कोरोना: रैपिड टेस्ट किट पर क्यों लगी रोक, जानिए आईसीएमआर ने क्या कहा – Navbharat Times

कोरोना वायरस टेस्ट
हाइलाइट्स

  • आईसीएमआर ने कोरोना के रैपिड टेस्क किट के प्रयोग पर रोक लगाई
  • आईसीएमआर ने कहा- पॉजिटिव सैंपल्स में वेरिएशन ज्यादा, इसलिए लगाई रोक
  • अगले दो दिनों में आईसीएमआर के 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में करेंगे इस किट का परीक्षण
  • राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने रैपिड टेस्ट किट पर उठाए थे सवाल

नई दिल्ली

कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा राज्यों को दिए गए रैपिड टेस्ट किट से परीक्षण पर अगले दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर ने बताया कि कोरोना के टेस्ट के दौरान आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सैंपल्स में ज्यादा वेरिएशन आ रही है। अब इन रैपिड टेस्ट किट्स का परीक्षण आईसीएमआर के 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में जाकर करेंगे। उसके बाद नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। बता दें कि राजस्थान ने पहले ही रैपिड टेस्ट किट को लेकर सवाल खड़े किए थे।

आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सेंपल्स में वेरिएशन ज्यादा

आईसीएमआर के वैज्ञानिक के आर. गंगाखेड़कर ने कहा कि हमारे द्वारा सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट का डिस्ट्रिब्यूशन हुआ था। कल एक राज्य से शिकायत आई थी कि इन किट्स से कम डिटेक्शन हो रहा है। 3 स्टेट से पूछने के बाद हमको पता चल रहा है कि आईटीपीसीआर के पॉजिटिव सेंपल्स में वेरिएशन ज्यादा है।

फर्स्ट जनरेशन एलाइजा में वेरिएशन ज्यादा

उन्होंने बताया कि आईटीपीसीआर पॉजिटिव सेंपल्स में कई जगहों पर 6 फीसदी से 71 तक वैरिएशन आ रही है। यह अच्छी चीज नहीं है। वेरिएशन ज्यादा दिखने पर उसे इन्वेसिगेट करना होगा। इसके बावजूद कि वह फर्स्ट जनरेशन एलाइजा है। फर्स्ट जनरेशन एलाइजा में वेरिएशन दिखते हैं।

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दिक्कतों को हल करना जरूरी

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर 3.5 महीने हो चुके हैं। जो भी चीझ आएगी उसे आगे डिफाइन करना जरूरी पड़ेगा। हमने निर्णय किया कि इस फाइंडिंग को नजरअंदाज करना सही नहीं रहेगा। दिल्ली में हुए टेस्ट में यह किट 71 फीसदी आईटीपीसीआर पॉजिटिव को पकड़ रही थी। 7 दिन के टाइम के बाद पॉजिटिव आने का चांस बढ़ रहा था।

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दो दिन बाद राज्यों को जारी होंगे नए निर्देश

अगले दो दिनों में हमारे 8 इंस्टीट्यूट फील्ड में जाएंगे। जो किट्स हैं उनमें से लॉट्स लेकर फील्ड में वैलिडेशन किए जाएंगे। इसके बाद ही राज्यों को नए निर्देश दिए जाएंगे। अगर किट में कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित कंपनी को वापस भेजा जाएगा।

राजस्थान सरकार ने पहले ही लगाई थी रोक

राजस्थान सरकार ने पहले ही राज्य में रैपिड टेस्ट किट के प्रयोग पर रोक लगा दिया है। सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना के 100 मरीजों का रैपिड टेस्ट किट के जरिए टेस्ट किया गया, जिसमें से इसने 5 को ही पॉजिटिव बताया। टेस्ट में केवल पांच फीसदी सफलता हासिल करने के बाद से इसपर रोक लगा दी गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह टेस्ट किट गलत परिणाम दे रहा है, हमारी तरफ से कोई प्रक्रियागत चूक नहीं हुई है।

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