कोरोना वायरस: तेजी से बढ़ने लगा देश में संक्रमण का ग्राफ, नए मामलों में 65 प्रतिशत अकेले तबलीगी जमात से जुड़े – Navbharat Times

देशभर में तबलीगी जमात से जुड़े कुल 647 मामले आए सामने: स्वास्थ्य मंत्रालय
हाइलाइट्स

  • तबलीगी जमात के लोगों की बड़े पैमाने पर जांच के बाद देश में तेजी से बढ़े कोरोना के कन्फर्म केस
  • पिछले दो दिनों में ही निजामुद्दीन में हुए जलसे में शामिल हुए 14 राज्यों के 647 लोगों को कोरोना
  • गुरुवार को रात पौने 12 बजे तक 485 नए केस आए थे, उनमें से अकेले तबलीगी जमात से जुड़े 295 केस

नई दिल्ली

देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। नए मामलों में सबसे बड़ी तादाद तबलीगी जमात के मुख्यालय निजामुद्दीन मरकज में पिछले महीने हुए जलसे में शामिल हुए लोगों की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 2 दिनों में ही तबलीगी जमात से जुड़े 647 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि को चुकी है। ये केस देश के 14 राज्यों में सामने आए आए हैं। पिछले 2-3 दिनों से देश में कोरोना के जितने नए केस सामने आ रहे हैं, उनमें आधे से ज्यादा मामले मरकज से जुड़े हुए हैं।

65% नए केस तबलीगी जमात से जुड़े

गुरुवार को रात पौने 12 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के कुल 485 नए मामलों की पुष्टि हुई थी। इनमें से कम से कम 295 केस उन लोगों के थे, जिन्होंने निजामुद्दीन मरकज में हुए जलसे में शिरकत की थी। यानी करीब 65 प्रतिशत नए केसों का स्रोत तबलीगी जमात का जलसा है।

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गुरुवार तक दिल्ली में कुल 293 केस थे जिनमें से अकेले मरकज से जुड़े मामले 182 थे। पिछले 24 घंटे में सिर्फ दिल्ली में मरकज से जुड़े 3 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कोरोना से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें से कम से कम 20 मौतें तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की हुई है।

तबलीगी जमात के बारे में सबकुछ, पाकिस्तान, मलेशिया में भी फैलाया कोरोना, देखें ख़बरों का पंचनामा अनुराग वर्मा के साथ
तबलीगी जमात के बारे में सबकुछ, पाकिस्तान, मलेशिया में भी फैलाया कोरोना, देखें ख़बरों का पंचनामा अनुराग वर्मा के साथतबलीगी जमात, मरकज और निजामुद्दीन इलाका…कोरोना लॉकडाउन के बीच ये तीन शब्द देशभर की जुबान पर हैं। तबलीगी जमात दुनिया की सबसे बड़ी इस्लामिक मिशनरी है, जो भारत से ही निकली है। वैसे तो इसका काम इस्लाम का प्रचार-प्रसार करना है, लेकिन इन दिनों ये एशिया के देशों में कोरोना का प्रसार करने के लिए चर्चा में है। मेलेशिया, पाकिस्तान और अब भारत। तीनों जगहों पर कोरोना के केसों में उछाल के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। भारत से पहले मलेशिया और पाकिस्तान में भी तबलीगी जमात के कार्यक्रम हुए। मलेशिया की मस्जिद में इसके लिए 16 हजार लोग जुटे थे। इसमें से 620 लोग बाद में कोरोना पॉजेटिव पाए गए, जो साउथ ईस्ट एशिया की आधे दर्जन से ज्यादा देशों में अपने-अपने घर पहुंच चुके थे। मलेशिया में मरकज यानी मीटिंग चार दिन हुई, इसमें 30 देशों के लोग पहुंचे थे। बाद में थाइलैंड, बुरनेई में कोरोना के मामले सामने आए, ये वही लोग थे जो मलेशिया जमात में पहुंचे थे। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे इस धार्मिक कार्यक्रम को वजह माना जा रहा है। लाहौर में भी तबलीगी जमात का कार्यक्रम होना था। इसमें करीब डेढ़ लाख लोग पहुंचे थे। कोरोना को देखते हुए कार्यक्रम तो नहीं हुआ लेकिन लोग वहां पहुंच चुके थे। भीड़ इतनी थी कि लोगों को खुले में ही सोना पड़ा था। यहां कोरोना और तबलीगी जमात आपस में कैसे जुड़े हैं यह इससे समझिए। पाकिस्तान में फिलहाल कोरोना से सबसे ज्‍यादा प्रभावित पंजाब प्रांत है, जहां पर यह तबलीगी इज्तिमा हुआ था। Watch Khabron Ka Punchnama with Anurag Varma

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तमिलनाडु में 102 नए केस, 100 तबलीगी से जुड़े

शुक्रवार को तमिलनाडु में कोरोना वायरस संक्रमण के 102 नए मामले सामने आए। इनमें से 100 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने निजामुद्दीन मरकज में हुए जलसे में शिरकत की थी। अब तमिलनाडु में कोरोना पॉजिटिव केसों के मामले बढ़कर 411 हो चुके हैं, जिनमें से 364 तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं। तमिलनाडु की स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज में हुए जलसे में शिरकत करने वाले सूबे के 1200 लोगों को ट्रेस किया जा चुका है। सभी को क्वारंटीन में रखा गया है।

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भारत में कोरोना वायरस के आंकड़ों में इस तेजी के लिए बहुत हद तक तबलीगी जमात की लापरवाही जिम्मेदार है। निजामुद्दीन मरकज का मामला जैसे ही खुला, कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे। मध्य मार्च में मरकज में हुए मजहबी जलसे में देश-विदेश से करीब 8 से 9 हजार लोग शामिल हुए थे। जमात की लापरवाही कितनी भारी पड़ी है, इसका अंदाजा आप भारत में कोरोना वायरस केसों के ट्रेंड से लगा सकते हैं।

कोरोना: थाली-ताली के बाद मोदी ने अब देश में मांगे 9 मिनट
कोरोना: थाली-ताली के बाद मोदी ने अब देश में मांगे 9 मिनटप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम जारी अपने वीडियो मेसेज में देशवासियों से 5 अप्रैल, रविवार को रात नौ बजे घरों सारी बत्तियां बुझाकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया। देखिए पूरा संदेश

‘तबलीगी जमात से कोरोना के 647 केस आए सामने’

28 दिन में 3 से हजार पहुंचा आंकड़ा, सिर्फ 4 दिनों में 2000 पार

पिछले महीने की शुरुआत यानी 1 मार्च तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या महज 3 थी। 14 मार्च तक यह आंकड़ा बढ़कर 100 हुआ। 24 मार्च को इस आंकड़े ने 500 को पार किया और 29 मार्च को हजार का आंकड़ा छुआ था। तब तक तबलीगी जमात की लापरवाही का खुलासा हो चुका था।

‘मुझे लगता है कोरोना हो गया है’

  • 'मुझे लगता है कोरोना हो गया है'

    सहारनपुर में गन्ना विकास परिषद में तैनात 38 साल के क्लर्क का ऑफिस में ही पंखे से लटकता शव मिला। उसने कोरोना के खौफ से ही आत्महत्या कर ली। उसे न ही कोरोना के लक्षण थे और न ही वह बीमार था लेकिन उसके दिमाग में यह बात बैठ गई कि उसे कोरोना हो जाएगा। उसने अपने सूइसाइड नोट में भी लिखा, ‘मैं कोरोना से डरा हुआ हूं। मुझे बच्चों की चिंता है। मुझे लगता है कि मैं कोरोना का शिकार हो गया हूं। 10 दिन से सोया नहीं हूं।’ एसएसएपी सहारनपुर ने भी माना कि आत्महत्या करने वाला शख्स डिप्रेशन में था।
  • सब्जी वाले कर ली आत्महत्या, बाद में निकला कोरोना नेगेटिव

    इसी तरह शामली में कोरोना के संदिग्ध मरीज ने आइसोलेशन वॉर्ड में गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि 35 साल का यह शख्स दिल्ली में सब्जी बेचता था। 30 मार्च को वह अपने गांव लौटा था। वह बीमार था। अगले दिन उसने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और खुद को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा। बाद में उसे क्वारंटीन वॉर्ड में भर्ती किया गया और टेस्ट के लिए सैंपल मेरठ लैब भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट आती लेकिन उससे पहले ही उसने आत्महत्या कर ली थी। बाद में पता चला कि वह कोरोना नेगेटिव था।
  • क्वारंटीन सेंटर से भागा, फिर कर लिया सूइसाइड

    लखीमपुर में एक 23 साल का प्रवासी मजदूर अपने परिवार से मिलने के लिए क्वारंटीन सेंटर से भागा था, पर अधिकारी उसे खोज लाए। गुरुवार को वह फिर भागा, लेकिन यह पता चलने पर कि पुलिस उसे ढूंढ रही है उसने आत्महत्या कर ली। यह युवक 28 मार्च को गुरुग्राम से यूपी लौटा था। सरकारी आदेश के मुताबिक, उसे क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था।
  • गांव वालों को न हो कोरोना इसलिए दे दी जान

    इससे पहले 30 मार्च को एक किसान ने मथुरा में आत्महत्या कर ली थी। किसान को सर्दी और बुखार था। उसे डर था कि उसे कोरोना हो गया और पूरे गांव संक्रमण न हो इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। 24 मार्च को सर्दी-बुखार से परेशान एक युवक ने कानपुर में आत्महत्या कर ली थी। उसे डर था कि उसे कोरोना हो गया है। वहीं हापुड़ और बरेली में दो युवकों ने आत्महत्या कर ली थी। उन्हें डर था कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। (तस्वीर- सांकेतिक)
  • दिल्ली के सफदरजंग में कोरोना संदिग्ध ने की थी आत्महत्या

    पिछले दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भी एक कोरोना वायरस के संदिग्ध ने खुदकुशी कर ली थी। मरीज ने अस्पताल की 7वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी थी। 35 वर्षीय मृतक ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से वापस लौटा था। पीड़ित शख्स पिछले एक साल से सिडनी में रह रहा था। बाद में जब उसकी रिपोर्ट सामने आई तो वह कोरोना निगेटिव निकला। इसी तरह देश के अलग-अलग हिस्सों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक से कोरोना संदिग्धों की आत्महत्या की खबरें आई थीं।
  • 'बहुत ज्यादा न सोंचे, न ज्यादा पढ़ें, परिवार से शेयर करें'

    हमने इस बारे में बात की केजीएमयू के मनोरोग विभाग के हेड डॉ. पीके दलाल से। उन्होंने बताया, ‘लोगों में इन दिनों मास पैनिक, मास इनसिक्यॉरिटी और मास एंजाइटी बढ़ रही है। जो पहले से डिप्रेशन में हैं हमारे पास उनके कॉल ज्यादा आ रहे हैं। हम उन्हें यही सलाह देते हैं कि कुछ भी हो, मन में कोई गलत ख्याल आए, अपने परिवार से जरूर बताइए। संवाद का रास्ता खुला रहना चाहिए। इसके अलावा हमेशा इसी से संबंधित खबरें न पढे़ न देखें। दिन में बस एक या बहुत ज्यादा दो बार अपडेट के लिए नजर रखें। बाकी परिवार के साथ वक्त बिताएं।’
  • 'दो घंटे की काउंसलिंग से दूर हो सकते हैं आत्महत्या के विचार'

    इसी तरह संस्था बोधी ट्री की एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर साइकोथेरपिस्ट डॉ. नेहा आनंद ने बताया, ‘अगर किसी के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं और हम उससे दो घंटे तक बात कर लें या काउंसलिंग करें तो सूइसाइडल थॉट बहुत हद तक कम हो सकते हैं। डॉ. नेहा बताती हैं, ‘दो घंटे का ग्राफ होता है, इस वक्त आदमी कुछ और सोच ही नहीं पाता और आत्महत्या के विचार से घिरा रहता है। अगर हमने दो घंटे तक उससे बात की तो उसके मन से आत्महत्या के विचार जा सकते हैं।’
  • हेल्पलाइन नंबर और 26 एक्सपर्ट्स के जरिए देशभर के लोगों की मदद

    डॉ. नेहा बताती हैं कि उनके पास महाराष्ट्र से एक केस आया था जिसमें 24 से 25 साल का एक युवक लॉकडाउन के चलते बिजनस ठप होने से आहत था और जिंदगी खत्म करना चाहता था। उन्होंने बताया कि उन्होंने युवक की काउंसलिंग के अलावा कई थेरपी जैसे- कॉग्नेटिव बिहेवियर थेरपी, रिलेक्सेशन और माइंड फुलनेस थेरपी भी दी। इससे अब वह राहत महसूस कर रहा है। डॉ. नेहा ने पैन इंडिया एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है जिससे करीब 26 एक्सपर्ट्स जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि इस वक्त उनके पास कोरोना से जुड़े एंजाइटी केस काफी आ रहे हैं जिसके लिए वे ऑनलाइन काउंसलिंग कर रहे हैं।

इसके बाद देश के तमाम राज्यों में जगह-जगह निजामुद्दीन मरकज में हुए जलसे में शामिल होने वाले लोगों की तलाश और जांच का सिलसिला शुरू हुआ। इसके साथ ही कोरोना केसों का जैसे विस्फोट होने लगा। 1 मार्च को 3 केस के बाद अगले 28 दिनों में यह आंकड़ा 1000 पहुंचा था, लेकिन यहां से इसे 2000 पहुंचने में महज 4 दिन लगे।

NBT

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