कोरोना: भारत भी हुआ चौकन्ना, दुनिया को क्यों डरा रहा चीन का पैसा? – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • चाइनीज इनवेस्टर को सरकार से स्वीकृति लेनी होगी, उसके बाद ही वह भारत में निवेश कर सकेंगे
  • इससे पहले यूरोप में कुछ देशों ने चीन की ओर से बड़े निवेश को लेकर चेतावनी जारी की थी
  • इनवेस्टर्स और स्टार्टअप फाउंडर्स ने सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की है
  • लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे नोटिफिकेशन को लागू करना आसान नहीं होगा

नई दिल्ली

हाल ही में चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की दिग्गज कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC) के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे हैं। इसके बाद अब मोदी सरकार अचानक से सतर्क हो गई है और चीन से आने वाली एफडीआई पर सख्ती कर दी है। कोरोना वायरस से लॉकडाउन के बीच चीन का ये मनी गेम सबके मन में शक पैदा कर रहा है। सरकार ने कहा है कि चीन से सभी फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI from china) के लिए पहले सरकारी मंजूरी (Modi Government action on chinese FDI) लेना जरूरी होगा।

कोरोना से आई गिरावट का उठाया फायदा

भारत में इन दिनों कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown in india) है। अर्थव्यवस्था खतरे में पड़ गई है। सरकार तमाम कोशिशें कर रही है कि कैसे भी कोरोना पर काबू करते हुए फिर से अर्थव्यवस्था की गाड़ी को स्टार्ट किया जाए। लॉकडाउन के बीच एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरों में 32.29 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जनवरी में इसका शेयर करीब 2500 रुपए का था, जो अब 1600 रुपए का हो गया है। इसी बीच मौके का फायदा उठाते हुए चीन ने एचडीएफसी लिमिटेड के बहुत सारे शेयर खरीद लिए हैं।

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चीन पर शक की नजर

पहले चीन के खिलाफ ये बातें हो रही थीं कि चीन ने जानबूझ कर वायरस पैदा किया है। कहा गया कि इसे चीनी लैब में ही बनाया गया है, जहां से ये लीक हुआ। अब जब भारत इससे जूझ रहा है तो चीन ने भारत की कंपनी में निवेश किया है। ऐसे में शक जताया जा रहा है कि कहीं ये सब चीन की साजिश का हिस्सा तो नहीं कि पहले किसी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करो और फिर मौके का फायदा उठाकर उसे खरीदना शुरू कर दो?

भारतीय कंपनियों को बचाने का काम शुरू

मोदी सरकार भले ही अभी कोरोना वायरस से लड़ने में व्यवस्त है, लेकिन देश-दुनिया में हो रही बाकी हलचल पर भी उसकी पूरी नजर है। यही वजह है कि अब मोदी सरकार ने भारत की कंपनियों को बचाने की कोशिश शुरू कर दी है।

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एचडीएफसी में 1.01 फीसदी हिस्सेदारी

BSE से मिली जानकारी के मुताबिक इन निवेश के बाद अब एचडीएफसी लिमिटेड में में चीनी केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी 1.01 फीसदी हो गई है। बता दें कि एचडीएफसी में पहले से ही कई विदेशी कंपनियों और संस्थाओं की इससे ज्यादा की हिस्सेदारी है। इनमें इनवेस्को ओपनहीमर डेवलपिंग मार्केट फंड (3.33%), सिंगापुर सरकार (3.23%) और वैनगॉर्ड टोटल इंटरनेशनल स्टॉक इंडेक्स फंड (1.74%) भी शामिल हैं।

इन कंपनियों पर पड़ेगा असर

मोदी सरकार के इस सख्त कदम से पेटीएम, जोमैटो, बिगबास्केट और ड्रीम11 जैसी कंपनियों पर असर पड़ सकता है। गई स्टार्टअप भी फंड की बातचीत कर रहे थे, उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना होगा। यूनिकॉर्न यानी वो स्टार्टअप जिनका वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से अधिक होता है, उन्हें भी इससे बड़ी दिक्कत होने वाली है।

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