पालघर में साधुओं की लिंचिंग पर बोलीं उमा भारती- झुलसकर राख हो जाएगी उद्धव सरकार – आज तक

  • पालघर में दो साधुओं और ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या
  • उमा भारती ने ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना

महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या के बाद देशभर का संत समाज गुस्से में है. संत समाज लगातार हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. इस बीच मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुकीं उमा भारती ने हत्या के मामले को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है.

उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा, ‘संतों की हत्या से झुलसकर उद्धव ठाकरे सरकार राख हो जाएगी’. उमा भारती ने पालघर की घटना पर सोमवार शाम को लगातार पांच ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, ‘पालघर, महाराष्ट्र में संतों की जो निर्मम हत्या हुई है, जिसमें से एक संत तो 70 वर्ष के थे, भयानक रूप से दुखद एवं अंतरात्मा को झकझोर देने वाली पीड़ा हुई है. वीडियो में अपराधी साफ दिख रहे हैं, पुलिस भी है फिर भी यह महापाप हो गया, जहां पर उद्धव ठाकरे की सरकार है’.

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अपराधियों को होनी चाहिए फांसी की सजा

उमा भारती ने आगे लिखा कि ‘सभी अपराधियों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में फांसी की सजा की व्यवस्था को प्रोसेस करना चाहिए. लगता है कि उद्धव ठाकरे जी की सरकार इन महान संतों की हत्या से झुलसकर राख हो जाएगी. जूना अखाड़े के साथ मेरे आत्मीय संबंध हैं. मैं इस घटना को कभी भूलूंगी नहीं. सारे देश को इस घटना की निंदा करनी चाहिए’.

उमा भारती ने की उपवास की अपील

उमा भारती ने संत समाज से अपील करते हुए लिखा, ‘मेरी देश के सभी साधु समाज से अपील है कि उन महान संतों की आत्मा की शांति के लिए एवं इस महापातक के प्रायश्चित के लिए जो संत जहां हैं, उसी स्थान पर रहते हुए उपवास करें’

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बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद उद्धव सरकार निशाने पर है. सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगी, लोग इस मसले को भड़काने की कोशिश ना करें.

क्या है पूरा मामला?

मॉब लिचिंग की घटना में भीड़ ने दो साधुओं समेत कुल 3 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दरअसल, 16-17 अप्रैल की दरमियानी रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई. पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर जान ले ली. भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे. दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे.

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