गोवा ने कैसे दी कोरोना वायरस को मात, स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताई ‘विजयगाथा’ – Navbharat Times

सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स

  • कोरोना मुक्त हुआ गोवा, राज्य के सातों मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज
  • गोवा में 3 अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस का कोई मामला सामने भी नहीं आया है
  • गोवा के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, कोरोना के खिलाफ कैसे जीती राज्य ने बड़ी लड़ाई
  • देश में कोरोना के एक-दो मामले मिलना शुरू हुए, तभी अलर्ट हो गया था गोवा

पणजी

कोरोना वायरस जहां धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने पैर पसार रहा है, वहीं गोवा जैसा राज्य रविवार को इस वायरस से पूरी तरह उबर आया और अब आधिकारिक रूप से कोरोना मुक्त हो चुका है। राज्य के सातों मरीज पूरी तरह ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं और यहां 3 अप्रैल के बाद से कोरोना का कोई मामला सामने भी नहीं आया है। यह उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है क्योंकि राज्य में विदेशी टूरिस्ट्स का फुटफॉल बहुत ज्यादा रहता है और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र कोरोना से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित है। आखिर गोवा में यह कैसे संभव हुआ और कैसे उन्होंने मरीजों के आंकड़े को बढ़ने नहीं दिया, इन्हीं सब बातों को लेकर एनबीटी ऑनलाइन ने गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे से बात की।

स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया, ‘जब देश में कोरोना के अलग-अलग राज्यों में एक-दो मामले मिलना शुरू हुए थे तभी हम अलर्ट हो गए थे। कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के केस मिलते ही हमने राज्य के बॉर्डर्स को सील कर दिया था। इसके अलावा हमने आम लोगों और डॉक्टरों के बीच संपर्क को कम करना शुरू कर दिया क्योंकि हम सबसे पहले अपने फ्रंटलाइन वॉरियर्स डॉक्टर्स को पूरी तरह सुरक्षित करना चाहते थे। इसके लिए हमने ओपीडी बंद कर दीं और सिर्फ इमरजेंसी चिकित्सा सेवा जारी रखी।’



कोरोना से लड़ाई में ली टेक्नॉलजी की मदद


राणे ने बताया, ‘इसके अलावा हमने टेक्नॉलजी की भरपूर मदद ली। हम देश के पहले राज्य थे जिसने वॉट्सऐप पर चैटबॉट की शुरुआत की और 7-8 सवालों के जवाब देकर हर कोई घर बैठे असेस कर सकता है कि उसमें कोरोना के लक्षण हैं या नहीं। इसके अलावा कॉलडॉक सेवा शुरू की, जहां कोई समस्या महसूस होने पर कॉल के जरिए चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकता है।’

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‘गोवा ने पहले उठाए कई जरूरी कदम’

उन्होंने बताया, ‘हम देश के पहले राज्य थे जिसने सबसे पहले कोरोना के इलाज के लिए अलग कोविड हॉस्पिटल बनाने का प्रस्ताव रखा था। गोवा पहला राज्य था जिसने बाहर निकलने पर मास्क पहनना जरूरी कर दिया था। हमने टेस्टिंग को बढ़ाया और इसमें हमें आईसीएमआर का पूरा सपोर्ट मिला। हमने टेस्टिंग किट्स खरीदीं और कई जगह पीसीआर, आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की शुरुआत की।’

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वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग करते स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे



इंडस्ट्रीज शुरू होंगी, मगर मजदूरों की टेस्टिंग के बाद


स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि आज की तारीख में जब गोवा में कोरोना पूरी तरह खत्म हो चुका है, तो हमारा फोकस इंडस्ट्रीज को शुरू करने की है। मगर उसके लिए कर्मचारियों और प्रवासी मजदूरों की टेस्टिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम भले ही कोरोना मुक्त हैं, मगर इसका मतलब यह नहीं हैं कि हम कोरोना से सुरक्षित हैं। ये सब मन को दिलासा देने वाली बातें हैं। हम पूरी तरह अलर्ट हैं और 3 मई तक लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराएंगे।



‘हमारा पूरा फोकस डॉक्टरों की ट्रेनिंग पर’


राणे ने कहा, ‘आज हम अच्छी स्थिति में हैं। हमारा फोकस अब डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की ट्रेनिंग पर है। हमने 200 वेटिंलेटर्स ऑर्डर किए हैं। मगर उसका फायदा तभी है जब इतने वेटिंलेटर्स को हैंडल करने के लिए हमारे पास प्रशिक्षित मेडिकल स्ट्रेंथ हो। नर्सों को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी जा रही है।’

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बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट की चुनौती से ऐसे निपटे


गोवा में देसी और विदेशी टूरिस्ट का फुटफॉल बहुत ज्यादा रहता है। ऐसे में कोरोना की शुरुआत पर गोवा इस चुनौती से कैसे निपटा? इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री राणे ने कहा, ‘भारत में कोरोना की शुरुआत होने पर अलग-अलग देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों को बुलाने के लिए चार्टर फ्लाइट भेजीं। हालांकि हमने ज्यादातर की रैंडम टेस्टिंग की और इनमें से किसी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। ज्यादातर लोग यहां पिछले 1-2 महीने से रह रहे थे। इसके अलावा जो थोड़े-बहुत विदेशी टूरिस्ट बचे भी, उन्हें वो जहां थे वहीं क्वारंटीन कर दिया गया। फिलहाल राज्य में विदेशी टूरिस्ट की संख्या लगभग न के बराबर है।’

‘गोवा ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन हो…इससे फर्क नहीं पड़ता’

गोवा के कोरोना फ्री होने के लिए स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, अपने फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे- डॉक्टर्स, पेशंट अटेंडेंट, राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत को देते हैं। उन्होंने कहा, ‘असली चुनौती अब शुरू होती है। हम रैंडम टेस्टिंग शुरू करेंगे और लॉकडाउन का 3 मई तक कड़ाई से अनुपालन कराएंगे। गोवा ग्रीन जोन हो, रेड जोन हो, ऑरेंज जोन हो, इसका हमें कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ता है। हमारा काम जारी रहना चाहिए।’

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