शिवराज की सरकार में 5 मंत्री: नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, मीना सिंह और सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत ने शपथ ली

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का मंगलवार कोगठन हो गया। भाजपा खेमे से तीन और ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से दो मंत्रियों ने शपथ ली।भाजपा से वरिष्ठ विधायक औरपूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री बने, जबकि सिंधिया ने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ ली। नाम तय होते समय गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और बिसाहूलाल सिंह के नाम पर भी बात हुई, लेकिन छोटा मंत्रिमंडल होने की वजह से अंतत: इन्हें होल्ड पर डाल दिया गया है। भूपेंद्र सिंह सोमवार की सुबह भोपाल आ गए थे, लेकिन देर शाम सागर रवाना हो गए।

भाजपाअध्यक्ष जेपी नड्ढा से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार देर शाम एक बार फिर नामों पर विचार हुआ। साथ ही फोन पर प्रदेश के नेताओं और मुख्यमंत्री के बीच चर्चा हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री के मंगलवार के तमाम कार्यक्रम निरस्त किए। राजभवन को सूचना दी गई कि दोपहर 12 बजे साधारण रूप से शपथ होगी। कमल पटेल को मंत्री बनाए जाने के पीछे कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिलावट ने भाजपा में आने के बाद इस विभाग के प्रति अनिच्छा जाहिर की।

कई वरिष्ठ विधायकों को होल्ड पर डाला
पहले चरण में भाजपा ने कई वरिष्ठ विधायकों गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को फिलहाल प्रतीक्षा में डाल दिया है। इनमें से कुछ नामों पर विचार भी किया गया था और पूर्व में चर्चा थी सिंधिया के दबाव में मंत्रिमंडल 10 से 12 का हो सकता है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने संख्या सीमित कर दी।

हर वर्ग को साधने की कोशिश

मुख्यमंत्री चौहान की शपथ के 29 दिन बाद उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है। फिलहाल पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में सिलावट और राजपूत को ही शामिल करने का निर्णय किया गया है। भाजपा हाईकमान की हरी झंडी के बाद पांच मंत्रियों को शपथ दिलाने का निर्णय हुआ है इसमें जातीय समीकरण को साधने का प्रयास भी किया गया है। महिला और आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व मीना सिंह, ओबीसी वर्ग से कमल पटेल, अनुसूचित जाति वर्ग से सिलावट और सामान्य वर्ग से डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और गोविंद सिंह राजपूत को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ मंत्रिमंडल में सिलावट के पास स्वास्थ्य और राजपूत के पास परिवहन विभाग की कमान थी।

23 मार्च को शिवराज ने शपथली थी

शिवराज ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल के ही शिवराज लगातार कोरोनावायरस संकट के दौरान काम करते रहे हैं और इसे लेकर वे विपक्ष के निशाने पर भी आए।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि देश का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट में स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है।

34 मंत्री बनाए जा सकते हैं
230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से मंत्रिमंडल में अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 35 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। अब 34 व्यक्तियों को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन, सामान्यत: रणनीतिक तौर पर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में कुछ पद रिक्त रखते हैं। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि केवल 9-10 मंत्रियों को ही शपथ दिलाई जा सकती है।

20 मार्च को गिर गई थी कमलनाथ सरकार
दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई थी, लेकिन वरिष्ठ नेता सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से बगावत के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगभग एक माह पहले 20 मार्च को त्यागपत्र देना पड़ा था।

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Shivraj Singh Chouhan Ministers List | Shivraj Singh Chouhan Cabinet Expansion Live Updates; Madhya Pradesh BJP MLA Minister Full List

Source: DainikBhaskar.com

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