राहत के संकेत: केसों का डबलिंग रेट 3.7 दिन से बढ़कर 7.4 दिन हुआ; परेशानी वाली बात: 80% मरीजों में लक्षण नहीं दिखे

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि उसने कुछ राज्य सरकारों को पत्र लिखकर गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने को कहा है। गृह मंत्रालय की तरफ से ब्रीफिंग में मौजूद अधिकारी पुण्य सलिला श्रीवास्त ने कहा, “हमने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा है कि कोरोना संकट को देखते हुए वो नियमों को सख्त कर सकती हैं” स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान में जयपुर, मध्यप्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे, बंगाल में कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले में स्थिति गंभीर है। राहत की बात यह है कि केसों का डबलिंग रेट पिछले 7 दिन में 3.7 दिन से बढ़कर 7.4 दिन हो गया है। लेकिन, फिक्र की बात यह है कि अगर 100 केस सामने आ रहे हैं तो उनमें या तो लक्षण नहीं दिख रहे या फिर बेहद हल्के नजर आते हैं।

मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में पुणे-मुंबई में स्थिति गंभीर
पुण्य सलिला श्रीवास्तव के मुताबिक, “राज्पयों को पत्र लिखना जरूरी था, क्योंकि कुछ राज्यों में ऐसी गतिविधियों की अनुमति दी गई थी, जिन्हें शुरू करने की बात गाइनलाइन में नहीं थी। हमने केरल के फैसलों पर चिंता जताई है। राजस्थान में जयपुर, मध्यप्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे, बंगाल में कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले में स्थिति गंभीर है। यहां केंद्र की विशेष टीमें दौरा करेंगी। उसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग और गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट देंगी।”

24 घंटे में 36 संक्रमितों की मौत
ब्रीफिंग में मौजूद स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, “बीते 24 घंटे में 2400 से ज्यादा लोग स्वस्थ हुए। 36 की मौत हुई है। मामलों का डबलिंग रेट जो लॉकडाउन से पहले 3.7 था। वह बीते 7 दिन में बढ़कर 7.4 हो गया है। ओडिशा और केरल समेत कई राज्यों में इस मामले में सुधार आया है। हम एक संक्रामक रोग से लड़ रहे हैं। एक भी गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर देगी।”

यहां हालात बेहतर
अग्रवाल के मुताबिक, “23 राज्यों के 59 जिलों में 14 दिनों से कोई केस नहीं आया है। उत्तराखंड का पौड़ी गढ़वाल देश का तीसरा ऐसा जिला बना है,जहां पिछले 28 दिन से कोई केस नहीं मिला है। गोवा के सभी मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं। हमने पहले भी कहा है कि अगर 100 लोगों को संक्रमण हुआ है तो 80 में लक्षण नहीं दिखते। अगर उनका कभी टेस्ट होता है तो वे पॉजिटिव आते हैं।”

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पर नजर
अग्रवाल से महराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बढ़ते संक्रमण पर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, “केंद्र की तीन टीमें महाराष्ट्र में रणनीति बना रही हैं। अगर हमारे पास केस आते हैं तो हम उन्हें क्लस्टर या हॉटस्पॉट के तौर पर ट्रीट करते हैं। 80 प्रतिशत केस जिनमें लक्षण नहीं दिखते हैं या जो पॉजिटिव नहीं मिले हैं उन्हें, होम क्वारैंटाइन करते हैं। हमारी सलाह है कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करें। इससे वायरस का ट्रांसमिशन नहीं होगा, चाहे कोई कोरोना का वाहक हो या न हो। कोरोना से बचाव होगा।”

ऐहतियात बरतें पत्रकार
अग्रवाल ने कुछ पत्रकारों के भी संक्रमित होने पर चिंता जताई। कहा, “पत्रकारों का पॉजिटिव पाए जाने का दुख है। जब भी आप काम पर जाएं तो कृपया जरूरी सावधानियां रखें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें और मास्क पहनें।”

आईसीएमआर ने क्या कहा?
इंडियन मेडिकल काउंसिल फॉर रिसर्च (आईसीएमआर) के अधिकारी ने एंटीबॉडी टेस्ट पर जानकारी दी। कहा, “रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों में थोड़ा बहुत अंतर होता है। ये किट तो हमारे यहां पहली बार आई हैं। इन्हें सेंसिटिविटी के लेवर पर टेस्ट किया गया था। हमें जानकारी मिली है कि बंगाल में कुछ टेस्टिंग किट ठीक तरह से काम नहीं कर रहे हैं। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि इन्हें 20 डिग्री से कम तापमान में स्टोर किया जाए। नहीं तो वह ठीक तरह से काम नहीं करेंगी। हमने बंगाल सरकार को बताया है कि 10 हजार अतिरिक्त किट उन्हें दे रहे हैं। एंटीबॉडी टेस्ट 14 दिन के बाद पॉजिटिव आता है। क्योंकि अगर किसी में संक्रमण के लक्षण हैं तो वह पॉजिटिव तो आएगा।”

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हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में सोमवार को मास्क लगाए महिला और बच्चा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घर में बने मास्क या चेहरे पर कपड़ा लपेटने को कहा है। मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि एक गलती पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है।

Source: DainikBhaskar.com

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