घातक कोविद -19 के कारण मौत का आंकड़ा 650 को पार कर गया है। सक्रिय मामलों की संख्या 15859 है। हालांकि, भारत के लिए अच्छी खबर वसूली दर है जो 19.33 है जो पहले 17.5 थी। संक्रमण की दोहरी दर भी कम हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज 1486 नए कोरोनोवायरस मामलों की सूचना दी है।

3 मई के बाद हट सकता है लॉकडाउन

एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि कंटेनमेंट जोन और टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर 3 मई तक जितना अधिक हो सके, उतना कोरोना के सक्रिय मामलों को कम करने की कोशिश की जा रही है। 3 मई के बाद इन 6 महानगरों में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन (Lockdown) हटाया जा सकता है, लेकिन पूरी ढील नहीं दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा, ‘यही वजह है कि इन सभी महानगरों में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग कराई जा रही है। अहमदाबाद में 15,000 से अधिक टेस्टिंग हुई है जबकि दिल्ली ने लगभग 24,000 परीक्षण किए हैं।’ केंद्र सरकार के मुताबिक, मुंबई ने 50,000 से अधिक टेस्टिंग की है जो छह महानगरों में सबसे अधिक है।

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