पटना:
देश में कोरनावायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,712 हो गई है. वहीं, Covid-19 से अब तक 507 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच कोटा (Kota) में फंसे बिहार के बच्चों को लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पूर्व सहयोगी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ‘कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा. अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है. नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
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कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
इससे पहले भी कोटा में फंसे छात्रों को लेकर प्रशांत किशोर ने कई ट्वीट कर नीतीश पर निशाना साधा है. इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था, ‘देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं. स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है. PM के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की.
देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और @NitishKumar जी #lockdown की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं
स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है। PM के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की।https://t.co/14AZULeFkQ
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 18, 2020
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘नीतीश जी शायद इकलौते ऐसे CM हैं जो पिछले एक महीने से लॉकडाउन के नाम पर आपने बंगले से बाहर नहीं निकले हैं. साहेब की संवेदनशीलता और व्यस्तता ऐसी है कि कुछ करना तो दूर इस दौरान बिहार के फंसे हुए लोगों की मदद के लिए आपने किसी राज्य के CM से फ़ोन पर भी बात करना ज़रूरी नहीं समझा..
नीतीश जी शायद इकलौते ऐसे CM हैं जो पिछले एक महीने से #lockdown के नाम पर आपने बंगले से बाहर नहीं निकले हैं।
साहेब की समवेदनशीलता और व्यस्तता ऐसी है कि कुछ करना तो दूर इस दौरान बिहार के फँसे हुए लोगों की मदद के लिए आपने किसी राज्य के CM से फ़ोन पर भी बात करना ज़रूरी नहीं समझा।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 18, 2020
बता दें कि बिहार में मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों की बात नीचे के अधिकारी नहीं सुनते. ऐसा ही एक उदाहरण में एक भाजपा विधायक अनिल सिंह को अपने बेटे को कोटा से लाने के लिए विशेष पास जारी किया गया, जबकि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लॉकडाउन के सिद्धांत के ख़िलाफ़ अन्याय तक बताया था.
हालांकि ये आदेश नवादा ज़िला प्रशासन द्वारा पंद्रह तारीख़ को जारी किया गया था, लेकिन उसी समय सैकड़ों छात्र जो दो दिन पहले कोटा प्रशासन से पास लेके बिहार सीमा पर प्रवेश कर रहे थे तब उन्हें रोका गया था. हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने उन्हें घर जाने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि उन्हें होम क्वॉरंटीन में रखा जायेगा.
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